ETV Bharat / state

कम लागत, छोटी जगह और मोटा मुनाफा यानि खरगोश पालन, ऐसे शुरू करें बिजनेस

author img

By

Published : Jan 13, 2020, 3:21 PM IST

Updated : Jan 13, 2020, 4:47 PM IST

खरगोश पालन के व्यवसाय को 10 यूनिट में शुरू किया जाता है. एक यूनिट में 7 मादा और तीन नर खरगोश होते हैं. 10 यूनिट से फार्मिंग शुरू करने के लिए लगभग 4 लाख रुपये खर्च आता है.

rabbit farming
rabbit farming

जींदः शौक जब व्यवसाय बन जाता है तो उसका मजा ही कुछ और होता है. ऐसा ही कुछ किया है जींद के रहने वाले दीपक ने जिन्होंने खरगोश पालने के शौक को व्यवसाय के रूप में चुना और आज बड़े स्तर पर खरगोश पालन करके अच्छी कमाई कर रहे हैं और साथ ही लोगों को इसका प्रशिक्षण भी दे रहे है. दीपक का रैबिट फार्म जींद जिले में रोहतक रोड पर चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के पास में ही बना हुआ है. इस रैबिट फार्म को दीपक कुछ और लोगों के साथ मिलकर चलाते हैं.

जींद में प्रदेश का पहला रैबिट फार्म
रैबिट फार्म के संचालक दीपक ने बताया कि उनका रैबिट फार्म प्रदेश का पहला रैबिट फार्म है, जब उन्होंने पहली बार व्यवसाय के रूप में खरगोश पालने शुरू किए थे, तब 100 खरगोश पाले थे, आज उनके पास 6 अलग-अलग नस्ल के हजारों खरगोश है.

खरगोश पालन से आय को दें रफ्तार, छोटे निवेश और कम जगह में शुरू करें व्यवसाय.

कम निवेश और छोटी जगह में शुरू करें व्यवसाय
खरगोश पालन कम निवेश और छोटी जगह में अधिक आय देने वाला व्यवसाय है. अन्य मांस की तुलना में खरगोश के मीट में 21 फीसदी उच्च प्रोटीन और 8 फीसदी कम वसा होती है. इसलिए यह मांस सभी उम्र के लोगों से लेकर बच्चों तक के लिए उपयुक्त होता है, भारत में खरगोश के मांस की खपत बहुत कम है. इसलिए इसे दूसरे देशों में बेचा जाता है.

200 रुपये प्रति किलो तक मार्केट में बिकते हैं खरगोश
खरगोश पालन के दौरान खरगोश को पत्ते, बची हुई सब्जियां और चने खिलाए जा सकते हैं. खरगोश 2 से 3 महीने में लगभग 2 किलो के वजन के हो जाते हैं और करीब ₹200 किलो यह मार्केट में बिक जाते हैं.

ये भी पढ़ेंः- यहां मुर्दों से भी पूछी जाती है उनकी जाति ! वीडियो वायरल होने पर सच्चाई आई सामने

10 यूनिट से शुरू कर सकते हैं व्यापार
खरगोश पालन के व्यवसाय को 10 यूनिट में शुरू किया जाता है. एक यूनिट में 7 मादा और तीन नर खरगोश होते हैं.10 यूनिट से फार्मिंग शुरू करने के लिए लगभग 4 लाख रुपये खर्च आता है, जिसमें 1 लाख रुपये के लगभग शैड तैयार करने में खर्च होता है. लगभग 1 लाख रुपये पिंजरे और दूसरे सामानों के लिए खर्च होते हैं और चारे और दूसरी चीजों पर 2 लाख रुपये खर्च होते हैं.

10 यूनिट खरगोश से 45 दिनों में तैयार हुआ बच्चों का बैच लगभग 2 लाख में बिकता है. इन तैयार किए गए बच्चों को फार्म ब्रीडिंग और मीट के लिए बेचा जाता है.

10 यूनिट के व्यवसाय से 5 लाख रुपये सालाना की आय
मादा खरगोश के बच्चे देने की संख्या भी बहुत ज्यादा होती है. 1 साल में एक मादा खरगोश 6 से 7 बार बच्चे देती है. जिसकी संख्या 6 से 12 तक होती है. एक मादा खरगोश साल में कम से कम 7 बार प्रेग्नेंट होती है, लेकिन यदि मोर्टालिटी बीमारी आदि सभी को ध्यान में रखकर औसतन पांच प्रेगनेंसी पीरियड भी मान लें तो साल में 10 लाख के खरगोश बिक जाते हैं. बकि चारे पर और दूसरे सामान पर 5 लाख खर्च भी मान लें तो 5 लाख रुपये के लगभग सालाना इनकम हो जाती है.

