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चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर कैट-3 और टैक्सी ट्रैक निर्माण को लेकर HC में हुई सुनवाई, कोर्ट ने 3 हफ्ते में मांगी रिपोर्ट

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Published : Sep 26, 2019, 10:25 PM IST

कैट-3, पैरलल टैक्सी ट्रैक और ओएलएस का काम पूरा होने में देरी पर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई है. कोर्ट ने अब तीनों मुद्दों पर सभी पक्षों को बैठक कर तीन हफ्ते में हल निकालने के आदेश दिए हैं.

कैट-3 और टैक्सी ट्रैक निर्माण को लेकर HC में हुई सुनवाई

चंडीगढ़ः गुरुवार को पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर कैट-3 और पैरलल टैक्सी ट्रेक के मामले में हाई कोर्ट ने छह महीने में कैट-3 सुविधा देने के आदेश दिए हैं. साथ ही ये भी स्पष्ट किया कि कोई देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. केंद्र सरकार ने इस पर कहा कि एयरपोर्ट पर कैट-3 फैसिलिटी पर एएआई और चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट में सहमति बन गई है और टाटा सीड भी इसके लिए तैयार है. आगे की कार्रवाई के लिए रक्षा मंत्रालय की स्वीकृति बाकी है. अब ये मामला रक्षा मंत्रालय के पास विचाराधीन है.

कोर्ट ने लगाई फटकार
सुनवाई में हाई कोर्ट को बताया गया कि ओएलएस सर्वे की रिपोर्ट अभी 20 सितंबर को आई है. जिसमें 135 ऑब्जरवेशन आई है. इसलिए कैट 3 को लगाने से पहले उसको रिजॉल्व करना होगा जिस पर हाई कोर्ट ने कहा है कि जितने भी स्टेक होल्डर हैं एक दूसरे को लेटर लिखने की जगह एक बार एक जगह बैठकर एक हफ्ते में बैठक करें. कैट-3, पैरलल टैक्सी ट्रैक और ओएलएस को लेकर कोर्ट ने अब तीनों मुद्दों पर सभी पक्षों को बैठक कर तीन हफ्ते में हल निकालने के आदेश दिए हैं.

चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर कैट-3 और टैक्सी ट्रैक निर्माण को लेकर HC में हुई सुनवाई

18 सितंबर को नोटिस जारी
वहीं अवैध निर्माण पर पंजाब सरकार की तरफ से कहा गया है कि 98 स्ट्रक्चर्स को नोटिस भी दिए गए हैं, अगली सुनवाई तक पंजाब सरकार की तरफ से स्टेटस रिपोर्ट दे दी जाएगी. पिछली सुनवाई पर हाई कोर्ट ने 9 मार्च 2011 को जारी नोटिफिकेशन के बाद बने सभी निर्माण तय प्रक्रिया के तहत तत्काल गिराए जाने के आदेश पर सरकार ने बताया कि सभी 98 निर्माणों के मालिकों को 18 सितंबर को नोटिस दिया जा चुका है. वर्क ऑफ डिफेंस एक्ट के तहत जारी नोटिस में उन्हें 15 दिनों में निर्माण हटाने का नोटिस दिया गया है. जवाब आने बाद इन पर तय कानून के तहत कार्रवाई कर दी जाएगी.

मामले की अगली सुनवाई
फिलहाल मामले की अगली सुनवाई 1 नवंबर के लिए रखी गई है. वहीं कोर्ट की तरफ से सभी स्टेकहोल्डर को कहा गया है कि वो आपस में बैठकर चर्चा के बाद आए हुए 135 ऑब्जर्वेशनस को रिजॉल्व करें. गौरतलब है कि कैट 3 को लगाने से पहले आई हुई 135 ऑब्जर्वेशन को डिजॉल करना होगा जिसके लिए कोर्ट की तरफ से बैठक कर आपसी बातचीत से इसे निपटाने के आदेश दे दिए गए हैं.

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चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट में इंटरनेशनल फ्लाइट सुचारू रूप से शुरू करने को लेकर पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में चल रही याचिका पर सुनवाई हुई । हाईकोर्ट ने कैट 3 के निर्माण को लेकर मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस को अंतिम निर्णय लेने को कहा था साथ ही सदर्न टैक्सी स्टैंड का भी मामला था जिसकी प्रिंसिपल अप्रूवल मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस की तरफ से दे दी गई है । हाई कोर्ट को बताया गया कि ओएलएस सर्वे की रिपोर्ट अभी 20 सितंबर को आई है जिसमें 135 ऑब्जरवेशन आई है इसलिए कैट 3 को लगाने से पहले उसको रिजॉल्व करना होगा जिस पर हाईकोर्ट ने कहा है कि जितने भी स्टेकहोल्डर हैं एक दूसरे को लेटर लिखने की जगह एक बार एक जगह बैठकर एक हफ्ते में बैठक करें और इस मामले को रिजॉल्व करके इसके बारे में 3 हफ्ते में कोर्ट को बताएं । वहीं अवैध निर्माण पर पंजाब सरकार की तरफ से कहा गया है कि 98 स्ट्रक्चर्स को नोटिस भी दिए गए हैं , अगली सुनवाई तक पंजाब सरकार की तरफ से स्टेटस रिपोर्ट दे दी जाएगी ।


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चंडीगढ़ में लगातार इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लेकर सुनवाई क्यों का दौर जारी है हाईकोर्ट में इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लेकर हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं कि सभी स्टेकहोल्डर एक दूसरे को पत्राचार करने की जगह एक साथ बैठकर एक हफ्ते में बैठक करें और 3 हफ्ते में जो भी ऑब्जरवेशन आई हैं रिजॉल्व करके इसके बारे में कोर्ट को बताएं । केंद्र सरकार के वकील चेतन मित्तल ने बताया कि इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लेकर पंजाब मैं गैर कानूनी तरीके से हुए अवैध निर्माण को लेकर पंजाब की तरफ से जवाब दिया गया है कि सभी 98 स्ट्रक्चर्स को 18 सितंबर को नोटिस दे दिया गया है और इसका प्रोसेस जारी है इस पर हुई कार्रवाई की स्टेटस रिपोर्ट अगली सुनवाई पर दे दी जाएगी । हाईकोर्ट में कैट 2 के इंस्टॉल होने के बाद ऑपरेशनल यीशु आ रहा था जिसके बाद टाटा ए सी डी ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को कहा था कि कैट 3 का सर्वे करवाया जा रहा है इसमें कहा गया कि एक ऊंचाई पर पहुंचकर विजिबिलिटी की परेशानी आ रही है इसलिए उसका भी सर्वे करवा लिया जाए । इस पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की तरफ से काफी खर्च होने की बात कही गई थी जिस पर कोर्ट की तरफ से कहा गया है कि जो कॉस्ट एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की तरफ से मांगी जा रही है उसको शेयर कर लिया जाए ।
बाइट - चेतन मित्तल , भारत सरकार के वकील


Conclusion: फिलहाल मामले की अगली सुनवाई 1 नवंबर के लिए रखी गई है वहीं कोर्ट की तरफ से सभी स्टेकहोल्डर को कहा गया है कि वह आपस में बैठकर चर्चा के बाद आए हुए 135 ऑब्जर्वेशनस को रिजॉल्व करें । गौरतलब है कि कैट 3 को लगाने से पहले आई हुई 135 ऑब्जर्वेशन को डिजॉल करना होगा जिसके लिए कोर्ट की तरफ से बैठक कर आपसी बातचीत से इसे निपटाने के आदेश दे दिए गए हैं ।
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