ETV Bharat / sukhibhava

सामान्य नहीं है बार-बार मूत्र त्याग करने की इच्छा, मानसिक आघात हो सकता है कारण

author img

By

Published : Sep 4, 2020, 2:01 PM IST

Updated : Sep 4, 2020, 5:44 PM IST

मस्तिष्क पर आघात के कारण मानव शरीर के विभिन्न तंत्रों पर खासा असर पड़ता है. लेकिन जब इस रोग के कारण मनुष्य के मूत्र त्याग करने की प्रकिया पर, जोकि सामाजिक नियमों के दायरे में भी आती है, असर पड़ता है, तो रोगी की मनोदशा खासी प्रभावित होती है.

The impact of trauma on the physical process
मानसिक आघात का शारीरिक प्रक्रिया पर असर

हमारा शरीर एक मशीन की भांति कार्य करता है, जहां एक से एक जटिल प्रक्रियाएं सभी अंगों और तंत्रों के एक साथ मिल कर कार्य करने के कारण सुचारु रूप से चलती है. लेकिन यदि इस मशीन के किसी एक अंग में कोई परेशानी हो जाए, तो दूसरे अंगों के कार्य भी प्रभावित होते है और कई बार हमारे लिए काफी समस्या उत्पन्न हो जाती हैं. विशेष तौर पर यदि हमारे मस्तिष्क पर किसी रोग या आघात का असर होता है, तो हम कई अंगों तथा शारीरिक प्रक्रियाओं से नियंत्रण खोने लगते है. मल-मूत्र का त्याग करना हमारे शरीर की उन जरूरी प्रक्रियाओं में से एक है, जो मस्तिष्क के चोटिल या रोगी होने से प्रभावित होती है. मस्तिष्क आघात के चलते शरीर में पेशाब संबंधी प्रक्रियाओं पर क्या असर पड़ता है. इस बारे में ETV भारत सुखीभवा की टीम ने रॉयल अस्पताल, गोवा के निदेशक तथा वरिष्ठ यूरोलोजिस्ट तथा एन्डरोलॉजिस्ट डॉ. शैलेन्द्र कामत से बात की.

क्या है मूत्र त्याग करने की शारीरिक प्रक्रिया?

डॉ. कामत बताते हैं की हमारे शरीर में मूत्र त्याग करने की प्रक्रिया दो चरणों में होती है. पहले चरण में पेशाब मूत्राशय में एकत्रित होता है और दूसरे चरण में पेशाब को शरीर से बाहर निकालने का कार्य होता है. इस प्रक्रिया के संचालन को लेकर हमारे मस्तिष्क में भी दो केंद्र निर्धारित होते है. पहला केंद्र मूत्राशय यानि ब्लैडर के भरने तक उसे सामान्य यानि पेशाब करने की अनुभूति से मुक्त रखता है और दूसरा मूत्राशय के भरने के बाद शरीर को उसे बाहर निकालने की लिए संकेत देता है. इस प्रक्रिया में मस्तिष्क और मूत्राशय सहित सभी अंग समन्वय के साथ कार्य करते है.

मूत्र त्याग प्रक्रिया को प्रभावित करता है मस्तिष्क आघात

डॉ. कामत बताते है की चूंकि हमारे शरीर में सभी कार्य मस्तिष्क द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार संचालित होती है, ऐसे में यदि किसी व्यक्ति को मानसिक आघात होता है, तो उसके मस्तिष्क के कई हिस्से जो विभिन्न अंगों को निर्देशित करते है, कार्य करना बंद या कम कर देते है. मूत्र त्याग करने की प्रक्रिया में भी मस्तिष्क का वह हिस्सा प्रभावित होता है, जो पहले चरण की प्रक्रिया यानि मूत्राशय के भरने तथा मूत्र त्याग करने को लेकर इच्छा को संचालित करती है. ऐसे अवस्था में मस्तिष्क का मूत्राशय से नियंत्रण खोने लगता है और उसे बार-बार पेशाब जाने जैसी अनुभूति होने लगती है. कई बार ये अनुभूति इतनी तीव्र होती है की वह अपने कपड़ों में ही मूत्र त्याग कर देता है. यह अवस्था ऐक्टिव ब्लैडर कहलाती है.

कैसे करें समस्या का निवारण?

बार-बार पेशाब करने की इच्छा, मूत्र त्याग करते समय परेशानी और एक्टिव ब्लैडर की समस्या, ये लक्षण सामान्य नहीं हैं. डॉ. कामत कहते हैं की यदि किसी व्यक्ति में ऐसे लक्षण नजर आते है, तो उसे तुरंत चिकित्सक की सलाह लेकर सीटी स्कैन, एमआरआई स्कैन तथा ब्लैडर का अल्ट्रासाउन्ड कराना चाहिए. जिसके उपरांत डॉक्टर आवश्यक दवाइयों तथा नींद की दवाइयों की मदद से मस्तिष्क को संतुलित तथा ब्लैडर को नियंत्रित रखने की कोशिश करते है. आमतौर पर देखा गया है कि इस तरह के मरीजों को मल त्याग करने में भी समस्या का सामना करना पड़ता है.

यौन संबंधों को भी प्रभावित करता है मस्तिष्क पर आघात

मस्तिष्क पर आघात के कारण जहां हमारी मल तथा मूत्र त्याग करने की प्रक्रियाएं प्रभावित होती है, वहीं यौन संबंधों पर भी उसका काफी असर पड़ता है. डॉ. कामत बताते हैं की इस अवस्था में महिलाओं और पुरुषों दोनों में शारीरिक संबंध बनाने की इच्छाओं में कमी, संभोग के दौरान परेशानी, बांझपन तथा पुरुषों में नपुंसकता जैसी समस्याओं के उत्पन्न होने का भी खतरा रहता है.

परिजनों के लिए धैर्य जरूरी

मस्तिष्क पर आघात कोई साधारण अवस्था नहीं है. ऐसे रोगियों के ठीक होने की अवधि इस बात पर निर्भर करती है कि उनकी समस्या कितनी गंभीर है. यही नहीं मस्तिष्क पर आघात के कारण शरीर में होने वाली अन्य समस्याओं का रोगी की मनोस्तिथि पर खासा असर पड़ता है. उदारहण के लिए रोगी एक समूह में बैठा हो और उसे बार-बार पेशाब जाने की इच्छा हो, या फिर उसके कपड़ो में ही मूत्र त्याग हो जाये तो, यह बात उसके लिए कितनी शर्मसार करने वाली होगी. इसलिए जरूरी है की रोगी के परिजन उसके साथ धैर्य और संयम बनाकर रखें तथा उसका मनोबल बढ़ाने का भी प्रयास करें.

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें-डॉ. शैलेश कामत shaileshkamat@yahoo.com

Last Updated :Sep 4, 2020, 5:44 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.