ETV Bharat / sukhibhava

राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस: आइए जानें इनसे जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य

author img

By

Published : Oct 1, 2021, 10:25 AM IST

Updated : Oct 1, 2021, 11:04 AM IST

1 अक्टूबर भारत में राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह मूल रूप से डॉ. जय गोपाल जॉली के जन्मदिन पर, उनके द्वारा किए गए अपार योगदान को पहचानने और स्मरण करने के लिए मनाया जाता है. डॉ. जॉली रक्त आधान के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध विशेषज्ञ थे. इस दिवस पर आज हम आपको ब्लड डोनेशन से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं.

National Voluntary Blood Donation Day 2021, National Voluntary Blood Donation Day, blood donation day, blood donation, what is blood donation, who can donate blood, can people with diabetes donate blood, can cancer patients donate blood, can old people donate blood, can people with comorbidities donate blood, can women donate blood, can i donate blood after covid vaccination, can covid warriors donate blood, people of what age can donate blood, रक्तदान,  राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस
राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस 2021

एक व्यक्ति के रक्तदान से दूसरे इंसान को जीवनदान मिल सकता है. दुर्घटना या किसी अन्य कारण के चलते शरीर में हुई खून की कमी को किसी दान किए गए रक्त से दूर किया जा सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार भारत में सालाना एक करोड़ यूनिट रक्त की जरूरत होती है लेकिन करीब 75% रक्त ही उपलब्ध हो पाता है , जिसके कारण लगभग 25 लाख यूनिट खून के अभाव में हर साल सैकड़ों मरीजों की जान चली जाती है.

हमारे देश में रक्त दाताओं का आंकड़ा बहुत कम है, क्योंकि इसे लेकर लोगों के मन में कई भ्रम हैं. इसी के चलते ETV भारत सुखीभवा अपने पाठकों के साथ साँझा कर रहा है रक्तदान से जुड़ी कुछ विशेष जानकारियां और तथ्य.

इसी वर्ष अप्रैल माह में इंडियन ब्लड बैंक की ओर से कोविड संबंधी अपडेट के दौरान बताए गए रक्तदान के मानक इस प्रकार हैं.

कौन कर सकता है रक्तदान?

  • भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के अंतर्गत संचालित विभाग राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO) के अनुसार भारत में रक्तदान करने की कम से कम उम्र 18 साल है. वैसे अलग-अलग देशों में यह उम्र अलग-अलग है, जैसे, अमरीका में रक्तदान की शुरुआती उम्र 16 साल है. हमारे देश में रक्तदान के लिए बनाई गई गाइडलाइन के अनुसार 18 से 60 साल के बीच कोई भी महिला या पुरुष रक्तदान कर सकता है जो पूरी तरह से स्वस्थ हो.
  • नाकों के मुताबिक़ भारत में पुरुष तीन महीने में एक बार और महिलाएं चार महीने में एक बार रक्तदान कर सकती हैं.
  • मानकों के अनुसार रक्तदान करने वाले व्यक्ति का वजन कम से कम 50 किलो होना चाहिए, वहीं कुछ ब्लड बैंक 45 किलो से अधिक भजन होने पर भी रक्तदान की अनुमति दे देते हैं.
  • इसके अतिरिक्त रक्तदान करने वाले व्यक्ति के हीमोग्लोबिन का स्तर कम से कम 12.5 तथा प्लेटलेट काउंट डेढ़ लाख से ऊपर होना चाहिए. इसके अतिरिक्त उसकी नब्ज यानी पल्स रेट प्रति मिनट 50 और 100 के बीच में होनी चाहिए तथा उनमें किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं होनी चाहिए.
  • रक्तदान से पहले व्यक्ति के रक्तचाप का नीचे वाला स्तर यानी डायस्टोलिक 50 और 100 एम.एम.एच डी के बीच और ऊपर वाला नंबर यानी सिस्टोलिक 100 और 180 एम.एम. एच.डी के बीच में होना चाहिए और शरीर का तापमान सामान्य होना चाहिए.

