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प्रदूषण रोकने के लिए सरकार का नया प्लान, बस बेड़े में शामिल होंगी इलेक्ट्रिक, सीएनजी और बीएस-VI बसें

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 17, 2024, 7:26 PM IST

Chief Secretary Sanjeev Kaushal: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण कम करने को लेकर हरियाणा सरकार ने नई योजना पर काम करना शुरू कर दिया है. इसके तहत बस बेड़े में इलेक्ट्रिक, सीएनजी और बीएस-VI बसें शामिल की जायेंगी.

Chief Secretary Sanjeev Kaushal
Chief Secretary Sanjeev Kaushal

चंडीगढ़: दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण से निपटने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए हरियाणा सरकार ने नई योजना तैयार की है. मुख्य सचिव संजीव कौशल ने 2024-25 के लिए सरकार के उठाये जा रहे कदमों की जानकारी दी. ये योजना राज्य के बस बेड़े को इलेक्ट्रिक, सीएनजी और बीएस-VI डीजल बस सहित स्वच्छ विकल्पों में बदलने को लेकर है.

दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में वायु गुणवत्ता प्रबंधन पर केंद्रीय कैबिनेट सचिव की बुलाई गई वीडियो कॉन्फ्रेंस में भाग लेने के बाद उन्होंने यह जानकारी साझा की. हरियाणा सरकार की योजना में बीएस-III/IV डीजल बसों को हटाने का फैसला किया गया है. प्रदेश में 2023 में 10 साल पुराने डीजल के 185 और 15 साल पुराने 461 वाहनों को जब्त किया गया.

मुख्य सचिव ने बताया कि हरियाणा ने एनसीआर में 5 सौ वर्ग मीटर या उससे अधिक के भूखंड क्षेत्र पर निर्माण परियोजनाओं द्वारा पंजीकरण के लिए धूल प्रदूषण नियंत्रण स्व-मूल्यांकन के लिए वेब पोर्टल बनाया है. 16 जनवरी 2024 तक 738 साइटें पंजीकृत की गई हैं. 534 स्थानों पर धूल दमन के लिए एनसीआर में निर्माण स्थलों पर एंटी स्मॉग गन लगाई गई हैं.

उन्होंने बताया कि एनसीआर में बड़ी संख्या में मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनें चल रही हैं. हरियाणा के चयनित शहर गुरुग्राम, पानीपत और सोनीपत में प्रदूषण के स्तर और कार्बन उत्सर्जन की जांच का काम ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन पुणे को सौंपा गया है. इसके अलावा अन्य पांच जिलों रेवाड़ी, झज्जर, जींद, रोहतक और चरखी दादरी की योजना बनाई गई है, जिसके लिए टेंडर पहले ही जारी किया जा चुका है.

बैठक में हरियाणा प्रदूषण बोर्ड के चेयरमैन पी राघवेंद्र राव, कृषि और किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, पर्यावरण वन एवं वन्य जीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि राज्य परिवहन हरियाणा ने प्रदेश के नौ नगर निगम शहरों में संचालन के लिए सकल लागत अनुबंध (जीसीसी) मॉडल के तहत 375, 12-मीटर ई-बसों की खरीद को अंतिम रूप दे दिया है.

मुख्य सचिव ने कहा कि जून 2024 तक सभी 375 ई-बसें शामिल कर ली जाएंगी. उन्होंने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) के माध्यम से ई-बसों की खरीद का भी जिक्र किया, जो कि गुरुग्राम और फरीदाबाद को (प्रत्येक में 100 ई-बसें) को शामिल करने के लिए शुरू की गई थी. सभी 200 ई-बसों को शामिल करने का काम दिसंबर 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है.

राज्य परिवहन हरियाणा ने वित्तीय वर्ष के दौरान बीएस-VI उत्सर्जन मानदंडों को पूरा करने वाली 500 नई मानक बीएस-VI डीजल बसें और 150 एचवीएसी बीएस-VI डीजल बसें जोड़ने की योजना बनाई है. उन्होंने कहा कि ये सभी प्रस्तावित नई बसें नवंबर 2024 तक बस बेड़े में शामिल कर ली जाएंगी. मौजूदा समय में हरियाणा में लगभग 1030 बीएस-III अनुपालित डीजल बसें परिचालन में हैं, जिनमें लगभग 5 सौ बसें एनसीआर डिपो में सेवा देती हैं. अक्टूबर 2024 तक सभी 500 बीएस-III बसों को कंडम कर दिया जाएगा.

मुख्य सचिव ने बताया कि हरियाणा सरकार पराली प्रबंधन के लिए कारगर कदम उठा रही है. इसके लिए इंडियन ऑयल कार्पोरेशन ने बहोली, पानीपत में 100 केएलपीडी क्षमता का धान का भूसा (पराली) आधारित 2जी इथेनॉल संयंत्र स्थापित किया गया है. ये सालाना 2 लाख मीट्रिक टन धान के पराली की खपत करेगा. प्रदेश में 2.30 लाख टीपीए की कुल क्षमता के साथ 23 फसल अवशेष आधारित ब्रिकेटिंग संयंत्र चालू हैं.

