हिसार: कोरोना महामारी के बीच भारतीय रेलवे ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है. भारतीय रेलवे ने 'मेक इन इंडिया' के तहत देश के सबसे शक्तिशाली एसी इलेक्ट्रिक इंजन का निर्माण किया है. 12 हजार हॉर्स पावर का ये इंजन माल गाड़ी को खींचने के लिए बनाया गया है. इस हाई टेक्नोलॉजी इंजन को ट्रायल के लिए हरियाणा में हिसार जिले के पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन लाया गया. अच्छी खबर ये भी है कि इस इंजन का ट्रायल सफल रहा.
देश के इस शक्तिशाली इंजन के बारे में हिसार के रेलवे स्टेशन अधीक्षक केएल चौधरी ने कहा कि ये इंजन 11 सितंबर की रात को हिसार पहुंचा और अगले दिन सुबह ही वापस चला गया. हिसार पहुंचने पर लोको पायलट को भी इंजन की ट्रेनिंग दी गई. इस इंजन की सामान्य गति 100 किलोमीटर प्रतिघंटा है. मगर इसे 120 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से भी चलाया जा सकता है.
बता दें कि हाई हॉर्सपावर वाले लोकोमोटिव का उत्पादन करने वाले विशिष्ट वर्ग में शामिल होने वाला भारत दुनिया का 6वां देश बन गया है. इस इंजन के लिए हिसार में अब लोको पायलेट्स को ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके लिए ट्रैनिंग सेंटर भी बनाया गया है. फिलहाल ये इंजन तीन से चार दिन हिसार में ही रहेगा. इस दौरान लोगो पायलेट और असिसटेंट लोको पायलेट्स को ट्रेनिंग दी जाएगी.
इंजन की खासियत
- इंजन का नाम डब्ल्यूएजी-12- 60035
- एक हजार लीटर हाई कंप्रेसर कैपिसिटी के दो टैंक
- दो इलेक्ट्रिक इंजन को मिलाकर बनाया गया
- एक इंजन छह हजार हॉर्सपावर का
- दो इंजन मिलाकर बनने से 12 हजार हॉर्सपावर का हो गया
- इंजन में 6 हजार टन तक वजन खींचने की क्षमता
- सामान्य इंजन तीन हजार टन वजन यानि 58 से 60 डिब्बे खींच सकता है
- फॉग वाचिंग डिवाइस से लैस है, यानि कोहरे में भी रफ्तार कम नहीं होगी
- दुर्घटना की स्थिति में इंजन का इमरजेंसी ब्रेक खुद ही लग जाएगा
- इंजन में एसी भी लगा हुआ है, शौचालय की भी सुविधा
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भारतीय रेलवे का ये बाहुबली इंजन पहाड़ी इलाकों में ट्रेन की रफ्तार बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होने वाले दो इंजनों की जगह अब अकेला ही काफी होगा. इस इंजन का निर्माण बिहार के मधेपुरा रेल कारखाने में किया गया. भारतीय रेलवे और यूरोपियन कंपनी एलेस्ट्रोम ने मिलकर इसे बनाया है. बिहार के मधेपुरा रेल इंजन कारखाने से तैयार इस इंजन के साथ 118 मालगाड़ी के डिब्बे जोड़े गए और फिर ट्रायल के तौर पर ये इंजन सफलतापूर्वक हरियाणा के हिसार पहुंचा. इस तरह के लगभग 800 इंजन तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है. माना जा रहा है ये इंजन भारतीय रेलवे में नई क्रांति लेकर आयेगा.