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22 जुलाई से संसद के बाहर प्रदर्शन करेंगे किसान, जानें क्या है रणनीति

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Published : Jul 20, 2021, 8:54 PM IST

कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसान अब संसद कूच करने वाले हैं. 22 जुलाई से किसानों का जत्था रोजाना संसद के बाहर प्रदर्शन करेगा.

farmers protest outside parliament
22 जुलाई से संसद के बाहर प्रदर्शन करेंगे किसान, जानें क्या है रणनीति

सोनीपत: कुंडली बॉर्डर पर पंजाब के 32 किसान जत्थेबंदियों की अहम बैठक हुई और बैठक के बाद किसान जत्थेबंदियों के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान किसान नेताओं ने स्पष्ट किया कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें मौखिक तौर पर संसद के बाहर प्रदर्शन करने की अनुमति तो दे दी है लेकिन अभी लिखित का इंतजार है. उन्होंने कहा कि 200 किसानों का एक जत्था पहले दिन संसद के बाहर जाएगा और वहां पर किसानों की संसद लगाई जाएगी.

गौरतलब है कि 22 जुलाई को किसान संगठनों ने दिल्ली में संसद के बाहर प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. जिसके चलते मंगलवार को पंजाब की 32 किसान जत्थेबंदियों ने एक अहम बैठक की. बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए. सबसे बड़ा फैसला संसद कूच को लेकर किया गया.

बैठक के बाद किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि दिल्ली पुलिस ने किसानों को मौखिक तौर पर ही सही लेकिन प्रदर्शन की अनुमति दी है. ऐसे मों 22 जुलाई को सुबह 9 बजे कुंडली बॉर्डर से 200 किसानों के एक जत्थे को संसद के लिए रवाना करेंगे, जिसमें 5 बसें शामिल होंगी.

ये भी पढ़िए: 22 जुलाई से रोजाना संसद मार्च करेगा किसानों का जत्था, जानिए क्या है रणनीति

किसान नेताओं ने कहा कि बसों में बैठने से पहले सभी किसानों के आधार कार्ड चेक किए जाएंगे ताकि कोई भी शरारती तत्व किसानों की आड़ में दिल्ली ना चला जाए. वहीं उन्होंने कहा कि वो संसद के बाहर किसानों की संसद चलाएंगे, जिसमें स्पीकर और डिप्टी स्पीकर भी नियुक्त किए जाएंगे और वहां पर हर रोज कृषि कानूनों पर चर्चा की जाएगी.

ये भी पढ़िए: विपक्षी दलों को चेतावनी पत्र जारी करेंगे किसान, ऐसे हो रही आंदोलन तेज करने की तैयारी

किसान नेताओं ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी शरारती तत्वों के जरिए किसान आंदोलन को बदनाम और तोड़ना चाहती है. हमने स्थानीय प्रशासन को इस बाबत एक लेटर भी लिखा है. लेटर में कहा गया है कि शरारती तत्व उनके आंदोलन को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. अगर किसान आंदोलन में कोई भी हिंसक घटना होती है तो उसकी जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ प्रशासन की होगी.

सोनीपत: कुंडली बॉर्डर पर पंजाब के 32 किसान जत्थेबंदियों की अहम बैठक हुई और बैठक के बाद किसान जत्थेबंदियों के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान किसान नेताओं ने स्पष्ट किया कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें मौखिक तौर पर संसद के बाहर प्रदर्शन करने की अनुमति तो दे दी है लेकिन अभी लिखित का इंतजार है. उन्होंने कहा कि 200 किसानों का एक जत्था पहले दिन संसद के बाहर जाएगा और वहां पर किसानों की संसद लगाई जाएगी.

गौरतलब है कि 22 जुलाई को किसान संगठनों ने दिल्ली में संसद के बाहर प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. जिसके चलते मंगलवार को पंजाब की 32 किसान जत्थेबंदियों ने एक अहम बैठक की. बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए. सबसे बड़ा फैसला संसद कूच को लेकर किया गया.

बैठक के बाद किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि दिल्ली पुलिस ने किसानों को मौखिक तौर पर ही सही लेकिन प्रदर्शन की अनुमति दी है. ऐसे मों 22 जुलाई को सुबह 9 बजे कुंडली बॉर्डर से 200 किसानों के एक जत्थे को संसद के लिए रवाना करेंगे, जिसमें 5 बसें शामिल होंगी.

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किसान नेताओं ने कहा कि बसों में बैठने से पहले सभी किसानों के आधार कार्ड चेक किए जाएंगे ताकि कोई भी शरारती तत्व किसानों की आड़ में दिल्ली ना चला जाए. वहीं उन्होंने कहा कि वो संसद के बाहर किसानों की संसद चलाएंगे, जिसमें स्पीकर और डिप्टी स्पीकर भी नियुक्त किए जाएंगे और वहां पर हर रोज कृषि कानूनों पर चर्चा की जाएगी.

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किसान नेताओं ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी शरारती तत्वों के जरिए किसान आंदोलन को बदनाम और तोड़ना चाहती है. हमने स्थानीय प्रशासन को इस बाबत एक लेटर भी लिखा है. लेटर में कहा गया है कि शरारती तत्व उनके आंदोलन को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. अगर किसान आंदोलन में कोई भी हिंसक घटना होती है तो उसकी जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ प्रशासन की होगी.

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