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उपमुख्यमंत्री का रामकुमार गौतम पर पलटवार, 'अब मैं उन्हें घर से उठाकर तो कार्यक्रम में नहीं लाऊंगा'

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Published : Jun 21, 2020, 8:07 PM IST

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने नारनौंद से जेजेपी विधायक रामकुमार गौतम के खिलाफ आखिर मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने कहा कि रामकुमार गौतम हमारी पार्टी की वजह से ही विधायक बने हैं, उन्हें मंत्री पद की लालसा नहीं पालनी चाहिए.

dushyant chautala on MLA ramkumar gautam
dushyant chautala on MLA ramkumar gautam

हिसार: उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने रविवार को नारनौंद की दादा देवराज धर्मशाला में 100 जन समस्याओं पर सुनवाई की. क्षेत्र के लोगों ने मुख्य रूप से बिजली, पानी, सड़क, सीवरेज, गली, बीपीएल राशन कार्ड सहित अन्य समस्याएं उपमुख्यमंत्री के समक्ष रखीं. उपमुख्यमंत्री ने मौके पर ही समस्याओं के समाधान के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को जरूरी आदेश दिए. वहीं जब पत्रकारों ने उपमुख्यमंत्री से नारनौंद से जेजेपी विधायक रामकुमार गौतम के बारे में पूछा तो उपमुख्यमंत्री ने विधायक गौतम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.

विधायक गौतम पर उपमुख्यमंत्री का पलटवार

उन्होंने नारनौंद आकर ये साफ कर दिया कि अब वह इस हलके को खुद संभालेंगे. उन्होंने कहा कि यहां के एक-एक कार्यकर्ता का पूरा मान-सम्मान किया जाएगा. गौतम हमारी पार्टी की वजह से ही विधायक बने हैं. उन्हें मंत्री पद की लालसा नहीं पालनी चाहिए. पार्टी के कार्यकर्ताओं ने वोट देकर उनको विधायकबना कर जो मान सम्मान दिया है, उन्हें वह नहीं भूलना चाहिए. वह पार्टी और कार्यकर्ताओं की बदौलत ही विधायक बने हैं.

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने नारनौंद से जेजेपी विधायक रामकुमार गौतम के खिलाफ आखिर मोर्चा खोल दिया है.

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि चौधरी देवी लाल हमेशा संगठन को स्तंभ मानते थे और हम भी उनके रास्ते पर चलते हुए संगठन के कार्यकर्ता का ही हक पहले समझते हैं. उनका मान-सम्मान पहले करते हैं. हमनें अनूप धानक को उनका हक देते हुए संगठन के आदमी को ही मंत्री बनाने की प्राथमिकता दी. अनूप धानक ने हमारे बुरे समय में अपनी विधायकी छोड़कर बलिदान दिया था और जेजेपी में शामिल हुए थे. अगर गौतम चाहते हैं कि अनूप धानक को हटाकर उनको मंत्री बनाया जाए तो वह आकर मांग करें, उस पर विचार किया जाएगा.

'तो क्या मैं उनको जबरदस्ती उठाकर लाऊं'

रविवार को नारनौंद में हुए इस कार्यक्रम में विधायक रामकुमार गौतम की दूरी शायद उपमुख्यमंत्री को रास नहीं आई. उन्हें एहसास था कि नारनौंद में जब भी वह किसी कार्यक्रम में आएंगे तो विधायक उनके कार्यक्रम में जरूर पहुंचेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. रामकुमार गौतम का आज के कार्यक्रम में ना पहुंचना पूरे क्षेत्र में चर्चाओं का विषय रहा. इस पर दुष्यंत चौटाला ने टिप्पणी करते हुए कहा कि वह इस कार्यक्रम में नहीं आए तो क्या मैं उनको जबरदस्ती उठाकर लाऊं.

बता दें कि, दुष्यंत चौटाला रामकुमार गौतम को हमेशा दादा गौतम कहकर ही पुकारते थे, लेकिन आज उन्होंने रामकुमार गौतम को बिना दादा कहे ही उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया. रामकुमार गौतम पिछले दिनों अपने आप को दुष्यंत का नकली दादा बता चुके हैं और कहा था कि दुष्यंत का असली दादा तो ओमप्रकाश प्रकाश चौटाला ही है. गौरतलब है कि विधायक रामकुमार गौतम कई महीनों से जेजेपी और दुष्यंत चौटाला की खिलाफत कर रहे हैं.

रामकुमार गौतम महीनों से कर रहे हैं जेजेपी की खिलाफत

गौतम पहली बार 25 दिसंबर 2019 को राखी बारह खाप के एक कार्यक्रम में दुष्यंत चौटाला के खिलाफ खुलकर सामने आए थे जब उन्होंने कहा था कि मैंने पहली गलती की जब बीजेपी छोड़ी, दूसरी जब कांग्रेस छोड़ी और अब सबसे बड़ी गलती जजपा से चुनाव लड़ा. इसके बाद लगातार विधायक गौतम जेजेपी और दुष्यंत चौटाला पर जुबानी हमला करते रहे.

वहीं बीती 9 जून को ही उन्होंने दुष्यंत पर ताजा हमला करते हुए कहा था कि जेजेपी एक पार्टी नहीं गिरोह है, इस गिरोह में शामिल होना जिंदगी की मेरी सबसे बड़ी भूल थी. टिकट लिया और चुनाव लड़ा, वह मेरे लिए काला दिन था. इस भूल को तो अब भगवान ही सुधारेगा. हमें किसी मंत्री पद का लालच न रहा और नहीं है. मैं तो इस गिरोह में ही बहुत गलत फंस गया. पोता तो ये ओमप्रकाश चौटाला का ही है, मैं तो इसका बनावटी दादा था, क्योंकि मेरा इसने फायदा उठाना था.

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