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नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से 2024 के अंत तक बढ़ जाएगी 1.2 करोड़ हवाई यात्रियों की क्षमता

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Published : Nov 11, 2022, 3:59 PM IST

Updated : Nov 13, 2022, 12:29 PM IST

नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का मॉडल
नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का मॉडल

नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है. इसके बन जाने से वर्ष 2024 के अंत तक सालाना 1.2 करोड़ हवाई यात्रियों की क्षमता बढ़ जाएगी(airport will increase capacity). नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर किरण जैन ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से पीपीपी मॉडल के तहत 5,730 करोड़ रुपये की लागत से इसे बनाया जा रहा है.

नई दिल्ली/ ग्रेटर नोएडा: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida international airport) यानी एनआईए को यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राईवेट लिमिटेड (वाईआईएपीएल) की ओर से उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से पीपीपी मॉडल के तहत 5,730 करोड़ रुपये के निवेश के साथ विकसित किया जा रहा है. वाईआईएपीएल के लिए रियायत की अवधि ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए 1 अक्टूबर, 2021 से 40 सालों के लिए शुरू हुई. यह एयरपोर्ट 1300 हेक्टेयर जमीन में फैला है और इसका निर्माण चार चरणों में किया जाएगा. इसका पहला चरण 2024 के अंत तक काम करना शुरू कर देगा. पहले चरण के दौरान एक रनवे और एक टर्मिनल प्रतिवर्ष 1.2 करोड़ यात्रियों के ट्रैफिक को संभाल सकेगा. अंतिम चरण पूरा हो जाने के बाद इस एयरपोर्ट के दो टर्मिनल और दो रनवे होंगे, जो हर साल 7 करोड़ यात्रियों को संभालेंगे.


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भारत से ही प्रेरित डिजाइन: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर किरण जैन (Chief Operating Officer Kiran Jain)ने बताया कि इस एयरपोर्ट के डिजाइन की प्रेरणा भारत से ही ली गई है, और इस क्षेत्र के वास्तुकला से प्रेरित अनेक तत्वों को डिजाइन में शामिल किया गया है. इस टर्मिनल के बाहरी कोर्ट की सीढ़ियां वाराणसी और हरिद्वार के मशहूर घाटों से प्रेरित हैं, जो लोगों का स्वागत कर उन्हें एक साथ लाती हैं. हवेली का रूप व अहसास प्रदान करते हुए कोर्टयार्ड से ताजा हवा और धूप टर्मिनल के भवन में प्रवेश करती है. क्षेत्र की महत्वपूर्ण नदियों से प्रेरित, सफेद, ट्रांसलुसेंट और लहरदार छत बहती नदी का प्रभाव उत्पन्न करती है. यात्री टर्मिनल में बारीक कला से बनी जालीदार स्क्रीन हैं, जो भारतीय वास्तुकला से प्रेरित हैं. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश राज्य में एक भव्य प्रवेश का प्रदर्शन करेगा.

दो टर्मिनल कॉम्प्लेक्सः पूरा हो जाने के बाद इस एयरपोर्ट में दो यात्री टर्मिनल होंगे. टर्मिनल- 1 में हर साल 3 करोड़ यात्रियों की क्षमता होगी और टर्मिनल -2 में हर साल 4 करोड़ यात्रियों की क्षमता होगी. यात्रियों के आवागमन के लिए इन टर्मिनल्स को आपस में जोड़ा जाएगा, पैदल चलने की दूरी और पर्यावरण पर प्रभाव को कम किया जाएगा. इसके अलावा, मॉड्युलर डेवलपमेंट प्लान से निर्माण के दौरान कार्यों पर प्रभाव को कम किया जाएगा. इंटर-टर्मिनल कनेक्टर हवाई जहाज और उनके ऑपरेशंस का लचीलापन सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं. इस मास्टर प्लान का विकास चार चरणों में होगा, जिनकी निम्न मुख्य विशेषताएं हैंः पहले चरण (2024) में प्रति वर्ष यात्री क्षमता 1.2 करोड़ और चौथे यानी अंतिम चरण के पूरा होने के बाद यात्री क्षमता प्रति वर्ष 7 करोड़ हो जाएगी.

नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर किरण जैन

सर्वश्रेष्ठ कनेक्टिंग टाइम देना : नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर किरण जैन ने बताया कि इस एयरपोर्ट की डिज़ाइन कैरियर्स के लिए संचालन की कम लागत और देश के अंदर यात्रा करने वाले यात्रियों एवं देश से अंतरराष्ट्रीय आवागमन के लिए सुगम एवं तीव्र आवागमन की सुविधा देने में मदद करेगा. एनआईए भारतीय एयरलाइंस की योजनाबद्ध वृद्धि में सहयोग करने के लिए पर्याप्त नाइट पार्किंग की सुविधा देगा. एनआईए एक स्विंग एयरक्राफ्ट स्टैंड कॉन्सेप्ट प्रस्तुत कर रहा है, जिससे एयरलाइंस को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों, दोनों के लिए एक ही कॉन्टैक्ट स्टैंड से विमान का संचालन करने का लचीलापन मिलेगा और उन्हें विमान का स्थान बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इससे एयरपोर्ट पर तीव्र व प्रभावशाली एयरक्राफ्ट टर्नअराउंड संभव बनेंगे और यात्रियों के आवागमन के लिए सुगम व आसान आवागमन प्रक्रिया सुनिश्चित हो सकेगी, जिससे सर्वश्रेष्ठ कनेक्टिंग टाइम प्राप्त होगा.

