देवदलन है भगवान जगन्नाथ और बलभद्र की बहन देवी सुभद्रा का रथ
भगवान जगन्नाथ और बलभद्र की बहन देवी सुभद्रा के रथ को देवदलन के नाम से जाना जाता है. इसे दर्पदलन और पद्मध्वज भी कहा जाता है. इस रथ में देवी सुभद्रा का साथ सुदर्शन देते हैं. देवी सुभद्रा का रथ लाल और काले रंग का होता है और यह तीनों रथों में सबसे छोटा होता है. कुल 593 लकड़ी के टुकड़े से बने देवी सुभद्रा जी के रथ की ऊंचाई 44.6 फिट होती है. देवदलन रथ में लाल रंग के चार घोड़े होते हैं- रोचिका, मोचिका, जीता और अपराजिता. इस रथ में 12 पहिये होते हैं. देवदलन रथ के रक्षक जयदुर्गा और सारथी अर्जुन हैं. इस रथ का ध्वज नदंबिक कहलाता है. इसे खींचने वाली रस्सी को स्वर्णचुड़ा कहते हैं. देवदलन रथ पर लगे ध्वज को नदंबिका के नाम से जाना जाता है. देवी सुभद्रा के साथ रथ में चंडी, चामुंडा, उग्रतारा, वनदुर्गा, शुलिदुर्ग, वाराही, श्यामा काली, मंगला और बिमला की मूर्तियां भी होती हैं. देवदलन रथ के मुख को भक्ति सुमेधा के नाम से जाना जाता है और हथियार पद्म और कल्हार हैं.