नई दिल्ली : टेस्ला के भारत में कारोबार (tesla in india) करने पर कांग्रेस सांसद सुरेश कोडिकुन्नील ने सवाल पूछा. संसद में मोदी सरकार से पूछे गए इस सवाल पर केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल ने दो टूक लहजे में कहा कि मोदी सरकार की नीतियों के तहत अगर कोई कंपनी भारत के बाजार का प्रयोग करना चाहती है, तो स्थानीय लोगों को रोजगार भी देना होगा. ऐसा नहीं चलेगा कि सेंटर भारत में हो और रोजगार चीन को दिया जाए.
केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल ने बताया कि ई-व्हीकल के संबंध में गोवा में राउंड टेबल वार्ता हुई थी, जिसमें वे खुद मौजूद थे. प्रमुख उद्योग प्रतिनिधियों की मौजूदगी में इस मौके पर सबने एक स्वर में कहा, सरकार को जो करना था, किया जा चुका है; अब करने की बारी उद्योगों की है. केंद्रीय राज्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि मोदी सरकार की नीति स्पष्ट है कि अगर भारत में केंद्र स्थापित कर कारोबार करना है तो यहां के लोगों को रोजगार भी देना होगा.
भारत में टेस्ला को संयंत्र स्थापित करने का ऑफर देते हुए केंद्र सरकार ने कहा है कि भारत में टेस्टा का सेंटर बनने पर यहां के लोगों को रोजगार भी देना पड़ेगा. पावर और इंडस्ट्री मंत्रालय में केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल ने शिवसेना सांसद विनायक राउत के एक सवाल के जवाब में यह बात कही. उन्होंने कहा, टेस्ला जैसी कंपनी के संबंध में केंद्र सरकार फेम-तीन, पीएलआई ऑटो स्कीम जैसी कई योजनाएं चला रही है. इन योजनाओं के तहत देश-विदेश की कंपनियां अप्लाई कर सकती हैं. कृष्णपाल ने कहा कि टेस्ला ने आज तक अप्लाई नहीं किया है. मोदी सरकार की नीति के तहत ऐसा नहीं चलेगा कि सेंटर और बाजार भारत में और रोजगार चीन को.
यह भी पढ़ें- क्या भारत में टेस्ला का केंद्र बनेगा, मोदी सरकार ने संसद में दिया जवाब
उन्होंने कहा कि मार्केट अगर भारत की है तो रोजगार भी भारत के लोगों को मिलेगा. ऐसे में अगर टेस्ला भारत में केंद्र बनाना चाहती है, तो वे आएं और स्थापित करें. इससे पहले राउत ने कहा कि इलेक्ट्रिकल व्हीकल आज की जरूरत है. इसके लिए चार्जिंस स्टेशन बनाने का काम चल रहा है, जो सराहनीय है. उन्होंने कहा, देश में सबसे अधिक ई-व्हीकल टेस्ला कंपनी बना रही है. टेस्ला के भारत में केंद्र बनाए जाने के मामले में टेस्ला ने टैक्स में कुछ सहूलियत मांगी है, इस पर केंद्र सरकार का रवैया क्या है ?