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भिवानी में दूसरे दिन भी नहीं शुरू हुई सरसों की सरकारी खरीद, निजी कंपनियों को कम दामों में फसल बेचने को मजबूर किसान

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Published : Mar 16, 2023, 1:35 PM IST

15 मार्च से हरियाणा में सरसों की सरकारी खरीद शुरू हो गई है. आज दूसरे दिन भी भिवानी में सरसों की सरकारी खरीद शुरू नहीं हो पाई है. जिसकी वजह से सरसों का एक भी दाना न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं बिका है.

mustard procurement in bhiwani
mustard procurement in bhiwani

भिवानी: 15 मार्च से हरियाणा में सरसों की सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है. इस बार हरियाणा सरकार ने सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5450 रुपये प्रति क्विंटल रखा है. भिवानी की अनाज मंडी में दूसरे दिन भी सरसों की सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई है. बताया जा रहा है कि भिवानी अनाज मंडियों में ई खरीद पोर्टल नहीं चल रहा. जिस वजह से भिवानी में सरसों की सरकारी खरीद शुरू नहीं हो पाई है. जो खरीद हो भी रही है, वो ई नेम के माध्यम से प्राइवेट स्तर पर पर्चियां काटकर की जा रही हैं. ई नेम से होने वाली खरीद में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पा रहा है.

जिससे किसानों में रोष बना हुआ है. भिवानी में तो अभी तक सरसों का एक भी दाना न्यूनतम समर्थन मूल्य 5450 रुपये पर नहीं खरीदा गया है. जो भी खरीद हुई है, वो प्राइवेट स्तर पर हुई है. भिवानी अनाज मंडी के डिप्टी सेक्रेटरी प्रदीप कुमार ने बताया कि भिवानी अनाज मंडी में सरसों की खरीद शुरू हो चुकी है, परन्तु तकनीकी कारणों के चलते ई-खरीद पोर्टल से किसानों के गेट पास नहीं बन पा रहे हैं, क्योंकि पोर्टल में किसान का फोन नंबर तो सिस्टम उठा लेता है, परन्तु आधार कार्ड को इनवैलिड बता रहा है. जिसके कारण किसानों के गेट पास नहीं बन पा रहे हैं.

इसके लिए ई-नेम के माध्यम से किसानों के गेट पास बनाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि ई-नेम के माध्यम से लगभग 20 किसानों की 250 क्विंटल फसल की खरीद हुई है. बता दें कि ई-नेम के माध्यम से जो फसल बिकती है, उसमें किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलता, बल्कि फसल की गुणवत्ता के आधार पर खुले मार्केट में न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर सरसों बिक रही है. खुले बाजार में भाव 4500 से लेकर 5200 ही मिल पा रहा है. भिवानी के पालुवास गांव के किसान रविंद्र ने बताया कि वो 20 क्विंटल सरसों मंडी में लेकर आए हैं, लेकिन यहां सरकारी खरीद नहीं हो रही.

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मजबूरन उनको अपनी सरसों की फसल 5100 से 5200 के बीच खुले बाजार में बेचनी पड़ रही है. वहीं हैफेड ने कंडीशन लगा रखी है कि 8 प्रतिशत से कम नमी वाली सरसों ही खरीदेंगे. इन दिनों मार्केट में किसान जो सरसों ला रहे हैं, उसकी नमी 20 प्रतिशत तक है. उसमें तेल की मात्रा भी कम है. इसीलिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 5450 पर सरसों की फसल नहीं बिक पा रही है. गेट पास की पर्चियां बनाने वाले कंप्यूटर ऑपरेटर पवन ने बताया कि ई-खरीद पोर्टल की साइट ठीक से काम नहीं कर रही है. इसे ठीक करने का काम किया जा रहा है. पोर्टल ठीक होते ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर हैफेड द्वारा खरीद के लिए टोकन जारी किए पाएंगे. हालांकि खुले मार्केट में सरसों बेचने के लिए ई-नेम के टोकन जारी किए जा रहे हैं.

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