कर्नाटक के कोप्पल जिले की 105 साल की कमलाम्मा लिंगानागौदा हिरेगोद्रा ने आयुर्वेद पद्दति से कोरोनावायरस को हरा दिया है. कोप्पल राज्य के सबसे पिछड़े जिलों में से एक और काफी समय से यह कोरोना का हॉटस्पॉट रहा है.
कमलाम्मा का पोता श्रीनिवास हयाती एक आयुर्वेद डॉक्टर हैं. कमलाम्मा को बुखार था और इसके बाद उनका कोरोना टेस्ट किया गया, जो पॉजिटिव आया. जिसके बाद वह इलाज के लिए अस्पताल नहीं जाना चाहती थीं.
हयाती ने कहा, 'घर पर उनका इलाज करना एक चुनौती थी. हालांकि उन्हें कोई और बीमारी नहीं थी और यही उनके लिए वरदान साबित हुआ. वह वायरस को लेकर चिंतित नहीं थी और होम आइसोलेशन में रहते हुए इलाज के दौरान पूरा सहयोग किया.'
कमलाम्मा के परिजनों का कहना है कि उन्होंने यह कहते हुए कि अब उनका अंत समय नजदीक है, खाना-पीना छोड़ दिया था. लेकिन हमने उन्हें खाने पर विवश किया. पानी के साथ उन्हें औषधि दी गई और इसी से वह कोरोना को हरा सकीं.
इलाज के बाद कमलाम्मा का फिर से टेस्ट किया गया और इस बार रिपोर्ट नेगेटिव आया है.