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कृषि से उत्पादक के साथ-साथ उद्यमी बनेंगे किसान- जेपी दलाल

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Published : Sep 4, 2020, 1:23 PM IST

हरियाणा के कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल ने किसानों के लिए सरकारी योजनाओं की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि हमारा मकसद प्रदेश के किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है. ताकि किसान उत्पादक के साथ-साथ उद्यमी बने और आगे बढ़ें.

agriculture minister jp dalal aware about government scheme for haryana farmers
कृषि में आत्मनिर्भरता हमारा लक्ष्य, उत्पादक के साथ-साथ उद्यमी बनेंगे किसान- जेपी दलाल

चंडीगढ़ः हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि कृषि में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य इस बात को ध्यान में रखकर निर्धारित किया गया है कि किसान एक उत्पादक के साथ-साथ उद्यमी भी बने. इस दिशा में सरकार द्वारा व्यापक स्तर पर योजनाएं भी बनाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि जब किसान और खेती उद्योग के रूप में आगे बढेंगी तो बड़े स्तर पर गांव और गांव के पास ही रोजगार व स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.

सरकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों से जुड़ी जितनी भी समस्याएं और सुधार हैं और छोटे किसानों को केन्द्र बिन्दू मानकर कृषि के सशक्तिकरण के साथ जोड़ा जा रहा है. किसानों की आढ़तियों पर निर्भरता कम करने के लिए नई-नई योजनाएं लाई जा रही हैं. इस बार गेहूं व सरसों की रबी फसलों की खरीद प्रक्रिया में नई व्यवस्था की गई और पहली बार किसानों के खाते में फसल बिक्री का भुगतान किया गया.

किसानों के लिए 3900 करोड़ आवंटित

हालांकि पहले किसानों का ये भुगतान आढ़ती के माध्यम से होता था और किसान को पता नहीं होता था कि उसका कितना पैसा आया है. ऐसे में केन्द्र सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज में एक लाख करोड़ रुपये कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए रखा गया है और इसके तहत हरियाणा के लिए 3900 करोड़ रुपये आंवटित किये गए हैं. प्रदेश में इसके अनुरूप छोटे वेयरहाउस व एग्रो बेस्ड इन्डस्ट्री की योजनाएं बनाई जा रही हैं.

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मेरा पानी-मेरी विरासत योजना

जेपी दलाल ने कहा कि जल संरक्षण को ध्यान में रखते हुए मेरा पानी-मेरी विरासत योजना बनाई गई है. किसानों ने भी इस योजना के महत्व को समझा और सरकार के एक लाख हैक्टेयर क्षेत्र में धान के स्थान पर अन्य कम पानी वाली फसलों की बुआई करने के निर्धारित लक्ष्य की तुलना में 1,18,128 हैक्टेयर क्षेत्र का रजिस्ट्रेशन ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर करवाया है कि वे धान के स्थान पर अन्य फसलों की बुआई करेंगे.

मृदा स्वास्थ्य कार्ड होंगे उपलब्ध

इसी प्रकार मृदा स्वास्थ्य कार्ड भी किसान को उनके निकट स्थानों पर ही उपलब्ध हों, इसके लिए स्कूलों व कॉलेजों की प्रयोगशालाओं में पानी व मृदा की जांच की जाएगी. मृदा स्वास्थ्य कार्ड पूरे प्रदेश में 70 लाख एकड़ क्षेत्र के लिए हर तीन साल में जारी किए जाएंगे ताकि किसान को उसकी भूमि की उर्वरा शक्ति की जानकारी हो और उसके अनुसार वह फसल की बिजाई कर सके.

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