रोहतक: हरियाणा के भिवानी जिले में 23 साल के एक युवक ने शुक्रवार को खुदकुशी कर ली( Youth Suicide Case In Bhiwani) थी. अब इस मामले में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. हुड्डा ने कहा है कि सारे रिकॉर्ड तोड़ने के बाद अब बेरोजगारी प्रदेश के युवाओं के लिए जानलेवा साबित हो रही है. यही वजह है कि भिवानी के तालू गांव के रहने वाले पवन ने बेरोजगारी से तंग आकर अपनी जान दे दी. वह लंबे समय से फौज की भर्ती का इंतजार कर रहा था लेकिन सरकार ने भर्ती नहीं निकाली. अपना भविष्य अंधकार में जाता देख आखिरकार पवन की हिम्मत जवाब दे गई.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शुक्रवार को रोहतक में कहा कि हरियाणा के युवा आज देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी झेल रहे हैं. इसलिए उनमें सबसे ज्यादा हताशा देखने को मिल रही है. इसका नतीजा आज सबके सामने है. बेरोजगारी के चलते युवा अपराध और नशे की गिरफ्त में फंस रहे हैं. कुछ युवा हताश होकर पवन जैसा कदम उठा लेते हैं. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश के युवाओं से भी अपील की है कि वे हौसला न हारें और निराशा में इस प्रकार का कोई भी कदम न उठायें. आत्महत्या किसी समस्या का समाधान नहीं है.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार द्वारा गठित कौशल रोजगार निगम को युवा प्रतिभाओं के शोषण का अड्डा बताया है. उन्होंने ने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में उन्होंने जिस ठेका प्रथा पर अंकुश लगाया था. मौजूदा सरकार फिर से उसे आगे बढ़ा रही है. अब सत्ता में बैठे लोग खुद ठेकेदार बनकर बैठ गए हैं. कौशल रोजगार निगम के तहत होने वाली भर्तियों में जमकर नोटों की गड्डियां चल रही हैं. युवाओं से कम वेतन की कच्ची भर्ती के लिए भी हजारों रुपये वसूले जा रहे हैं. सरकार इस नयी ठेकेदारी व्यवस्था के जरिए अलग-अलग विभागों में कच्ची भर्तियां कर रही है जबकि उसे एचपीएससी व एचएसएससी के जरिए पक्की भर्तियां करनी चाहिए. लेकिन लगता है कि सरकार पक्की नौकरियां खत्म करने का मन बना चुकी है. विपक्ष इसका सड़क से लेकर सदन तक विरोध करेगा और युवाओं के भविष्य से हो रहे इस खिलवाड़ को बंद करवाया जाएगा.
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क्या है पूरा मामला- बता दें कि भिवानी के तालू गांव के रहने वाले पवन ने शुक्रवार को खेल के मैदान में ही एक पेड़ पर फांसी लगाकर जान दे दी थी. पवन करीब 9 साल से भारतीय सेना में भर्ती के लिए तैयारी कर रहा था. युवक ने सेना के तीन भर्ती अभियानों में हिस्सा लिया था और लिखित, फिजिकल और मेडिकल एग्जाम भी पास कर लिया था. लेकिन आखिरी कटऑफ में उसे जगह नहीं मिली थी. मृतक पवन ने मरने से पहले खेल एक सुसाइड नोट भी लिखा है. उसने ये सुसाइड नोट किसी कागज पर नहीं बल्कि दौड़ने वाले ट्रैक पर लिखा था. पवन कुमार ने जमीन पर लिखे सुसाइड नोट में अपने पिताजी से कहा कि इस बार सेना में भर्ती नहीं हुआ, लेकिन पिताजी अगले जन्म में वो फौजी जरूर बनेगा. क्योंकि सेना में भर्ती न निकलने पर उनकी उम्र भी निकल गई और हरियाणा में भर्तियों के फर्जीवाड़े के चलते रोजगार के साधन नहीं मिल रहे थे.
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