हार्मोनल स्वास्थ्य के लिए जरूरी पोषक भोजन और स्वस्थ दिनचर्या

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Published : Oct 3, 2020, 11:40 PM IST

harmonal imbalance
हार्मोनल असंतुलन ()

शरीर के हार्मोनल स्वास्थ्य को नजरअंदाज करना सेहत के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है. अस्वस्थ हार्मोन्स के चलते हमारे शरीर के ज्यादातर अंग सही तरीके से अपना कार्य नहीं कर पाते हैं. अपने खानपान को नियंत्रित कर, भोजन में स्वस्थ आहार को शामिल करके तथा अनुशासित दिनचर्या का पालन करके शरीर में हार्मोन असंतुलन की समस्या से बचा जा सकता है.

शरीर के विकास से लेकर उसकी अन्य गतिविधियों को नियंत्रित करने तक, हमारे शरीर में हार्मोन्स का संतुलन बहुत जरूरी होता है. किसी कारण से यदि हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाए, तो कई तरह की बीमारियां और समस्याएं हमारे शरीर को घेर लेती हैं. आमतौर पर लोगों में धारणा होती है कि सिर्फ महिलाओं में ही हार्मोन्स में असंतुलन जैसी समस्याएं देखने में आती है, जबकि यह गलत है. महिलाएं हो या पुरुष दोनों को ही हार्मोन असंतुलन की समस्याएं हो सकती हैं. क्या होता है हार्मोन असंतुलन और किस तरह संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली का पालन कर हम अपने शरीर में हार्मोन के संतुलन को बनाए रख सकते हैं. इस बारे में ETV भारत सुखीभवा की टीम ने अपनी विशेषज्ञ न्यूट्रीशनिस्ट तथा डायबिटिक एजुकेटर दिव्या गुप्ता से बात की.

क्या है हार्मोंस का असंतुलन

हमारे शरीर में एस्ट्रोजन, टेस्टोस्टेरोन, एड्रेनालाईन, इंसुलिन और कॉर्टिसोल जैसे हार्मोन पाए जाते हैं, जो बचपन से लेकर बड़े होने तक उम्र के हर पड़ाव में शरीर के विकास के लिए कार्य करते हैं. दिव्या गुप्ता बताती हैं की शरीर का विकास, कामेच्छा तथा भूख सहित शरीर की कई जरूरतों को हार्मोन ही संतुलित करते हैं. यदि शरीर में हार्मोन्स की मात्रा ज्यादा या कम हो जाती है, तो शरीर की गतिविधियों तथा कार्यों पर असर पड़ता है. हार्मोंस में असंतुलन महिलाओं और पुरुषों दोनों में देखा जाता है, लेकिन महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के मामले अधिक नजर आते है.

हार्मोनल असंतुलन के चलते महिलाओं में यौवनावस्था, मासिक धर्म में समस्या, गर्भावस्था में तथा बच्चे को जन्म देने के बाद शरीर में दूध के निर्माण में समस्या हो सकती है. इसके अलावा मेनोपॉज, प्री-मेनोपॉज, और पोस्ट मेनोपॉज के समय हार्मोनल असंतुलन के चलते समस्याएं बढ़ जाती है.

वहीं पुरुषों में हार्मोंस में असंतुलन के चलते यौवनावस्था और शारीरिक विकास में ज्यादा परेशानियां हो सकती है.

हार्मोन असंतुलन के लक्षण

  • वजन बढ़ना
  • नींद की कमी
  • थकान
  • पाचन तंत्र में समस्या
  • चिड़चिड़ापन
  • कामेच्छा में कमी

कैसे करें प्राकृतिक ढंग से हार्मोन संतुलित

  • पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन खाएं

शरीर में हार्मोन्स की मात्रा को संतुलित रखने के लिए बहुत जरूरी है कि पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाए. क्योंकि प्रोटीन हमारी भूख से जुड़े हार्मोन घ्रेलिन को संतुलित करता है. इसके अलावा प्रोटीन भूख को दबाता है, मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है तथा हमारे फैट को कम करने में मदद करता है.

  • नियमित व्यायाम जरूरी

नियमित व्यायाम हमारे अच्छे हार्मोनल स्वास्थ्य में काफी महत्वपूर्ण होता है. यह ना सिर्फ मोटापे से बचाता हैं, बल्कि शरीर में इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाता है.

  • तनाव नियंत्रण

तनाव चाहे कैसा भी हो शारीरिक या मानसिक, शरीर में तनाव हार्मोन के नाम से प्रसिद्ध कोर्टिसोल को बढ़ाता है. तनाव को कम रखने के लिए जरूरी है मेडिटेशन, योग, मसाज या अच्छे संगीत को सुना जाए, जिससे हमारे शरीर के स्ट्रेस हार्मोन को नियंत्रण में रखा जा सके.

  • पर्याप्त नींद जरूरी

यदि आप पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं लेते हैं या कम समय के लिए सोते हैं, तब भी आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. इस अवस्था में सिर्फ हार्मोन ही नहीं, बल्कि शरीर में इंसुलिन की मात्रा पर भी असर पड़ता है. जिससे मोटापा और डायबिटीज की समस्याएं बढ़ सकती है.

  • स्वस्थ वसा का सेवन

अपने आहार में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए जिनमें स्वस्थ वसा ज्यादा मात्रा में उपलब्ध हो. ऐसा करने से शरीर में इंसुलिन की मात्रा नियंत्रित रहती है और हमारी भूख को नियंत्रण में रखने वाले हार्मोन्स भी संतुलित रहते हैं.

  • मीठा और परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट का सेवन बंद या कम करें

ना सिर्फ संतुलित हार्मोन्स बल्कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए भी बहुत जरूरी है कि खाने में मीठे की मात्रा कम से कम रखी जाए. इसके अलावा परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट जैसे व्हाइट ब्रेड तथा पास्ता आदि का सेवन भी हमें बीमार कर सकता है.

  • ओमेगा -3 तथा फाइबर युक्त आहार का सेवन जरूरी

अपने आहार में फाइबर युक्त सब्जियों और फलों की संख्या बढ़ाएं. ओमेगा-3 तथा फाइबर युक्त भोजन को शामिल करना हमारे हार्मोनल स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है.

  • नशे से दूरी जरूरी

हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है कि अल्कोहल या किसी भी प्रकार के नशे तथा धुम्रपान जैसी आदतों से दूर रहा जाए. यह आदतें हमारे शरीर के सभी हार्मोन को प्रभावित करती हैं तथा स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डालती हैं.

अधिक जानकारी के लिए न्यूट्रीशनिस्ट दिव्या गुप्ता से संपर्क करें divya.gupta18593@gmail.com

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