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रंजीत मर्डर केस: फैसला सुनाने वाले जज ने खुद को केस से किया अलग

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Published : Sep 2, 2021, 3:41 PM IST

Updated : Sep 2, 2021, 3:46 PM IST

रंजीत मर्डर केस (ranjit murder case) का फैसला आने वाला है लेकिन इसमें रोजाना नए-नए मोड़ आ रहे हैं. अब उस जज ने इस केस से खुद को अलग कर लिया है, जिन्हें फैसला सुनाना था.

ranjit murder
ranjit murder

चंडीगढ़ः रंजीत मर्ड केस (ranjit murder case) में एक बार फिर नया मोड़ आ गया है. पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab and Haryana High Court) में जस्टिस अरविंद सांगवान (justice arvind sangwan) ने इस केस से खुद को अलग कर लिया है, ये वही जज हैं जिन्होंने रंजीत मर्डर केस में पंचकूला सीबीआई की विशेष अदालत (Panchkula CBI Court) के फैसला देने पर रोक लगाई थी. अब जब तक रंजीत मर्डर केस किसी और जज के पास नहीं जाता है तब तक इस मामले में रोक जारी रहेगी. अब ये मामला सीधे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के पास जाएगा और वो किसी और बेंच को इसे रेफर करेंगे. लेकिन तब तक सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा फैसला दिये जाने पर रोक जारी रहेगी.

अभी तक ये साफ नहीं है जस्टिस अरविंद सांगवान ने रंजीत मर्डर केस से खुद को अलग क्यों किया है. क्योंकि इस केस के हाई प्रोफाइल होने से सबकी निगाहें इस पर टिकी थीं. डेरा प्रमुख राम रहीम(Gurmeet Ram Rahim) पर रंजीत की हत्या का आरोप है जो पूर्व डेरा मैनेजर है. इसी पर फैसला आने से पहले ये पूरा घटनाक्रम सामने आया है. इस मामले में आज ही सुनवाई होनी थी, जिसमें फैसला होता कि राम रहीम को सजा सुनाने वाला जज कौन होगा. क्योंकि सीबीआई की विशेष अदालत के मौजूदा जज पर रंजीत सिंह के बेटे को भरोसा नहीं था. इसी वजह से उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

आपको बता दें कि रंजीत सिंह मर्डर केस में गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) पर हत्या की साजिश रचने का आरोप है. पिछली सुनवाई के दौरान आरोपी अवतार, जसवीर और सबदिल कोर्ट में मौजूद थे और बचाव पक्ष के वकील ने फाइनल बहस के सभी दस्तावेज CBI कोर्ट में जमा किए थे. कोर्ट ने CBI से इस पर बहस करने के लिए पूछा, लेकिन जांच एजेंसी ने बहस नहीं की. सीबीआई कोर्ट ने 26 अगस्त तक मामला सुरक्षित रखा था. लेकिन पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने 27 अगस्त तक के लिए इस केस के फैसले पर रोक लगा दी थी. ये रोक अब तक जारी है.

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जानिए क्या है पूरा मामला: रंजीत हत्या मामले में गुरमीत राम रहीम का पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह ने राम रहीम पर हत्या के आरोप लगाए थे. खट्टा सिंह ने कोर्ट में बयान दिया था कि डेरा प्रमुख को लगता था कि साध्वियों के यौन शोषण के पत्र जगह-जगह भेजने के पीछे डेरा मैनेजर रंजीत सिंह का ही हाथ था. खट्टा सिंह ने कहा था, 'रंजीत ने साध्वियों की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी, इसलिए गुरमीत राम रहीम ने मेरे सामने 16 जून 2002 को सिरसा डेरे में उसको मारने के आदेश दिए थे, जिसके बाद रंजीत सिंह की 10 जुलाई 2003 को हत्या की गई थी.' फिलहाल गुरमीत राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में 2 साध्वियों के यौन शोषण के मामले में 20 साल की सजा व पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहा है.

Last Updated :Sep 2, 2021, 3:46 PM IST
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