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जींदः आधी एकड़ जमीन में सब्जी उगाकर सालाना 3-4 लाख रु. कमाता है किसान, जाने कैसे

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Published : Feb 6, 2020, 10:56 AM IST

Updated : Feb 6, 2020, 11:53 AM IST

जींद जिले के किसान हवा सिंह खेती को घाटे का सौदा मानने वाले किसानों और उन बेरोजगार युवाओं के लिए मिसाल हैं, जिसके पास खेती की जमीन है और वो दूसरे रोजगार की तलाश में दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. पढ़िए पूरी खबर...

Jind
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जींदः सफल किसानों के बारे में तो आपने बहुत सुना होगा. लेकिन जींद जिले के अमरहेड़ी गांव के रहने वाले एक किसान के बारे में जानकर हैरान रह जाएंगे. जो सिर्फ आधे एकड़ जमीन पर खेती करके 3-4 लाख रुपये हर साल कमाते हैं. किसान हवा सिंह मात्र सातवीं क्लास तक पढ़े हैं. लेकिन वो ऐसी सब्जियों की खेती करते हैं. जिसको दूसरे किसानों की खेतों में देखता तो दूर की बात, वो मंडियों में भी आसानी से नहीं मिल पाती हैं.

स्ट्रॉबेरी की खेती करते हैं हवा सिंह
हवा सिंह स्ट्रॉबेरी की खेती करते हैं, स्ट्रॉबेरी की खेती देश में कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के किसान उगाते हैं. स्ट्रॉबेरी की खेती महंगी खेती है और प्रदेश का मौसम भी इसके अनुकूल नहीं है. लेकिन हवा सिंह हरियाणा की धरती और मौसम में ही स्ट्रॉबेरी की खेती पिछले कई सालों से कर रहे हैं.

हवा सिंह आधा एकड़ में सब्जी की खेती करते हैं, लेकिन हर साल थोड़े में ही सही स्ट्रॉबेरी जरूर लगाते हैं. इससे उन्हें अच्छी आय होती है. पिछले दिनों में कड़ाके की ठंड पड़ने और तापमान के जीरो डिग्री सेल्सियस के करीब जाने के बाद भी हवासिंह ने देखभाल कर स्ट्रॉबेरी को उगाया है. इस समय स्ट्रॉबेरी के पौधों से फल आ रहे हैं.

जानिए किसान हवा सिंह कैसे करते हैं, सब्जियों की खेती कर लाखों की कमाई

मंडी में 250 रु. प्रति किलो बिक रहा स्ट्रॉबेरी
हवा सिंह सुबह रोजाना 2 से 4 किलो स्ट्रॉबेरी सब्जी मंडी में बेच रहा है. जिसे ग्राहक हाथों-हाथ खरीद लेते हैं. इस समय मंडी में स्ट्राबेरी 250 प्रति किलो के भाव से बिक रहा है.

सब्जी की खेती के एक्सपर्ट हैं हवा सिंह
सब्जी उगाने के लिए हवा सिंह किसी के पास या कृषि विभाग में ट्रेनिंग लेने भी नहीं गए. वह पिछले 30 सालों से सिर्फ सब्जी की ही खेती कर रहे हैं. हवा सिंह मंडी में सब्जी को ले जाकर उसे खुद ही बेचते हैं. मात्र आधा एकड़ जमीन का मालिक होने के बावजूद हवा सिंह के पास ट्रैक्टर से लेकर खेती करने के दूसरे तमाम साधन उपलब्ध है.

इतना ही नहीं कौन सी सब्जी की किस समय बिजाई की जाए, उसका बीज या पौध कहा मिलेंगे, फसल में आने वाली बीमारी पर कौन सी पेस्टीसाइड का छिड़काव किया जाय. इन सबके बारे में पूछने के लिए हवासिंह के पास दूर-दूर के किसान आते हैं, इसी कारण उसकी पहचान अब एक सब्जी एक्सपर्ट किसान के रूप में बन गयी है.

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बच्चों की तरह करते हैं सब्जी की फसल की देखभाल
किसान हवासिंह बताते हैं की भले ही वह आधा एकड़ किसान हो, लेकिन वह मेहनत कई एकड़ किसान से ज्यादा करते हैं. सुबह 5 बजे उठने के बाद सबसे पहले मंडी में सब्जी बेचकर आते हैं. इसके बाद 10 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक वह खेत में सब्जी की फसल की बच्चों की तरह देखभाल करते हैं. फसल को जो भी जरूरत है, वह समय पर पूरी की जाती है. दुर्लभ सब्जियों को उगाने से उसे मंडी में अच्छे भाव मिलते हैं.

आधा एकड़ जमीन में उगाते हैं 36 तरह की सब्जियां
आधा एकड़ जमीन में हवासिंह 36 तरह की सब्जियां उगाते हैं. लेकिन इनमें स्ट्रॉबेरी, कच्ची हल्दी, सलाद पत्ता, ब्रोकली गोभी जैसी वे दुर्लभ सब्जियां होती हैं. जिनको आस-पास में कोई भी किसान उगाता नहीं है. थोड़ी-थोड़ी मात्रा में इन सब्जियों को उगाकर वह मंडी में ले जाते हैं. जिनका भाव आम सब्जियों के मुकाबले कई गुणा ज्यादा मिलता हैं. इसके अलावा वह आमतौर पर उगाई जाने वाली सब्जियों की अगैती खेती करते हैं.

