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Skand Shashthi 2023: स्कंद षष्ठी व्रत के दिन ऐसे करें भगवान कर्तिकेय की पूजा, सभी कष्ट होंगे दूर!

हिंदू धर्म में हर माह की षष्ठी तिथि को भगवान कार्तिकेय की पूजा का विशेष महात्म्य है. इस साल स्कंद षष्ठी का व्रत गुरुवार को है. मान्यता है कि इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा-आराधना से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. आइए जानते हैं स्कंद षष्ठी का व्रत कैसे करें. (skand shashthi 2023)

skand shashthi 2023
स्कंद षष्ठी व्रत 2023
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Published : May 24, 2023, 10:25 PM IST

फरीदाबाद: सनातन धर्म में हर देवी-देवताओं का अलग महत्व है और ऐसे में भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय की भी पूजा का विशेष महत्व रहता है. कार्तिकेय की पूजा हर माह की षष्ठी तिथि के दिन स्कंद षष्ठी का व्रत पूरे विधि विधान के साथ किया जाता है. इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा और व्रत करने से घर के सारे कष्ट, विकार, क्लेश दूर हो हो जाते हैं साथ ही सुख समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

महंत मुनिराज ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिकेय भगवान का व्रत ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को रखा जाता है. इस महीने यह व्रत गुरुवार, 25 मई को है. इस दिन पूरे विधि-विधान के साथ भगवान कार्तिकेय की पूजा अर्चना की जाती है. इस दिन विधि-विधान से भगवान की पूजा करने से सारे समस्याओं का समाधान होता है और भगवान की कृपा भक्तों पर बरसती है.

पूजा और व्रत का शुभ मुहूर्त: हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 25 मई 2023 यानी गुरुवार को सुबह 3 बजकर 1 मिनट से होगी जो 26 मई 2023 को सुबह 5 बजकर 20 मिनट पर समाप्त होगी. यही वजह है कि ज्येष्ठ माह में स्कंद षष्ठी का व्रत 25 मई को रखा जाएगा. इसी दिन भगवान कार्तिक की पूजा अर्चना की जाएगी.

पूजा का विधि विधान: इस दिन सुबह जल्दी उठकर पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें. फिर स्वच्छ वस्त्र धारण करके भगवान कार्तिकेय के मंदिर जाएं या फिर घर पर ही भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा या तस्वीर को स्थापित करें. इसके बाद उनके सामने देसी घी का दिया और धूप जलाएं. फिर पुष्प, 5 तरह की मिठाई, 5 तरह के फल,वस्त्र, अक्षत, चंदन आदि से उनकी पूजा करें. उसके बाद कार्तिकेय भगवान की कथा पढ़ें. इसके बाद भगवान कार्तिकेय की आरती करें.

इसके अलावा एक बात का विशेष तौर पर ध्यान रखें इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा के साथ-साथ भोले बाबा और माता पार्वती की भी पूजा साथ में करें. इसके अलावा अंत में भोग लगाए हुए प्रसाद को परिवार के सदस्यों को बांटे. फिर पूरे दिन व्रत में रहें और शाम को कार्तिक महाराज की पूजा-पाठ और आरती करके भगवान को प्रणाम करें और फिर व्रत का पारण करें. मान्यता है कि इस तरह से आप भगवान कार्तिकेय की पूजा पाठ करते हैं तो कार्तिकेय भगवान की आप पर और आपके परिवार पर अति कृपा बरसेगी. सभी दुखों का निवारण करके सुख संपत्ति और सौभाग्यवती का कार्तिकेय भगवान आपको वरदान देंगे.

ये भी पढ़ें: द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर मंदिर के कपाट खुले, ऐसे पहुंचें दर्शन करने

फरीदाबाद: सनातन धर्म में हर देवी-देवताओं का अलग महत्व है और ऐसे में भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय की भी पूजा का विशेष महत्व रहता है. कार्तिकेय की पूजा हर माह की षष्ठी तिथि के दिन स्कंद षष्ठी का व्रत पूरे विधि विधान के साथ किया जाता है. इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा और व्रत करने से घर के सारे कष्ट, विकार, क्लेश दूर हो हो जाते हैं साथ ही सुख समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

महंत मुनिराज ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिकेय भगवान का व्रत ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को रखा जाता है. इस महीने यह व्रत गुरुवार, 25 मई को है. इस दिन पूरे विधि-विधान के साथ भगवान कार्तिकेय की पूजा अर्चना की जाती है. इस दिन विधि-विधान से भगवान की पूजा करने से सारे समस्याओं का समाधान होता है और भगवान की कृपा भक्तों पर बरसती है.

पूजा और व्रत का शुभ मुहूर्त: हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 25 मई 2023 यानी गुरुवार को सुबह 3 बजकर 1 मिनट से होगी जो 26 मई 2023 को सुबह 5 बजकर 20 मिनट पर समाप्त होगी. यही वजह है कि ज्येष्ठ माह में स्कंद षष्ठी का व्रत 25 मई को रखा जाएगा. इसी दिन भगवान कार्तिक की पूजा अर्चना की जाएगी.

पूजा का विधि विधान: इस दिन सुबह जल्दी उठकर पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें. फिर स्वच्छ वस्त्र धारण करके भगवान कार्तिकेय के मंदिर जाएं या फिर घर पर ही भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा या तस्वीर को स्थापित करें. इसके बाद उनके सामने देसी घी का दिया और धूप जलाएं. फिर पुष्प, 5 तरह की मिठाई, 5 तरह के फल,वस्त्र, अक्षत, चंदन आदि से उनकी पूजा करें. उसके बाद कार्तिकेय भगवान की कथा पढ़ें. इसके बाद भगवान कार्तिकेय की आरती करें.

इसके अलावा एक बात का विशेष तौर पर ध्यान रखें इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा के साथ-साथ भोले बाबा और माता पार्वती की भी पूजा साथ में करें. इसके अलावा अंत में भोग लगाए हुए प्रसाद को परिवार के सदस्यों को बांटे. फिर पूरे दिन व्रत में रहें और शाम को कार्तिक महाराज की पूजा-पाठ और आरती करके भगवान को प्रणाम करें और फिर व्रत का पारण करें. मान्यता है कि इस तरह से आप भगवान कार्तिकेय की पूजा पाठ करते हैं तो कार्तिकेय भगवान की आप पर और आपके परिवार पर अति कृपा बरसेगी. सभी दुखों का निवारण करके सुख संपत्ति और सौभाग्यवती का कार्तिकेय भगवान आपको वरदान देंगे.

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