ETV Bharat / state

आसमान से बरस रही है आग, किसानों के ऊपर पड़ी दोहरी मार

author img

By

Published : Jun 30, 2019, 2:57 PM IST

उत्तरी भारत में लगातार गर्मी का प्रकोप जारी है. जिसके चलते लोग त्राही-त्राही कर रहे हैं. जून का महीना भी बिना बरसात के सूखा निकल गया, लेकिन बारिश नहीं हुई है, जिससे किसानों दोहरी मार झेलनी पड़ रही है.

बढ़ रही गर्मी से सूखती किसानों की फसल

नूंह: मानसून की बेरुखी से जिले में गर्मी का कहर बढ़ता जा रहा है. आसमान से आग बरस रही है. जिसके चलते लोग गर्मी से त्राही-त्राही हो रहे हैं. गर्मी का आलम ये है कि लगातार पारा चढ़ता जा है और आसमान से आग बरस रही है. गर्मी से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो उठा है.

क्लिक कर देखें वीडियो

उमस भरी गर्मी ने लोगों का पसीना निकाल दिया है. गर्मी से लोग परेशान हो उठे हैं. आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मानसून की बेरुखी से फसलों पर मौसम की मार पड़ रही है. एक ओर महंगाई की मार झेल रहे किसान समय से मानसून ना आने के चलते दोहरी मार झेल रहे हैं. लगातार तापमान में आई वृद्धि और बरसात का ना होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उनका दुख साफ बयां करती है.

गर्मी में सुख रही फसलें

पशुओं के लिए उगाई गई हरे चारे की फसल भी गर्मी के कारण सूखने लगी है. बरसात के लिए इंसान तो छबील लगाकर ठंडे - मीठे पानी से गला तर कर बरसात की दुआ कर रहा है, लेकिन पशु-पक्षी ऐसे में क्या करें. वहीं किसानों की फसल तो अब पारे की वजह से पीली पड़ने लगी है.

नूंह जिले में किसानों ने दुधारू पशुओं में दूध की मात्रा बरकरार रखने के लिए अपने खेतों में हरे चारे की बिजाई इसलिए कर दी कि बरसात के बाद फसल तेजी से बढ़ेगी और मवेशियों को कोई दिक्कत नहीं होगी.

लेकिन लगातार बरसात में हो रही देरी ने लोगों को भारी परेशानी में डाल दिया है. मालब, आकेड़ा, दिहाना, गोहाना इत्यादि गांवों में ज्वार की फसल सूखने लगी है. नहर का पानी जिस इलाके में है, वहां पर फसल सूख तो नहीं रही, लेकिन बढ़ने का नाम नहीं ले रही है.

किसान झेल रहे दोहरी मार

किसानों महंगा डीजल खर्च कर फसलों की सिंचाई कर रहे हैं. इससे किसानों पर आर्थिक मार पड़ रही है. धरती की प्यास बढ़ती जा रही है. भीषण गर्मी के चलते खेतों में पानी नहीं रूक रहा है. बारिश के अभाव में फसलों की वृद्धि प्रभावित हो रही है.

अन्नदाता बारिश के इंतजार में आसमान की ओर मुंह उठाए देख रहा है, लेकिन दूर तक बारिश कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है. इससे किसानों में मायूसी देखी जा रही है. धान की रोपाई भी संकट के बादल मंडराते जा रहे हैं. मानसून में हो रही देरी का असर खेतीबाड़ी और मौसम पर साफ दिखाई दे रहा है.

