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MEA rejects China's attempt: चीन को भारत का जवाब, अरुणाचल हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहेगा

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Published : Apr 4, 2023, 1:30 PM IST

Updated : Apr 4, 2023, 1:42 PM IST

भारत सरकार ने चीन के अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदलने के प्रयासों के मामले में कड़ी प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि अरुणाचल हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहेगा.

Etv BharatInvented names will not alter reality": MEA rejects China's attempt to rename places in Arunachal Pradesh
Etv Bharatचीन को भारत का मुंहतोड़ जवाब, अरुणाचल हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहेगा

नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने चीन के अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों के नाम बदलने संबंधी प्रयासों पर कड़ा रूख अख्तियार किया है. विदेश मंत्रालय ने चीन के इस प्रयास को सिरे से खारिज कर दिया है. मंत्रालय ने चीन को स्पष्ट शब्दों में संदेश दे दिया है कि अरुणाचल हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहेगा. बता दें कि चीन की ओर से इस तरह के पहले भी प्रयास किए जा चुके हैं. चीन की ओर से यह तीसरा प्रयास है. इससे पहले 2017 में और उसने बाद 2021 में ऐसे ही प्रयास किए गए. इस दौरान 21 नामों की सूची जारी की गई.

  • चीन ने तीसरी बार अरुणाचल में हमारे इलाक़ों के “नाम बदलने” का दुस्साहस किया है।

    21 अप्रैल 2017 — 6 जगह
    30 दिसंबर 2021 — 15 जगह
    3 अप्रैल 2023 — 11 जगह

    अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा।

    गलवान के बाद, मोदी जी द्वारा चीन को क्लीन चिट देने का नतीजा, देश भुगत रहा है। pic.twitter.com/JTDTuCsRcY

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मंगलवार को कहा कि भारत ने अरुणाचल प्रदेश के स्थानों का नाम बदलने के चीन के प्रयास को सिरे से खारिज कर दिया है. प्रवक्ता ने कड़े शब्दों में कहा कि अरुणाचल हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहेगा. उन्होंने कहा कि नाम बदलने से हकीकत नहीं बदल जाएगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ऐसे समय में यह बयान जारी किया है जब चीन की ओर से अरुणाचल प्रदेश में 11 स्थानों के नाम को बदलने का प्रयास किया गया.

ये भी पढ़ें- China claim on Arunachal: चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा जताने के लिए चीनी नामों की तीसरी सूची जारी की

मीडिया के सवालों पर जवाब देते हुए अरिंदम बागची प्रवक्ता ने कहा कि ऐसी रिपोर्ट हमने देखी है. उन्होंने कहा कि चीन की ओर से यह कोई पहला प्रयास नहीं है. इससे पहले भी कई बार चीन ने यहां के नामों को बदलने का प्रयास किया. इसे हम सिरे से खारिज करते हैं. चीन की ओर से रविवार को 11 स्थानों के नामों की घोषणा की गई. इसमें दो आवासीय क्षेत्रों, पांच पर्वत चोटियों, दो नदियों और दो अन्य क्षेत्र शामिल हैं. इनके नामों को तिब्बती और पिनयिन अक्षरों में लिखे गए हैं. ग्लोबल टाइम्स की ओर से भी इस संबंध में एक रिपोर्ट जारी की गई है. इस रिपोर्ट के अनुसार अरुणाचल प्रदेश में चीनी की ओर से भौगोलिक आधार पर नाम बदलने का यह तीसरा प्रयास है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 6 नामों को 2017 नामों मानकीकृत किया गया था. इसके बार 15 स्थानों का किया गया. इसकी सूची 2021 में जारी की गई थी. भारत सरकार ने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि चीन अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों का नाम अपनी भाषा में बदलने संबंधी रिपोर्ट सामने आई थी.

कांग्रेस की प्रतिक्रिया: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि चीन ने तीसरी बार अरुणाचल में हमारे इलाक़ों के 'नाम बदलने' का दुस्साहस किया है. उन्होंने इसका व्यौरा भी दिया है. 21 अप्रैल 2017 — 6 जगह, 30 दिसंबर 2021 — 15 जगह और 3 अप्रैल 2023 — 11 जगह नाम बदलने का प्रयास किया गया. उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा. साथ ही उन्होंने केंद्र में बीजेपी की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि गलवान के बाद, मोदी जी द्वारा चीन को क्लीन चिट देने का नतीजा, देश भुगत रहा है.

(एएनआई)

Last Updated : Apr 4, 2023, 1:42 PM IST
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