आइये जानते हैं, कैसे पाएं खर्राटों से छुटकारा

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Published : Sep 2, 2021, 4:57 PM IST

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खर्राटों से छुटकारा ()

आप चैन से रात भर गहरी नींद में सोते हैं पर आपके खर्राटों की वजह से दूसरों की नींद हराम हो जाती हैं। कई कपल्स में तो खर्राटें एक बहुत गंभीर समस्या का रूप धारण कर लेते हैं, और आपसी झगड़े का कारण बन जाते हैं। द नेशनल स्लीप फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार तीन में से एक पुरुष और चार महिलाएं हर रात खर्राटे लेती हैं।

आमतौर पर खर्राटों को एक गंभीर समस्या के रूप में नहीं लिया जाता लेकिन खर्राटों के पीछे के कारणों को जानना बहुत ज़रूरी है, और ज़रूरत पड़ने पर चिकत्सीय सलाह लेना भी अनिर्वाय है। मोटापा या अधिक वजन होना खर्राटों के प्रमुख कारणों में से एक है। अनियमित श्वास के साथ खर्राटे लेना हृदय रोग के जोखिम का संकेत है।

खर्राटों का और एक महत्वपूर्ण कारण हैं स्लीप एपनिया, यह एक स्लीप डिसऑर्डर है जिसमें सांस बार-बार रुकती है और फिर से शुरू हो जाती है। सौभाग्य से, ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) दवाओं का उपयोग किए बिना स्वाभाविक रूप से खर्राटों का इलाज करने के लिए बहुत सारे उपचार उपलब्ध हैं।

मोटापा या अधिक वजन होना

जिन लोगों में खर्राटों की समस्या वजन बढ़ने की वजह से शुरू हुई हो, वो लोग कुछ किलोग्राम वजन कम कर के इस समस्या से छुटकारा पाने की कोशिश कर सकते हैं। मोटे लोगों के गले के आसपास अधिक मात्रा में फैट होता है जिसकी वजह से वायुमार्ग का आकार कम हो जाता है और कभी-कभी यह मार्ग बंद भी हो जाता है। अगर हम नींद पर किये गए शोध की माने तो जो लोग मोटापे से परेशान हैं वह खर्राटों के भी शिकार हो जाते हैं, और ऐसे लोगों के लिए वजन कम करना एक मात्र इलाज है।

सोने की पोजीशन

खर्राटे तब तेज हो जाते हैं जब लोग लापरवाह स्थिति में या अपनी पीठ के बल लेट जाते हैं। जब कोई पीठ के बल लेट जाता है, तो उनके वायुमार्ग के आसपास के टिश्यू नीचे की तरफ खिंच जाते हैं जिसकी वजह से, यह मार्ग सँकरा हो जाता है। जिंदल नेचरक्येर की प्रमुख चिकत्सा अधिकारी ह प भारती के अनुसार जब लोग एक करवट पर सोते हैं तो उनके खर्राटों में कमी आ सकती है।

अवरुद्ध नासिका मार्ग (ब्लॉक्ड नेसल पैसेज )

नेसल पैसेज यानि नासिका मार्ग को खुला रखने से भी खर्राटें रोके जा सकते हैं। जब आपकी नाक बंद होती हैं तो हवा तेज़ी से आती जाती है, जिसकी वजह से आप खर्राटें लेने लगते हैं। गरम तेल से मालिश या फिर नाक में तेल की कुछ बुँदे आपके नाक को खोल देती हैं, और आपके खर्राटों की समस्या कम कर सकती हैं। इसके अलावा आप सोने से पहले गरम पानी से नहाएं, गर्म पानी की भाप से आपके नेसल पैसेज खुल जायेंगे।

शरीर में पानी की कमी न होने देना

शरीर में पानी की कमी के कारण बहुत समस्याएं हो सकती हैं जिसमें खर्राटें भी शामिल हैं। आपके शरीर में उचित मात्रा में पानी नाक के अंदर नमीं को बनाये रखता हैं, वही अगर पानी की यह मात्रा ऊपर नीचे हो जाए तो, नाक के अंदर चिपचिपे द्रव्य का स्त्राव होता है, जिसकी वजह से हवा अवरुद्ध हो जाती है और आप खर्राटें भरने लगते हैं। पुरुषों के लिए हर दिन कम से कम 3-4 लीटर तरल पदार्थ का सेवन करने की सलाह दी जाती है, जबकि महिलाओं को रोजाना 2-3 लीटर तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए।

धूम्रपान और शराब

शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि धूम्रपान करने वालों में खर्राटे एडिमा और ऊपरी वायुमार्ग की सूजन के कारण हो सकते हैं। हालांकि इसका प्रभाव दिखने में समय लगता है लेकिन धूम्रपान छोड़ने से खर्राटों की संभावना काफी कम हो सकती है। शराब एक अन्य पदार्थ है जो वायुमार्ग के आसपास की मांसपेशियों को आराम देता है, जिससे पीने वालों में खर्राटे आने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए, अक्सर यह सलाह दी जाती है कि सोने से पहले के घंटों में शराब का सेवन न करें।

-आईएएनएस

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