Intro:स्टोरी ;- बरसात बिन सब सून , इंसान तो दूर फसल भी लगी सूखने
बरसात में लगातार हो रही देरी से इंसान ही नहीं बल्कि मवेशी भी हलकान हैं। आसमान आग उगल रहा है तो धरती तप रही है। ऐसे में हालात बद से बदतर हो रहे हैं। मवेशियों के लिए उगाई गई हरे चारे की फसल भी गर्मी के कारण सूखने लगी है। बरसात के लिए इंसान तो छबील लगाकर ठंडे - मीठे पानी से गला तर कर बरसात की दुआ कर रहा है , लेकिन फसल तो अब पारे की वजह से पीली पड़ने लगी है। नूंह जिले में किसानों ने दुधारू पशुओं में दूध की मात्रा बरकरार रखने के लिए अपने खेतों में हरे चारे की बिजाई इसलिए कर दी कि बरसात के बाद फसल तेजी से बढ़ेगी और मवेशियों को कोई दिक्कत नहीं होगी , लेकिन लगातार बरसात में हो रही देरी ने लोगों को हिलाकर रख दिया है। मालब , आकेड़ा , दिहाना , गोहाना इत्यादि गांवों में ज्वार की फसल सूखने लगी है। नहर का पानी जिस इलाके में है , वहां पर भी फसल सूख तो नहीं रही , लेकिन बढ़ने का नाम नहीं ले रही है। भीषण गर्मी की वजह से लगातार दुधारू पशुओं की जान पर बन आई है।
बाइट;- अहमद हुसैन किसान
बाइट;- तनवीर आलम किसान
बाइट;- बिलाल अहमद किसान
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात
Body:स्टोरी ;- बरसात बिन सब सून , इंसान तो दूर फसल भी लगी सूखने
बरसात में लगातार हो रही देरी से इंसान ही नहीं बल्कि मवेशी भी हलकान हैं। आसमान आग उगल रहा है तो धरती तप रही है। ऐसे में हालात बद से बदतर हो रहे हैं। मवेशियों के लिए उगाई गई हरे चारे की फसल भी गर्मी के कारण सूखने लगी है। बरसात के लिए इंसान तो छबील लगाकर ठंडे - मीठे पानी से गला तर कर बरसात की दुआ कर रहा है , लेकिन फसल तो अब पारे की वजह से पीली पड़ने लगी है। नूंह जिले में किसानों ने दुधारू पशुओं में दूध की मात्रा बरकरार रखने के लिए अपने खेतों में हरे चारे की बिजाई इसलिए कर दी कि बरसात के बाद फसल तेजी से बढ़ेगी और मवेशियों को कोई दिक्कत नहीं होगी , लेकिन लगातार बरसात में हो रही देरी ने लोगों को हिलाकर रख दिया है। मालब , आकेड़ा , दिहाना , गोहाना इत्यादि गांवों में ज्वार की फसल सूखने लगी है। नहर का पानी जिस इलाके में है , वहां पर भी फसल सूख तो नहीं रही , लेकिन बढ़ने का नाम नहीं ले रही है। भीषण गर्मी की वजह से लगातार दुधारू पशुओं की जान पर बन आई है।
बाइट;- अहमद हुसैन किसान
बाइट;- तनवीर आलम किसान
बाइट;- बिलाल अहमद किसान
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात
Conclusion:स्टोरी ;- बरसात बिन सब सून , इंसान तो दूर फसल भी लगी सूखने
बरसात में लगातार हो रही देरी से इंसान ही नहीं बल्कि मवेशी भी हलकान हैं। आसमान आग उगल रहा है तो धरती तप रही है। ऐसे में हालात बद से बदतर हो रहे हैं। मवेशियों के लिए उगाई गई हरे चारे की फसल भी गर्मी के कारण सूखने लगी है। बरसात के लिए इंसान तो छबील लगाकर ठंडे - मीठे पानी से गला तर कर बरसात की दुआ कर रहा है , लेकिन फसल तो अब पारे की वजह से पीली पड़ने लगी है। नूंह जिले में किसानों ने दुधारू पशुओं में दूध की मात्रा बरकरार रखने के लिए अपने खेतों में हरे चारे की बिजाई इसलिए कर दी कि बरसात के बाद फसल तेजी से बढ़ेगी और मवेशियों को कोई दिक्कत नहीं होगी , लेकिन लगातार बरसात में हो रही देरी ने लोगों को हिलाकर रख दिया है। मालब , आकेड़ा , दिहाना , गोहाना इत्यादि गांवों में ज्वार की फसल सूखने लगी है। नहर का पानी जिस इलाके में है , वहां पर भी फसल सूख तो नहीं रही , लेकिन बढ़ने का नाम नहीं ले रही है। भीषण गर्मी की वजह से लगातार दुधारू पशुओं की जान पर बन आई है।
बाइट;- अहमद हुसैन किसान
बाइट;- तनवीर आलम किसान
बाइट;- बिलाल अहमद किसान
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.