ये भी पढ़ें- 5G Service in Haryana: हरियाणा में जल्द शुरू होगी 5G सेवा, मुख्य सचिव संजीव कौशल ने दिए अधिकारियों को निर्देश

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ये भी पढ़ें- हरियाणा में 5 जी सेवाओं को बेहतर बनाएगी सरकार, केंद्रीय नियमों के अनुसार होगा एलाइनमेंट

चंडीगढ़: दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण से निपटने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए हरियाणा सरकार ने नई योजना तैयार की है. मुख्य सचिव संजीव कौशल ने 2024-25 के लिए सरकार के उठाये जा रहे कदमों की जानकारी दी. ये योजना राज्य के बस बेड़े को इलेक्ट्रिक, सीएनजी और बीएस-VI डीजल बस सहित स्वच्छ विकल्पों में बदलने को लेकर है.

दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में वायु गुणवत्ता प्रबंधन पर केंद्रीय कैबिनेट सचिव की बुलाई गई वीडियो कॉन्फ्रेंस में भाग लेने के बाद उन्होंने यह जानकारी साझा की. हरियाणा सरकार की योजना में बीएस-III/IV डीजल बसों को हटाने का फैसला किया गया है. प्रदेश में 2023 में 10 साल पुराने डीजल के 185 और 15 साल पुराने 461 वाहनों को जब्त किया गया.

मुख्य सचिव ने बताया कि हरियाणा ने एनसीआर में 5 सौ वर्ग मीटर या उससे अधिक के भूखंड क्षेत्र पर निर्माण परियोजनाओं द्वारा पंजीकरण के लिए धूल प्रदूषण नियंत्रण स्व-मूल्यांकन के लिए वेब पोर्टल बनाया है. 16 जनवरी 2024 तक 738 साइटें पंजीकृत की गई हैं. 534 स्थानों पर धूल दमन के लिए एनसीआर में निर्माण स्थलों पर एंटी स्मॉग गन लगाई गई हैं.

उन्होंने बताया कि एनसीआर में बड़ी संख्या में मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनें चल रही हैं. हरियाणा के चयनित शहर गुरुग्राम, पानीपत और सोनीपत में प्रदूषण के स्तर और कार्बन उत्सर्जन की जांच का काम ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन पुणे को सौंपा गया है. इसके अलावा अन्य पांच जिलों रेवाड़ी, झज्जर, जींद, रोहतक और चरखी दादरी की योजना बनाई गई है, जिसके लिए टेंडर पहले ही जारी किया जा चुका है.

बैठक में हरियाणा प्रदूषण बोर्ड के चेयरमैन पी राघवेंद्र राव, कृषि और किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, पर्यावरण वन एवं वन्य जीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि राज्य परिवहन हरियाणा ने प्रदेश के नौ नगर निगम शहरों में संचालन के लिए सकल लागत अनुबंध (जीसीसी) मॉडल के तहत 375, 12-मीटर ई-बसों की खरीद को अंतिम रूप दे दिया है.

मुख्य सचिव ने कहा कि जून 2024 तक सभी 375 ई-बसें शामिल कर ली जाएंगी. उन्होंने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) के माध्यम से ई-बसों की खरीद का भी जिक्र किया, जो कि गुरुग्राम और फरीदाबाद को (प्रत्येक में 100 ई-बसें) को शामिल करने के लिए शुरू की गई थी. सभी 200 ई-बसों को शामिल करने का काम दिसंबर 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है.

राज्य परिवहन हरियाणा ने वित्तीय वर्ष के दौरान बीएस-VI उत्सर्जन मानदंडों को पूरा करने वाली 500 नई मानक बीएस-VI डीजल बसें और 150 एचवीएसी बीएस-VI डीजल बसें जोड़ने की योजना बनाई है. उन्होंने कहा कि ये सभी प्रस्तावित नई बसें नवंबर 2024 तक बस बेड़े में शामिल कर ली जाएंगी. मौजूदा समय में हरियाणा में लगभग 1030 बीएस-III अनुपालित डीजल बसें परिचालन में हैं, जिनमें लगभग 5 सौ बसें एनसीआर डिपो में सेवा देती हैं. अक्टूबर 2024 तक सभी 500 बीएस-III बसों को कंडम कर दिया जाएगा.

मुख्य सचिव ने बताया कि हरियाणा सरकार पराली प्रबंधन के लिए कारगर कदम उठा रही है. इसके लिए इंडियन ऑयल कार्पोरेशन ने बहोली, पानीपत में 100 केएलपीडी क्षमता का धान का भूसा (पराली) आधारित 2जी इथेनॉल संयंत्र स्थापित किया गया है. ये सालाना 2 लाख मीट्रिक टन धान के पराली की खपत करेगा. प्रदेश में 2.30 लाख टीपीए की कुल क्षमता के साथ 23 फसल अवशेष आधारित ब्रिकेटिंग संयंत्र चालू हैं.

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