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Ram Navami 2023: शुभ मुहूर्त में विधि-विधान से करें भगवान राम की पूजा, सभी कष्ट होंगे दूर

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Published : Mar 29, 2023, 8:40 PM IST

इस साल राम नवमी 30 मार्च 2023 को है. मान्यता है कि राम नवमी के दिन भगवान राम की पूजा करने से कई प्रकार के कष्ट व दोष दूर होते हैं. राम नवमी क्यों मनाते हैं और इसका क्या महात्म्य है आइए जानते हैं. (ram navami 2023)

ram navami 2023
राम नवमी 2023

करनाल: हिंदू धर्म में प्रत्येक पर्व और त्योहार को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. वहीं, जितने भी देवी देवता हैं उनके जन्म उत्सव को भी हिंदू धर्म में उनका व्रत रख कर और उनकी पूजा अर्चना करके धूमधाम से मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, 30 मार्च को राम नवमी है जिसका हिंदू धर्म में काफी महत्व है. शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान राम का जन्म हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था. तो आइये जानते हैं राम नवमी के दिन कैसे पूजा अर्चना करें...

पंडित विश्वनाथ ने बताया कि भगवान राम का जन्म चैत्र मास में ही हुआ था. उनका जन्म चैत्र मास की नवमी तिथि को हुआ था. इस दिन चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन होता है, जहां माता दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है तो वहीं इस दिन भगवान राम की भी पूजा अर्चना की जाती है क्योंकि यह उनका जन्म उत्सव होता है. शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान श्रीराम का जन्म मध्याह्न में हुआ था. हिंदू पंचांग के अनुसार इस चैत्र महीने में मध्याह्न 2 घंटे 29 मिनट तक चलने वाला है. राम नवमी के दिन भगवान राम का अनुष्ठान करने के लिए यह सबसे शुभ मुहूर्त होता है.

राम नवमी का शुभ मुहूर्त: हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष राम नवमी दिन गुरुवार 30 मार्च को है. जिसको राम भगवान के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है. वैसे तो राम नवमी के पूरे दिन ही भगवान श्रीराम का गुणगान किया जाता है और पूजा अर्चना की जाती है. राम नवमी का मध्याह्न शुभ मुहूर्त का समय सुबह 11:11 से शुरू होकर दोपहर 1:40 तक रहेगा. यह समय भगवान श्रीराम की पूजा अर्चना करने का सबसे शुभ समय है, जिसके दौरान भगवान श्रीराम की पूजा अर्चना करें और उनके भजन कीर्तन करें. वहीं, अगर बात करें चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का आरंभ 29 मार्च को रात्रि 9:07 से शुरू हो जाएगा, जबकि इसका समापन 30 मार्च को रात 11:30 पर होगा.

राम नवमी पूजा विधि विधान: हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु ने पृथ्वी पर अधर्म का नाश करने व धर्म की रक्षा करने के लिए त्रेतायुग में भगवान श्रीराम के रूप में जन्म लिया था. शास्त्रों में बताया गया है कि राम नवमी के दिन भगवान राम की पूजा करने से कई प्रकार के कष्ट व दोष दूर होते हैं. राम नवमी के दिन भगवान श्रीराम के भक्त को सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान इत्यादि कर लेने चाहिए. अगर आप स्नान किसी पवित्र नदी या पवित्र सरोवर में करते हैं तो वह और भी ज्यादा अच्छा होता है. उसके बाद भगवान श्रीराम की मूर्ति को अपने मंदिर में स्थापित करके भगवान श्रीराम के आगे देसी घी का दीपक जलाएं.

अगर कहीं आपके आसपास भगवान श्रीराम का मंदिर है तो वहां जाकर भी आप भगवान श्रीराम के आगे दीपक जला सकते हैं और भगवान श्रीराम की पूजा करें पूजा करने के साथ ही भगवान श्रीराम को मिठाई का प्रसाद और फल अर्पित करें. ऐसा करने के उपरांत आप भगवान श्रीराम को प्रसन्न करने के लिए रामायण या अन्य किसी पवित्र ग्रंथ का पाठ करें और भगवान श्रीराम की आरती करके उनका गुणगान करें.

पूजा के दौरान करें करें ये उपाय: पूजा करने के दौरान एक बात अवश्य याद रखें कि राम नवमी के दिन भगवान श्रीराम के साथ सीता माता, लक्ष्मण और हनुमान की पूजा भी अवश्य करें. वहीं, जो भगवान श्रीराम के भक्त इस दिन व्रत रखना चाहते हैं, वह सुबह स्नान करके भगवान श्रीराम की पूजा करने उपरांत व्रत रखने का प्रण ले सकते हैं. इस दिन वह पूरे दिन बिना खाए रहे दोपहर बाद 3:00 और 4:00 के बीच में आप फलाहार ले सकते हैं. शाम के समय भगवान श्रीराम की पूजा करने के बाद उनको भोग लगाएं और उन को भोग लगाने के बाद ब्राह्मण और गरीबों को भोजन कराएं. उसके बाद अपना व्रत खोल दें. ऐसा करने से भगवान श्रीराम की कृपा आपके परिवार पर बनी रहेगी और परिवार में सुख समृद्धि आएगी.

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