चंडीगढ़ से शहीद भगत सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के छोटे मार्ग का मामला उलझा, अड़चन बनी पंजाब सरकार

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Published : May 12, 2023, 5:30 PM IST

Chandigarh to Airport Road Project
चंडीगढ़ से शहीद भगत सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के छोटे मार्ग का मामला उलझा ! ()

चंडीगढ़ से शहीद भगत सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा तक जाने के छोटे मार्ग का मामला (Chandigarh to Airport Road Project ) उलझता नजर आ रहा है. पंजाब सरकार यूटी प्रशासन के प्रस्ताव से सहमत नहीं है, जिसके कारण फिलहाल इस परियोजना को पूरी होने में अधिक समय लग सकता है.

चंडीगढ़: चंडीगढ़ से शहीद भगत सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा तक के छोटे मार्ग का रास्ता बनाने की प्रक्रिया पंजाब और चंडीगढ़ प्रशासन के बीच उलझता नजर आ रहा है. इस रास्ते के लिए भूमि अधिग्रहण की लागत कौन वहन करेगा. इस को लेकर पंजाब और चंडीगढ़ शुक्रवार को हुई बैठक में अपने मतभेदों को दूर करने में विफल रहे. हालांकि यूटी प्रशासन और अन्य हितधारकों ने मार्ग के लिए कुछ संशोधनों के बाद परियोजना को अपनी मंजूरी दे दी.

यूटी सलाहकार धर्मपाल की अध्यक्षता में परियोजना के हितधारकों की शुक्रवार को बैठक हुई. मूल योजना पर रेलवे की आपत्तियों को दूर कर दिया गया था और अब मार्ग में मामूली बदलाव के साथ एक नए स्थान पर रेलवे अंडर ब्रिज बनाया जाएगा. मौजूदा समय में हवाई अड्डे तक पहुंचने के लिए 11 किलोमीटर का सफर तय करना होता है. ऐसे में परियोजना के मुताबिक इस समय को आधा करने की कोशिश की जाएगी.

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जिससे हवाई अड्डे तक पहुचने के लिए केवल 6 किलोमीटर का रास्ता तय करना होगा. इस परियोजना का एक हिस्सा मोहाली में आता है और पंजाब ने चंडीगढ़ को भुगतान करने के लिए कहते हुए इस भूमि को प्राप्त करने के लिए अपना धन खर्च नहीं करने का फैसला किया है. लेकिन केंद्र शासित प्रदेश पहले की योजना पर अड़ा हुआ है. जिसमें उसे पंजाब के क्षेत्र की जमीन पर सड़क निर्माण की लागत का भुगतान करना था, जबकि राज्य को भूमि अधिग्रहण के बाद उपलब्ध करानी थी.

यूटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पंजाब के क्षेत्र की भूमि के अधिग्रहण का मुद्दा अब पंजाब के गवर्नर-कम-यूटी प्रशासक के स्तर पर उठाया जाएगा. बैठक में इस दौरान पंजाब और चंडीगढ़ दोनों के वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे. इससे पहले, पंजाब के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया कि मोहाली प्रशासन छोटे मार्ग के लिए भूमि अधिग्रहण करने के लिए खर्च वहन नहीं करेगा.

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पंजाब का तर्क है कि चूंकि ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (गमाडा) द्वारा मोहाली से हवाई अड्डे तक का वैकल्पिक और छोटे मार्ग पर पहले से ही एक बड़ी राशि खर्च की जा रही है, इसलिए दो मार्गों के लिए दो बार भुगतान करना उचित नहीं होगा. अगर यूटी प्रशासन की समिति अभी भी जगतपुरा गांव के प्रस्ताव पर आगे बढ़ना चाहती है तो उसे इसके लिए अलग से फंड किया जाना चाहिए. पंजाब लोक निर्माण विभाग अपनी ओर से भूमि अधिग्रहण करेगा. वहीं चंडीगढ़ के इंजीनियरिंग विभाग द्वारा हवाई अड्डे तक जाने के रास्ते को कम करने के लिए हर विभाग की समस्या को सुलझा दिया है लेकिन पंजाब की सरकार द्वारा अभी भी अड़चन डाली जा रही है.

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