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करनाल हरियाणा का पहला जिला जहां सरकारी स्कूल हो रहे हैं डिजिटल, अब ऐसे होगी पढ़ाई

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Published : Nov 23, 2020, 9:20 PM IST

हरियाणा सरकार सरकारी स्कूलों का डिजिटलाइजेशन कर रही है. जिसके तहत सबसे पहले करनाल के 9 स्कूलों के 35 क्लासरूम डिजिटल बनाए जाने हैं, जिनमें से 7 स्कूलों में काम पूरा हो चुका है.

digital classes in karnal government schools
digital classes in karnal government schools

करनालः डिजिटल होती इस दुनिया में सबसे जरूरी चीजों में से एक है एडवांस शिक्षा, जिसके लिए चाहिए आपको ऐसा माहौल और ऐसे उपकरण जो भारते के भविष्य को स्मार्ट बनाएं. ताकि दुनिया के साथ हमारा देश कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ सके. इसके लिए शिक्षा का डिजिटलाइजेशन एक अहम कदम है जो प्राइवेट स्कूल काफी पहले ही उठा चुके हैं लेकिन जिन लोगों की पहुंच से प्राइवेट स्कूलों की महंगी शिक्षा दूर है उनका क्या. सरकारी स्कूलों में होने वाली पढ़ाई से भी आप भलि भांति वाकिफ हैं. इसका तोड़ निकालने के लिए हरियाणा सरकार ने केंद्र के साथ मिलकर एक कदम उठाया है. सरकार प्रदेश के सरकारी स्कूलों को डिजिटल बनाना चाहती है जिसकी शुरूआत सीएम सिटी करनाल से हुई है. जहां के 9 स्कूलों के 53 क्लासरूम को स्मार्ट बनाया जा रहा है. ये काम अब तक 7 स्कूलों में पूरा भी हो चुका है.

करनाल हरियाणा का पहला जिला जहां सरकारी स्कूल हो रहे हैं डिजिटल, ये मिलेंगी सुविधाएं

सरकारी स्कूलों की स्मार्ट क्लासों में होंगी ये सुविधाएं

  • हर क्लास में ब्लैक बोर्ड की जगह एलईडी होगी
  • एलईडी पर पढ़ाई जाने वाली सभी चीजों का प्रिंट भी लिया जा सकेगा
  • पूरा स्कूल सीसीटीवी से लैस होगा
  • प्रिंसिपल रूम में होगा सीसीटीवी का कंट्रोल
  • रोबोटिक और स्टैम लैब
  • बायोमैट्रिक मशीने से बच्चों की अटेंडेंस
  • हर स्कूल की कंप्यूटर लैब में लैपटॉप
  • 3 डी एक्सपेरिमेंट की सुविधा

क्या कहते हैं शिक्षक ?

स्कूल की प्रिंसिपल अंजू सरदाना का कहना है कि ये सपना पूरा होने जैसा है, ये समय की जरूरत है जिसे सरकार ने पूरा किया है. हमारे स्कूल में 800 बच्चे हैं और सबको डिजिटल इंडिया में कंप्यूटर शिक्षा से ही आगे बढ़ना है. उनका ये भी मानना है कि अब स्कूल में बच्चे प्राइवेट स्कूल छोड़कर भी आएंगे.

करनाल के इस सरकारी स्कूल में कंप्यूटर की शिक्षा देने वाले पुनीत शर्मा कहते हैं कि जब हम भी छोटे थे तो हमारी भी ये इच्छा थी कि हम अच्छे स्कूल में पढ़ें लेकिन हमारे माता-पिता उसका बोझ नहीं उठा सकते थे, अब हमारी ये इच्छा है कि बच्चों को टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर पढ़ाएं.

क्या कहते हैं बच्चे ?

सन्नी सरकारी स्कूल में 11वीं के छात्र हैं, वो कहते हैं कि मेरे माता-पिता मुझे प्राइवेट स्कूल में पढ़ाना चाहते थे लेकिन उनके पास पैसे नहीं थे. इसलिए उन्होंने हमें सरकारी स्कूल में पढ़ने भेजा लेकिन अब यहां भी स्मार्ट क्लासेज तैयार हो रही हैं जो काफी अच्छा है. अब सरकारी स्कूल भी प्राइवेट स्कूल की बराबरी कर सकेंगे.

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