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कुमारी सैलजा और सुरजेवाला ने ट्वीट करके दी बैसाखी की बधाईयां

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Published : Apr 13, 2020, 1:05 PM IST

देश भर में 13 अप्रैल को यानी आज बैसाखी का पर्व मनाया जा रहा है. ये पर्व पंजाब और हरियाणा में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. वहीं बैसाखी के मौके पर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने ट्वीट करके प्रदेश वासियों को इस पर्व की बधाई दी है.

baishaki tweet
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चंडीगढ़: देश में लॉक डाउन के कारण लोग अपने घरों में रह कर ही इस बार बैसाखी मना रहे हैं. वहीं प्रदेश के नेताओं और मंत्रियों ने प्रदेशवासियों को ट्विटर के माध्यम से बैसाखी पर्व की शुभकामनाएं दी हैं और लोगों से अपील की है कि घर के अंदर रह कर ही पर्व मनाएं.

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करके बैसाखी की बधाईयां दी और लिखा कि बैसाखी नई किरण, नई उम्मीद, नई शुरुआत का प्रतीक है. आशा करता हूं यह बैसाखी कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक नई शुरुआत लेकर आए. मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि वे घर पर रहें व घर में बैसाखी मनाए और दुनिया के लिए एक नई शुरुआत की प्रार्थना करें.

  • बैसाखी नई किरण, नई उम्मीद, नई शुरुआत का प्रतीक है।

    आशा करता हूँ यह बैसाखी कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक नई शुरुआत लेकर आए।

    मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि वे घर पर रहें व घर में बैसाखी मनाए और दुनिया के लिए एक नई शुरुआत की प्रार्थना करें🙏🏼#HappyBaisakhi 🌾 pic.twitter.com/3EoFKsR9yy

    — Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 13, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने ट्वीट करके प्रदेशवासियों का बैसाखी की बधाईयां दी और लिखा कि अन्नदाता की खुशहाली और समृद्धि के पर्व बैसाखी की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं.

  • अन्नदाता की खुशहाली और समृद्धि के पर्व बैसाखी की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। pic.twitter.com/93YeGIVcuN

    — Kumari Selja (@kumari_selja) April 13, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

क्यों मनाते हैं बैसाखी?

हिंदी कैलेंडर के अनुसार इस दिन को हमारे सौर नव वर्ष की शुरुआत के रूप में भी जाना जाता है. इस दिन लोग अनाज की पूजा करते हैं और फसल के कटकर घर आ जाने की खुशी में भगवान और प्रकृति को धन्यवाद करते हैं. देश के अलग-अलग जगहों पर इसे अलग नामों से मनाया जाता है-जैसे असम में बिहू, बंगाल में नबा वर्षा, केरल में पूरम विशु के नाम से लोग इसे मनाते हैं.

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