ये भी पढ़ेंः- यूट्यूब से सीखी खेती की तकनीक और अब बिना मिट्टी उगा रहा सब्जी

Intro:बचपन से ही खरगोश पालने का शौक आज इतना बड़ा व्यवसाय बन जाएगा यह कभी जींद के निवासी दीपक ने सोचा भी नहीं था दीपक ने खरगोश पालने के शौक को व्यवसाय के रूप में चुन लिया और आज वह बड़े स्तर पर खरगोश पालन करके अच्छी कमाई कर रहे हैं और साथ ही लोगों को इसका प्रशिक्षण भी दे रही है ,


Body:


हरियाणा के जींद जिले में रोहतक रोड पर चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के बिल्कुल करीब यह आस्था रैबिट फार्म बना हुआ है इस रैबिट फार्म को दीपक , संजय जैसे दो-तीन लोग मिलकर चलाते हैं रैबिट फार्म के संचालक दीपक ने बताया कि यह रैबिट फार्म प्रदेश का पहला रैबिट फार्म है जब हमने पहली बार खरगोश व्यवसाय के रूप में पालने शुरू किए थे तब 100 खरगोश पाले थे, आज हमारे पास 6 प्रकार की नस्ल के हजारों खरगोश है और हम किसान भाइयों को नए फार्म खुलवाने में भी पूरी सहायता करते हैं उन्हें प्रशिक्षण भी देते हैं


पिछले लंबे समय से खरगोश पालन कर रहे दीपक ने कहा कि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार समेत कई विश्वविद्यालयों में रिसर्च के लिए खरगोश हमारे फार्म से भेजे जाते हैं हमारे पास हरियाणा ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों से भी खरगोश पालन का प्रशिक्षण लेने के लिए हमारे फार्म में लोग आते हैं इतना ही नहीं दूसरे कई देशों के लोग भी हमसे फोन पर संपर्क कर जानकारी लेते हैं



खरगोश पालन कम निवेश और छोटी जगह में अधिक आय देने वाला व्यवसाय है अन्य मांस की तुलना करने पर खरगोश के मीट में उच्च प्रोटीन 21 परसेंट और कम वसा 8 परसेंट होती है इसलिए यह मास सभी उम्र के लोगों से लेकर बच्चों तक के लिए उपयुक्त होता है भारत में खरगोश के मांस की खपत बहुत कम है इसलिए इसे दूसरे देशों में बेचा जाता है



इस पालन की खासियत बताते हुए दीपक ने बताया कि खरगोश को पत्ते ,बची हुई सब्जियां और चने खिलाए जा सकते हैं खरगोश 2 से 3 महीने में लगभग 2 किलो के वजन के हो जाते हैं और करीब ₹200 किलो यह मार्केट में बिकता है , वही मादा खरगोश के बच्चे देने की संख्या भी बहुत ज्यादा होती है 1 साल में एक मादा खरगोश 6 से 7 बार बच्चे देती है जिसकी संख्या 6 से 12 तक होती है


10 यूनिट से शुरू कर सकते हैं व्यवपार


खरगोश पालन के व्यवसाय को एक यूनिट में शुरू किया जाता है एक यूनिट में 7 मादा और तीन नर खरगोश होते हैं 10 यूनिट से फार्मिंग शुरू करने के लिए लगभग 4 लाख रुपये खर्च आता है जिसमें 1 लाख रुपये के लगभग शैड तैयार होता है 1 लाख के लगभग पिंजरे व अन्य सामान बनता है व चारा और अन्य यूनिट्स पर लगभग 2 लाख खर्च शामिल है







Conclusion:10 यूनिट खरगोश से 45 दिनों में तैयार हुआ बच्चों का बैच लगभग 2 लाख में बिकता है , इन प्यार किए गए बच्चों को फार्म ब्रीडिंग और मीट के लिए बेचा जाता है एक मादा खरगोश साल में कम से कम 7 बार प्रेग्नेंट होती है लेकिन यदि हम मोर्टालिटी बीमारी आदि सभी को ध्यान में रखकर औसतन पांच प्रेगनेंसी पीरियड भी मान लें तो साल में 10 लाख के खरगोश बिक जाते हैं जबकि चारे पर व अन्य सामान पर से 5 लाख खर्च भी मान लें तो 5 लाख रुपये के लगभग सालाना इनकम हो जाती है
Last Updated : Jan 13, 2020, 4:47 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.