सिरसा: जल स्टार, जल योद्धा और वाटर हीरो के नाम से जाने वाले सिरसा के रमेश गोयल 15 साल से जल संरक्षण पर काम कर रहे हैं. इतना ही नहीं रमेश गोयल ने जल बचत को लेकर जल चालीसा भी लिख दी है. जिसकी 75 हजार कॉपियां अभी तक लोगों में बांट चुके हैं. इस काम के लिए इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड भी वाटर मैन रमेश गोयल को सम्मानित कर चुकी है.
जल संरक्षण पर उनके योगदान और सोच को देखते हुए जल शक्ति मंत्रालय ने उन्हें वाटर मैन की उपाधि से नवाजा है. पेशे से वकील होने के बावजूद अपने व्यस्त प्रोफेशन से समय निकाल कर वो हमेशा जल संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करते हैं.
15 साल से कर रहे जल संरक्षण पर काम: वाटरमैन रमेश गोयल ने बताया कि वो पिछले 15 साल से जल संरक्षण का काम कर रहे हैं. मई 2008 में उन्होंने पानी की कमी को लेकर एक लेख पढ़ा. जिसमें पानी की कमी के बारे में बताया गया था. उसमें बताया गया था कि कैसे 2050 में पानी की कमी होने वाली है. उस वक्त उन्हें लगा कि ये काफी गंभीर समस्या है.
इसके बाद उन्होंने लोगों को जागरूक करने का फैसला किया. इसके लिए उन्होंने सबसे पहले छात्रों को चुना ताकि शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहा देश का भविष्य अपने आने वाले कल के लिए सचेत हो सके. रमेश गोयल अब तक 500 के करीब शिक्षण संस्थानों में जाकर छात्रों को जागरूक कर चुके हैं.
प्रदेश और केंद्र सरकार कर चुकी सम्मानित: रमेश गोयल ने जल संरक्षण के लिए जल चालीसा भी लिखी है. जिसकी 70 हजार कॉपियां अब तक लोगों में बांट चुके हैं. जल संरक्षण के लिए उनके कार्यों को देखते हुए हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार उन्हें सम्मानित भी कर चुकी है. रमेश गोयल ने बताया कि जब मैंने इस मुहिम की शुरुआत कि तो सबसे पहले मैंने पम्पलेट छपवाए, ताकि बच्चों के घरों तक इस संदेश पहुंचाया जा सके.
रमेश गोयल ने कहा कि अभी तक साढ़े 3 लाख पम्फलेट बांट चुके हैं. साथ ही जल चालीसा के भी अब तक 75 हजार कॉपियां लोगों तक पहुंचा चुके हैं. इतना ही नहीं उनकी जल चालीसा 36 भाषाओं में अनुवाद भी हो चुका है. रमेश गोयल का कहना है कि लोगों को ज्यादा से ज्यादा बरसात के पानी का इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि पानी का संरक्षण किया जा सके. रमेश का कहना है कि अगर लोग बरसात के पानी को इस्तेमाल करना सीख जाते हैं, तो एक बरसात से करोड़ों लीटर पानी की बचत की जा सकती है.
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