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सिरसा में बारिश और तेज हवा से गिरी धान की फसल

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Published : Nov 10, 2019, 6:55 PM IST

सिरसा के रानियां में शनिवार शाम को हुई तेज हवाओं के साथ बारिश से खेतों में पानी भर जाने के कारण धान की फसलों को भारी नुकसान हुआ है, धान की फसल खेतों में गिर गई है और पानी उसके ऊपर आ गया है.

सिरसा में बारिश और तेज हवा से गिरी धान की फसल

सिरसा: सिरसा के रानियां में शनिवार शाम को हुई बारिश से किसानों की धान की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. बरसात इतनी तेज थी की खेतों में पानी भर गया, पानी भरने के कारण धान की फसल खेतों में ही गिर गयी है.

किसानों का कहना है कि अब अगर हाथ से कटाई कराते हैं तो मजदूर डबल रेट पर काम करेंगे. वहीं इस समय गिली फसल को कंबाइन से भी नहीं कटाया जा सकता है और पकी फसल पर बारिश से फसल के उत्पादन में भी कमी आएगी.

गेहूं की फसल में होगी देरी
किसानों ने जानकारी देते हुए बताया कि बारिश की वजह से जिले में करीब 50 प्रतिशत से ज्यादा धान की कटाई नहीं हो पाई है. धान की फसल को अब समय पर नहीं काटा जा सकता जिसके कारण अब हम लोगों को गेहूं की फसल बोने में भी देरी होगी.

सिरसा में बारिश और तेज हवा से गिरी धान की फसल

किसानों ने की मुआवजे की मांग
किसानों का कहना है कि पहले ही उन्हें महंगे खाद, दवाइयों और कड़ी मेहनत से अपनी फसल को तैयार किया था. लेकिन जब फसल तैयार हुई तो फसलों पर प्रकृति की मार पड़ गई है. किसानों ने मांग की है कि सरकार जल्द-से-जल्द नुकसान का सर्वे करा-कर खराब हुई फसल के आधार पर मुआवजा दे.

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Intro:एंकर - सिरसा में बुधवार शाम को हुई बारिश से किसानों को धान की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। खासकर सिरसा के रानियां हल्के में बारिश का ज्यादा नुकसान देखने को मिला है। खेतों में पानी भरने से धान की फसल खेतों में ही गिर गयी है। अब अगर हाथ से कटाई करवाते हैं तो मजदूर डबल रेट पर काम करेंगे , वहीं कंबाइन से इसकी कटाई नामुमकिन है। ऐसे में पकी फसल पर बारिश से उत्पादन में भी कमी आएगी। वहीं गेहूं की बिजाई में भी देरी होगी। जिले में अभी करीब 50 प्रतिशत से ज्यादा धान की कटाई होनी बाकी है। Body:

वीओ - पिछले बुधवार को अचानक मौसम गड़बड़ाया गया और तेज हवा के साथ बरसात शुरू हो गई। रानिया क्षेत्र के कई गांवों में तो जमकर ओलावृष्टि हुई। जिससे खेत के खेत बर्बाद हो गए। एक अनुमान के मुताबिक खेतों में लहलहा रही धान की फसल में 25 से 50 फीसदी तक नुक्सान हो चुका है। रानिया हल्के के गांव जीवननगर, संतनगर, हरिपुरा, दमदमा, बालासर, महमदपुरियां, भड़ोलियांवाली सहित अन्य गांवों के किसानों का बारिश से ज्यादा नुकसान हुआ है।

वीओ - 2 किसानों का कहना है कि पहले ही उन्हें महंगे खाद, डीजल, दवाइयों और कड़ी मेहनत से अपनी फसल को तैयार किया था लेकिन जब फसलें पककर तैयार हो गई तो उनकी फसलों पर प्रकृति की मार पड़ गई है। बारिश और ओलावृष्टि से खेत में अब आधा उत्पादन भी नहीं आएगा। किसानों ने कहा कि नुक्सान का शीघ्र सर्वेक्षण करवाकर उनके खराब फसलों का मुआवजा दिलवाया जाए।

बाइट - किसान

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