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सम्राट मिहिर भोज विवाद: 10 सितंबर को कैथल में होगा राजपूत महाकुंभ का आयोजन, तैयार की जाएगी 2024 चुनाव की रणनीति

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Published : Jul 30, 2023, 8:22 PM IST

Updated : Jul 30, 2023, 8:32 PM IST

कैथल में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा पर गुर्जर शब्द लिखने जाने का विवाद लगातार तूल पकड़ रहा है. इसी को लेकर रविवार को करनाल महाराणा प्रताप भवन में प्रदेश स्तरीय राजपूत महापंचायत का आयोजन किया गया. इस महापंचायत में कई अहम फैसले किए गए.

rajput samaj mahapanchayat in karnal
rajput samaj mahapanchayat in karnal

करनाल: हरियाणा में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा पर गुर्जर शब्द लिखने पर घमासान मचा है. इस मामले को लेकर रविवार को करनाल महाराणा प्रताप भवन में राजपूत समाज की तरफ से प्रदेश स्तरीय राजपूत महापंचायत का आयोजन किया गया. इस महापंचायत में प्रदेशभर से राजपूत समाज के लोग शामिल हुए. इस महापंचायत में फैसला किया गया कि 10 सितंबर को कैथल में राजपूत महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा. राजपूत महाकुंभ में देशभर के राजपूत शामिल होंगे और 2024 की रणनीति तैयार की जाएगी. इसके साथ तीन अलग कमेटियां भी समाज की तरफ से बनाई गई.

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बता दें कि गुर्जर समाज और राजपूत समाज दोनों सम्राट मिहिर भोज को अपना वंशज होने का दावा कर रहे हैं. 20 जुलाई को कैथल में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण किया गया था. कैथल के ढांड चौक पर लगी मिहिर भोज की प्रतिमा के आगे गुर्जर प्रतिहार सम्राट लिखा हुआ है. गुर्जर समाज के लोगों का दावा है कि मिहिर भोज उनके पूर्वज थे. वहीं दूसरी तरफ राजपूत समाज के लोग मिहिर भोज पर अपना दावा ठोंक रहे हैं. राजपूत नेताओं का कहना है कि मिहिर भोज राजपूत राजा थे. इसलिए उनके नाम के आगे केवल हिंदू लिखा जाए.

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करनाल महाराणा प्रताप भवन में प्रदेश स्तरीय राजपूत महापंचायत

राजपूत समाज ने जब प्रतिमा पर गुर्जर शब्द लिखे जाने का विरोध किया तो उन पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था. इसके विरोध में 30 जुलाई को ये महापंचायत करनाल में रखी गई थी. करनाल राजपूत सभा के संरक्षक कर्नल देवेंद्र सिंह वीर चक्र ने कहा कि प्रदेश भर के जिला अध्यक्षों और समाज के प्रबुद्ध लोगों से विचार विमर्श कर फैसला किया है कि 10 सितंबर को कैथल में राजपूत महाकुंभ आयोजित किया जाएगा. जिसमें आगामी आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी और 2024 के चुनाव का फैसला लिया जाएगा.

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इसके साथ तीन कमेटियां गठित की गई हैं. पहली सामाजिक कमेटी बनाई गई है. जो आंदोलन की रूपरेखा तय करेगी. अगर दोनों पक्षों के लोग बातचीत होगी तो ये कमेटी शामिल होगी. पूरे हरियाणा के प्रमुख लोग इस कमेटी में शामिल किए गए हैं. इसके अलावा एक ऐतिहासिक कमेटी का भी गठन किया गया है. सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा पर जातिसूचक शब्द लिखे जाने का जो केस हाई कोर्ट में है. ये कमेटी उसके तथ्य जुटाने का काम करेगी. इस कमेटी में इतिहासकार भी शामिल हैं. तीसरी कमेटी लीगल कमेटी है. जिसमें राजकुमार चौहान की अध्यक्षता में हाई कोर्ट के पांच वकीलों का ग्रुप बनाया गया है.

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लीगल कमेटी केस को कानूनी रूप से देखेगी. इसी के साथ-साथ ये भी रणनीति बनाई गई है कि सत्ताधारी दल भाजपा के नेताओं का विरोध भी जारी रहेगा. उन्होंने बताया कि पिछले दिनों इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी बातचीत हुई थी, लेकिन सरकार ने अभी तक इस मुद्दे का हल निकालने की कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. जिससे समाज के लोगों में रोष है और खासकर युवाओं में काफी गुस्सा है. जो भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी समाज के साथ खड़े हैं. उनका विरोध नहीं होगा और जो समाज के साथ नहीं है. उनका बहिष्कार किया जाएगा.

Last Updated : Jul 30, 2023, 8:32 PM IST
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