ऐसे में कहा जा सकता है कि हवा सिंह उन किसानों के लिए उदाहरण हैं, जिनके पास काफी जमीने होते हुए भी वो खेती से हताश हैं. साथ उन युवाओं को भी हवा सिंह से प्रेरणा लेनी चाहिए, जिनके पास खेती के जमीन तो हैं, लेकिन वो खेती को घाटे का सौदा मानकर उससे मुंह मोड़ रहे हैं और दूसरे रोजगार की तलाश में दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः- फसल बीमा योजना धरातल पर हुई फेल, किसानों को नहीं मिल रहा मुआवजा

Intro:सफल किसानों के बारे में तो आपने बहुत सुना होगा लेकिन इस किसान कि आश्चर्यजनक बात है कि 3 -4  एकड़ से किसान जितना कमाते हैं  उतने आय बिना किसी शिक्षा के अमरेहड़ी गांव  का किसान हवा सिंह आधा एकड़ से ही लेता हैं इस दौरान वह खेत में वे सब्जिया उगाता  हैं जिनकों दूसरे किसानो द्वारा उगाना  तो दूर की बात सब्जी मंडी में भी आसानी से नहीं मिल भी नहीं पाती 


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   स्ट्राबेरी जैसे फ्रूट जिसको दूसरे प्रदेशों महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश आदि में किसानों द्वारा उगाया जाता है उसकी खेती अब प्रदेश के किसान भी करने लगे हैं। हालांकि स्ट्राबेरी की खेती महंगी खेती है और इसके अनुकूल प्रदेश का मौसम भी नहीं है। फिर भी प्रदेश में कई जगहों पर किसानों ने स्ट्राबेरी लगाई हुई है। ऐसा ही कुछ अमरहेड़ी गांव के किसान हवासिंह पिछले कई सालों से कर रहे हैं। वे आधा एकड़ में सब्जी की खेती करते हैं लेकिन हर साल थोड़े में ही सही स्ट्राबेरी जरूर लगाते हैं। इससे उन्हें अच्छी भी मिलती है। पिछले दिनों में कड़ाके की ठंड पडऩे व तापमान के जीरो डिग्री सेल्सियस के करीब जाने के बाद भी हवासिंह
ने देखभाल कर स्ट्राबेरी को उगाया है। इस समय यह फल की अवस्था में है। सुबह रोजाना 2 से 4 किलो स्ट्राबेरी सब्जी मंडी में बेच रहा है। जिसे ग्राहक हाथों-हाथ खरीद लेते हैं। इस समय मंडी में स्ट्राबेरी 250 प्रति किलो के भाव से बिक रहा है।



इतना ही नहीं कोनसी   सब्जी की किस समय बिजाई की जाये उसका बिज या पौध कहा मिलेगी फसल में आने वाली बीमारी पर कौन सी  पेस्टीसाइड का छिड़काव किया इन सबको पूछने के लिए हवासिंह के पास दूर दूर के किसान आते हैं इसी कारण उसकी पहचान अब एक सब्जी  एक्सपर्ट किसान के रूप में बन गयी हैं 


    खास बात यह हैं की किसान हवासिंह 7वी कक्षा तक ही पढ़ा हैं सब्जी उगाने  के लिए वह किसी के पास या कृषि विभाग के पास कोई ट्रेनिंग लेने तक नहीं गया पिछले 30 सालो से वह सिर्फ सब्जी की ही खेती कर रहा हैं और उसे सब्जी मंडी ले जाकर आढ़तियों के माफत न बेचकर खुद ही बेचता हैं आधा एकड़ जमीन  का मालिक होने के बाद हवासिंह के पास ट्रेक्टर से लेकर खेती करने के तमाम कृषि यंत्र उपलब्ध हैं


    किसान हवासिंह बताते हैं की भले ही वह आधा एकड़ किसान   हो लेकिन वह मेहनत कई एकड़ किसान से ज्यादा करता हैं सुबह 5 बजे उठने के बाद सबसे पहले मंडी में सब्जी बेचकर आता हूँ  इसके बाद 10 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक वह खेत में सब्जी की फसल की बच्चो की तरह देखभाल करता हैं जो भी फसल को जरुरत हैं वह समय पर पूरी की जाती हैं दुर्लभ सब्जियों के उगाने से उसे मंडी में अच्छे भाव मिलते हैं इसके आलावा जो आम सब्जी की फसल हैं उनकी बिजाई भी वह काफी अगेती करता हैं 



     आधा एकड़ जमीन में हवासिंह एक नहीं 36 तरह की सब्जिया उगाता हैं इनमे स्ट्रॉबेरी ,कच्ची हल्दी , सलाद पत्ता , ब्रोकली गोभी  जैसी  वे   दुर्लभ सब्जिया  होती  है जिनको  आस पास  में  कोई  भी  किसान उगाता  नहीं है !थोड़ी थोड़ी  मात्रा  में  इन सब्जियों को ऊगाकर वह मंडी में ले जाता हैं  जिनका भाव आम सब्जियों के मुकाबले कई गुणा ज्यादा मिलता हैं इसके अलावा वह दूसरी सब्जियों भी उगता हैं लेकिन ये सबिजयों वह अगेती उगाता हैं  




     


Conclusion:हवा सिंह किसान ने कहा कि मैं अंश मात्र आधा एकड़ में सब्जी उगाकर अपना गुजारा खुशी खुशी कर रहा हूं और वही हवा  सिंह ने कहा कि जिस प्रकार आजकल युवा ताश खेलकर और बीड़ी सिगरेट पीकर शराब पीकर अपना जीवन बर्बाद कर रहा है उनके लिए मैं यही कहना चाहूंगा अगर किसी के पास मात्र जितनी भी जमीन है अगर वह उसमें फल सब्जियों का कर सब्जी उगा कर अच्छा काम कर सकता है और अपना गुजारा कर सकता है
Last Updated : Feb 6, 2020, 11:53 AM IST
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