PM security breach in Punjab: SC ने मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन किया

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Published : Jan 12, 2022, 8:46 AM IST

Updated : Jan 12, 2022, 12:58 PM IST

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सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में पीएम की सुरक्षा में चूक की जांच (PM security breach in Punjab) के लिए कमेटी का गठन किया है. इसकी अगुवाई जस्टिस इंदु मल्होत्रा करेंगी. इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने सभी मौजूदा जांच कमेटियों पर रोक भी लगा दी है. पढ़ें पूरी खबर...

नई दिल्ली : पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक मामले (PM security breach in Punjab) में सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए पूर्व जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अगुवाई में चार सदस्ययी कमेटी का गठन किया है. जानकारी के मुताबिक कोर्ट ने दूसरी जांच कमेटियों पर रोक लगा दी है.

कोर्ट द्वारा गठित पैनल में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) इंदु मल्होत्रा, (Justice (retd) Indu Malhotra) राष्ट्रीय जांच एजेंसी के महानिदेशक, पंजाब के सुरक्षा महानिदेशक और पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल इसके सदस्य होंगे.

शीर्ष अदालत ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया कि वह पंजाब सरकार द्वारा प्रधानमंत्री के पांच जनवरी के दौरे के लिए की गई सुरक्षा व्यवस्था से संबंधित सभी जब्त दस्तावेज समिति प्रमुख को तुरंत उपलब्ध कराएं.

पीठ ने कहा कि उम्मीद है कि यह समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट दाखिल करेगी.

फिरोजपुर में पांच जनवरी को प्रदर्शनकारियों द्वारा मार्ग अवरुद्ध करने के कारण प्रधानमंत्री का काफिला फ्लाईओवर पर फंस गया था, जिसके बाद वह एक रैली सहित किसी भी कार्यक्रम में शामिल हुए बिना पंजाब से लौट आए.

बता दें कि, मामले में सोमवार को हुई विस्तृत सुनवाई के बाद प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमणा की अध्यक्षता वाली और जस्टिस सूर्यकांत व हेमा कोहली की पीठ ने कहा था कि अदालत पीएम के सुरक्षा उल्लंघन की जांच के लिए एक सेवानिवृत्त शीर्ष अदालत के न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति का गठन करेगी.

पीठ ने केंद्र और पंजाब सरकार दोनों को इस मामले में अपनी-अपनी जांच को आगे नहीं बढ़ने को कहा. पीठ ने कहा कि वह इस मामले में विस्तृत आदेश पारित करेगी. सुनवाई के दौरान पीठ ने मौखिक रूप से प्रस्ताव दिया कि समिति के अन्य सदस्य पुलिस महानिदेशक, चंडीगढ़, महानिरीक्षक, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल और अतिरिक्त डीजीपी, सुरक्षा (पंजाब) होंगे.

पीठ ने कहा, हम प्रधानमंत्री के सुरक्षा उल्लंघन को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं. इसमें कहा गया है कि वह समिति से कम समय में अपनी रिपोर्ट उसे सौंपने को कहेगी. पंजाब सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे एडवोकेट जनरल डी.एस. पटवालिया ने राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को कारण बताओ नोटिस भेजे जाने के खिलाफ शिकायत की. उन्होंने शीर्ष अदालत से मामले की जांच के लिए एक स्वतंत्र समिति गठित करने का अनुरोध किया.

पटवालिया ने कहा, अगर मैं दोषी हूं तो मुझे फांसी दे दो.. लेकिन मेरी निंदा मत करो. केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र सरकार द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस का बचाव किया. हालांकि, शीर्ष अदालत ने केंद्र के रुख पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए सवाल किया कि अगर केंद्र खुद आगे बढ़ना चाहता है तो अदालत से इस मामले की जांच करने के लिए कहने का क्या मतलब है.

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दिल्ली स्थित याचिकाकर्ता लॉयर्स वॉयस का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने देश के पीएम को सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया और एसपीजी अधिनियम के तहत शीर्ष अदालत द्वारा दिए गए पिछले फैसले का हवाला दिया.

Last Updated :Jan 12, 2022, 12:58 PM IST
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