कौन नहीं कर सकता है रक्तदान

  • ऐसे व्यक्ति जिन्हें दिल का दौरा पड़ चुका हो या जिन्हें गंभीर रोग या कोमोरबीटी जैसे उच्च रक्तचाप या मधुमेह हो, या फिर जिन्हे गुर्दे की बीमारी या एपिलेप्सी हो , वह रक्तदान नहीं कर सकते हैं. हालांकि कुछ ब्लड बैंक मधुमेह वाले उन व्यक्तियों को रक्तदान करने की अनुमति देते हैं जिनके रक्त में शर्करा का स्तर नियंत्रण में हो साथ ही जो इंसुलिन का उपयोग नहीं करते हो.
  • ऐसे व्यक्ति जो एच.आई.वी पॉजिटिव (HIV Positive) संक्रमित हो वह भी रक्तदान नहीं कर सकते हैं.
  • नेशनल ट्रांसफ्यूजन काउंसिल के अनुसार यदि किसी व्यक्ति ने कोविड-19 वैक्सीन लिया है तो उसे 28 दिन तक रक्तदान नहीं करना चाहिए. यही नहीं उस व्यक्ति को भी रक्तदान नहीं करना चाहिए जिसने पिछले 1 महीने में कोई भी टीका लिया हो.
  • शराब का सेवन करने के 24 घंटे बाद तक किसी व्यक्ति को रक्तदान नहीं करना चाहिए .
  • यदि किसी व्यक्ति ने अपने दांतो का किसी प्रकार का इलाज कराया है उसे भी रक्तदान करने के लिए कम से कम 24 घंटे तक रुकना चाहिए.
  • वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, पियर्सिंग या टैटू कराने के बाद रक्त दान करने के लिए लगभग 4 महीने तक इंतजार करना चाहिए. दरअसल, हेपेटाइटिस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए यह सलाह दीगई है.
  • राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन नाको के अनुसार यदि किसी महिला का गर्भपात हुआ हो तो उसे 6 महीने तक रक्तदान नहीं करना चाहिए.

रक्तदान करने से पहले ध्यान देने वाली जरूरी बातें

  • कभी भी खाली पेट रक्तदान नहीं करना चाहिए, रक्तदान करने से कम से कम 3 घंटे पहले खाना खा लेना चाहिए लेकिन वसायुक्त भोजन से बचना चाहिए. रक्तदाता का भोजन आयरन से भरपूर होना चाहिए जैसे कि साबुत अनाज, अंडे, मांस, पालक, पत्तेदार सब्जियां, संतरा और खट्टे फल आदि.
  • इसके अतिरिक्त रक्तदान करने वाले दिन से पहले की रात/शाम में पर्याप्त फलों का रस और आवश्यक मात्रा में पानी पीना चाहिए. रक्तदान करने से पहले शराब या कैफीन वाले पर पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए.

रक्तदान के बाद कैसे करें देखभाल

  • रक्तदान के बाद बहुत जरूरी है कि व्यक्ति कम से कम 5 से 20 मिनट के लिए आराम अवश्य करें.
  • रक्तदान के बाद यदि कोई व्यक्ति ज्यादा कमजोरी महसूस करता है तो उसे मीठे जूस और स्नेक्स का सेवन करना चाहिए जिससे रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ कर फिर से सामान्य हो पाए. इसके अतिरिक्त ऐसी अवस्था महसूस करने वाले व्यक्ति को कम से कम 6 घंटे तक किसी भी प्रकार का वाहन नहीं चलाना चाहिए.
  • रक्तदान करने के 8 घंटे बाद तक शराब का सेवन नहीं करना चाहिए, यही नहीं रक्तदान के बाद 1 दिन तक भारी व्यायाम भी नहीं करना चाहिए, साथ ही ऐसी अवस्था में प्रोटीन से समृद्ध भोजन का सेवन करना चाहिए जैसे कि चिकन, अंडे, मांस पालक व पत्तेदार सब्जियां, आदि.

रक्तदान को लेकर भ्रम

  • आमतौर पर लोगों में रक्तदान को लेकर कई प्रकार के भ्रम देखने सुनने में आते हैं जैसे कई लोगों को लगता है कि रक्तदान के बाद लोगों के शरीर में खून की कमी हो जाती है या उन्हें हद से ज्यादा कमजोरी हो जाती है, जो सही नहीं है. रक्तदान को लेकर भ्रमों के बारें में जानकारी देते हुए देहरादून के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ हेम जोशी बताते हैं की यदि कोई स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान करता है तो इससे उसके हिमोग्लोबिन के स्तर में कमी नहीं आती है. बल्कि रक्तदान के तत्काल बाद उसके शरीर में सामान्य ढंग से नए ब्लड सेल्स बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है और लगभग 24 घंटों के भीतर ही दान किए गए रक्त की पूर्ति पूरी हो जाती है.
  • कई लोगों में यह भी भ्रम होता है कि जो लोग शाकाहारी होते हैं वह रक्तदान के बाद ज्यादा कमजोरी महसूस करते हैं दरअसल इस तथ्य का कोई भी वैज्ञानिक आधार नहीं है. वहीं रक्तदान करने से माहवारी के दौरान महिलाओं में रक्त स्राव में कोई समस्या नहीं आती है.

पढ़ें: नेत्रदान की राह रोकते मिथक और गलतफहमियां : नेत्रदान पखवाड़ा विशेष

Last Updated : Oct 1, 2021, 11:04 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.