डिजिटल एयरपोर्ट: एनआईए एयरपोर्ट से यात्रियों के सुगम व कॉन्टैक्टलेस आवागमन के लिए अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के क्रियान्वयन के साथ डिजिटल एयरपोर्ट के रूप में नए मानक स्थापित करेगा. इसमें इंटीग्रेटेड सिस्टम्स और सेवाओं के माध्यम से मदद मिलेगी, जिसमें भारतीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय की डिजी यात्रा पॉलिसी के अनुरूप इनडोर नेविगेशन, पैसेंजर फ्लो मैनेजमेंट, एवं स्मार्टफोंस द्वारा चेक-इन बैगेज ड्रॉप, और सभी चेक प्वाईंट्स पर डिजिटल प्रोसेसिंग जैसी टेक्नोलॉजीज़ का इस्तेमाल शामिल है.

कार्गो एवं लॉजिस्टिक्स का विकासः एनआईए उत्तर भारत का मुख्य एयर कार्गो गेटवे बन जाएगा. यह एयरपोर्ट एक परिवेश का विकास करेगा, जिसमें अत्याधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर और प्रोडक्ट्स होंगे. एनआईए में इंटीग्रेटेड मल्टीमोडल कार्गो हब उत्तर प्रदेश को विश्व में लॉजिस्टिक्स के नक्शे पर स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इस एयरपोर्ट में लचीले, मॉड्युलर और किफायती कार्गो एवं लॉजिस्टिक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ निर्माण केंद्रों से तीव्र, सुविधाजनक और इंटरमोडल कनेक्टिविटी होगी.

मल्टी-मोडल कनेक्टिविटीः एनआईए में इंटीग्रेटेड और सुगम रोड, रेल, बस, और मेट्रो कनेक्टिविटी के लिए प्रावधान हैं. कुछ मुख्य कनेक्टिविटी प्वाईंट्स में नोएडा से एनआईए तक मेट्रो का विस्तार और दिल्ली से वाराणसी प्रस्तावित हाई-स्पीड रेल लिंक के लिए एक एयरपोर्ट स्टेशन शामिल है. एनआईए को यमुना एक्सप्रेसवे एनसीआर क्षेत्र और आगरा शहर से जोड़ता है, जहां दुनिया के सात अजूबों में से एक, ताजमहल स्थित है.

ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर (जीटीसी): एनआईए में एक मल्टी-मॉडल ट्रांज़िट हब ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर में विकसित किया जाएगा, जो परिवहन के विभिन्न सार्वजनिक और निजी माध्यमों के बीच सुगम कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. जीटीसी में मेट्रो और हाई-स्पीड रेल स्टेशन, टैक्स, बस सेवाएं, और प्राईवेट पार्किंग के साथ एक विशाल कॉन्कोर्स क्षेत्र होगा, जहां कमर्शियल स्पेस, रेस्टोरेंट्स और लाउंज होंगे. ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर (जीटीसी) अपनी तरह की अलग मल्टी-लेवल संरचना होगी, जो केंद्र में स्थित होगी और इसे आगे के चरणों में विकसित किया जाएगा. जीटीसी यात्रियों, आगंतुकों, और कर्मचारियों को विभिन्न टर्मिनल्स और परिवहन के विभिन्न माध्यमों के बीच आवागमन का सुगम अनुभव प्रदान करेगा.

सस्टेनेबल प्लानिंगः एनआईए ने प्रोजेक्ट स्थल से पेड़ों का इस्तेमाल कर एक फॉरेस्ट पार्क का विकास करने के लिए 8 हेक्टेयर जमीन हासिल कर ली है. यह यात्रियों और आगंतुकों को अपना खाली समय बिताने के लिए जगह प्रदान करेगा, तथा प्रकृति पर केंद्रित गतिविधियों के लिए और हैल्थ/फिटनेस की गतिविधियों के लिए एक आकर्षक स्थान बन जाएगा. यह एयरपोर्ट के लिए एक सस्टेनेबल हरित क्षेत्र होगा. एनआईए सभी घरेलू प्रजातियों का संरक्षण करने की योजना बना रहा है, और एयरपोर्ट के विकास की पूरी प्रक्रिया में नेचर पॉज़िटिव रहेगा. ग्रीन एयरपोर्ट बनने के अपने उद्देश्य की ओर एनआईए चरणबद्ध रूप से एयरपोर्ट में 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिकली पॉवर्ड वाहन के लिए सुविधाएं और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है.

जनरल कॉर्पोरेट एविएशनः एनआईए में जनरल कॉर्पोरेट एविएशन सुविधाओं के लिए प्रावधान भी हैं, जिनमें वीवीआईपी टर्मिनल, जनरल एविएशन टर्मिनल, और हैली टैक्सी पैड्स शामिल हैं. ये सुविधाएं राज्य के गणमान्य लोगों की जरूरतों को पूरा करेंगी और प्राईवेट जेट और हेलीकॉप्टर की गतिविधियां संभालेंगी.

टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड कर रहा निर्माण :हाल ही में यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएपीएल) ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (एनआईए) की इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, और निर्माण (ईपीसी) के लिए टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड का चयन किया. टाटा प्रोजेक्ट नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर टर्मिनल, रनवे, एयरसाइड इन्फ्रास्ट्रक्चर, सड़कों, यूटिलिटीज़, लैंडसाइड सुविधाओं, एवं अन्य सहयोगी भवनों का निर्माण करेगा. टाटा प्रोजेक्ट्स का प्रभावशाली इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करने का विशाल अनुभव है. उनके कुछ प्रोजेट्स में नया संसद भवन, मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर्स के विभिन्न स्ट्रेच, और मुंबई, पुणे, दिल्ली, लखनऊ, अहमदाबाद और चेन्नई सहित विभिन्न शहरों में मेट्रो रेल लाइन शामिल हैं.


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Last Updated :Nov 13, 2022, 12:29 PM IST
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