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चंडीगढ़: पत्नी के खराब व्यवहार को हाई कोर्ट ने माना क्रूरता, तलाक पर लगाई मुहर

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Published : Dec 10, 2019, 9:55 AM IST

तलाक के लिए पति ने कहा कि पत्नी करवा चौथ का व्रत नहीं रखती, दोस्तों को खाना नहीं खिलाती परिवार को तंग करती है. इस पर हाई कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को सही ठहराया है.

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पत्नी के खराब व्यवहार को हाईकोर्ट ने माना क्रूरता

चंडीगढ़: पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने एक पत्नी की याचिका खारिज करते हुए फैमिली कोर्ट के तलाक के फैसले को सही बताया है. साथ ही कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के तलाक के फैसले को बरकार रखा है. दरअसल, पत्नी से तंग आकर पति ने फैमली कोर्ट में तलाक की याचिका दायर की थी. जिसे फैमिली कोर्ट ने मान लिया था.

बता दें कि फैमिली कोर्ट के तलाक के फैसले के खिलाफ पत्नी ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. याचिकाकर्ता पत्नी की ओर से बताया गया कि उसकी शादी मार्च 2011 में हुई थी और उसका पति भारतीय वायु सेना में गुजरात में तैनात है. वो शादी के बाद से ही अपने पति के साथ रहना चाहती थी, लेकिन उसकी सास ने उसे अपने पति के पास जाने नहीं दिया.

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वहीं पति ने कोर्ट में बताया कि उसकी पत्नी क्रूर स्वभाव की है. वो अपने कर्तव्यों का सही ढंग से पालन नहीं करती है. उसकी पत्नी ना तो उसके लिए कभी करवा चौथ का व्रत रखा और ना ही उसके परिवार के साथ दिवाली जैसे त्योहार मनाए. यहीं नहीं पति ने ये भी कहा कि जब उसके दोस्त घर आए तो पत्नी ने उसके दोस्तों के लिए भी खाना बनाने से मना कर दिया.

कोर्ट में पति ने बताया कि वो अपनी पत्नी से परेशान आकर खुदकुशी की कोशिश भी कर चुका है. वहीं पत्नी की ओर से ही उसके खिलाफ झज्जर में केस दर्ज कराया गया था, हालांकि बाद में कोर्ट ने उनको बरी कर दिया था. पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पति और पत्नी दोनों की दलीलें सुनी. जिसके बाद कोर्ट ने पति की दलील को सही बताया और फैमिली कोर्ट के तलाक के फैसले को बरकार रखा.

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चंडीगढ़ [दयानंद शर्मा]। Punjab and Haryana High Court ने एक पारिवारिक विवाद में पति की मांग पर Family Court के तलाक के फैसले को सही ठहराते हुए महिला की याचिका खारिज कर दी। Family Court के फैसले के खिलाफ महिला की ओर से हाई कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान पति की तरफ से बताया गया कि वह भारतीय वायु सेना में गुजरात में तैनात है।



याचिकाकर्ता ने कहा कि उसका विवाह मार्च 2011 में हुआ था। इसके बाद वह अपने परिवार को गुजरात ले जाना चाहता था। मगर उसकी सास ने परिवार को साथ ले जाने नहीं दिया। कुछ दिन बाद उसका साला उसकी पत्नी को गुजरात उसके पास छोड़कर चला गया। पति ने कहा कि उसकी पत्नी क्रूर स्वभाव की है। वह कर्तव्य का सही ढंग से निर्वाह नहीं कर रही। उसकी पत्नी उसके लिए करवा चौथ का व्रत भी नहीं रखती और उसके परिवार के साथ दिवाली जैसे त्योहार भी नहीं मनाती।



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पति ने कहा कि इतना ही नहीं जब उसके दोस्त उसके घर आए तो पत्नी ने उनको खाना देने से भी मना कर दिया। एक बार उसने आत्महत्या करने की भी कोशिश की। पत्नी ने उसके व उसके परिवार के खिलाफ पुलिस स्टेशन बेरी (झज्जर) में एक केस भी दर्ज करवा दिया था। हालांकि बाद में कोर्ट ने उनको बरी कर दिया था।



इसके अलावा जबसे उसका विवाह हुआ है, उसकी पत्नी ने उसके परिवार वालों के प्रति नकारात्मक रवैया अपना रखा है। पत्नी उसकी व उसके परिवार की इज्जत खत्म करने पर तुली हुई है। उसकी पत्नी उसे कई बार सार्वजनिक रूप से बेइज्जत कर चुकी है। पति की दलीलों को सही मानते हुए हाई कोर्ट ने Family Court के फैसले को बरकरार रखा है।


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