काम का ना काज का, ये नशा है दुश्मन जान का. जी हां, नशा कैसा भी हो इंसान को बर्बाद कर देता है. एक अच्छे खासे इंसान को खोखला करता है, जो इसकी चपेट में आ गया उसकी जिंदगी में ग्रहण लगा देता है, लेकिन नादान उम्र में कई बार सिर्फ दोस्तों में शान बघारने के लिए लिया गया नशा, कब हमारी लत बन जाता है, पता ही नहीं चलता है. युवाओं को नशे के इस मकड़जाल से निकालने के लिए ईटीवी भारत की मुहिम (ETV Bharat campaign against drug addiction) में जानिए डॉक्टर की राय.
काम का ना काज का, ये नशा है दुश्मन जान का. जी हां, नशा कैसा भी हो इंसान को बर्बाद कर देता है. एक अच्छे खासे इंसान को खोखला करता है, जो इसकी चपेट में आ गया उसकी जिंदगी में ग्रहण लगा देता है, लेकिन नादान उम्र में कई बार सिर्फ दोस्तों में शान बघारने के लिए लिया गया नशा, कब हमारी लत बन जाता है, पता ही नहीं चलता है. युवाओं को नशे के इस मकड़जाल से निकालने के लिए ईटीवी भारत की मुहिम (ETV Bharat campaign against drug addiction) में जानिए डॉक्टर की राय.