सोनीपत: गोहाना की इंदरगढ़ी के निवासी सुरेश कुमार और पुलिस के बीच हुई कहासुनी पर लंबे समय के बाद फैसला आया है. जिसमें मानवाधिकार ने फैसले की सुनवाई करते हुए पुलिस पर 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. इसी शिकायत को लेकर गोहाना निवासी सुरेश कुमार हरियाणा पुलिस के खिलाफ हाई कोर्ट में जाने की तैयारी कर रहे हैं.
2015 में पुलिस ने की थी गिरफ्तारी
सुरेश कुमार गोहाना की इंदरगढ़ी के निवासी हैं. उन्होंने 2015 में हरियाणा मानवाधिकार को गुहार लगाई थी कि वो और उसका भाई जो कि एक मामले में एक फौजदारी केस में मौके के गवाह थे. उसको उस केस में अभियुक्त ने गवाही न देने के लिए कहा और धमकी भी दी और जातिसूचक शब्द भी कहे थे, जिसकी शिकायत सिटी थाना गोहाना में की गई, परंतु पुलिस कर्मचारियों ने उल्टा उनके साथ ही दुर्व्यवहार किया.
लॉकअप में उतारे कपड़े
धारा 107 और 151 में मामला दर्ज करके पुलिस ने मेरे और मेरे भाई को निर्वस्त्र कर लॉकआप के अंदर बंद कर दिया था. इसके बाद मैंने सोनीपत एसपी को शिकायत दी लेकिन 3 साल तक मेरी कोई शिकायत पर समाधान नहीं हुआ. बाद में मैंने हरियाणा मानवाधिकार में इसकी एक पिटीशन दाखिल की जिसकी सुनवाई करते हुए हरियाणा पुलिस को गिल्टी फील कराई गई.
इसे भी पढ़ें- 'आप' के 70 में 36 उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले : एडीआर
हाईकोर्ट की शरण में जाएंगे सुरेश कुमार
मानवाधिकार ने पुलिस कर्मचारियों को दोषी माना और दोनों पीड़ितों को 15 -15 हजार का मुआवजा देने के लिए फैसला सुनाया है. हरियाणा पुलिस को निर्देश दिए कि लॉकअप में आने वाले व्यक्तियों के कपड़े नहीं उतरवाए जाएंगे. यह मानवाधिकार के खिलाफ है. सुरेश कुमार ने बताया कि हरियाणा पुलिस के खिलाफ हरियाणा एवं पंजाब हाई कोर्ट में भी पिटीशन दाखिल करेंगे.