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Aawareness for Human Chain: कालिंदी कुंज में लगाया गया लोक संसद, यमुना तट पर 4 जून को बनेगी मानव श्रृंखला

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Published : Feb 27, 2023, 10:13 AM IST

Lok Sansad was organized in Kalindi Kunj
Lok Sansad was organized in Kalindi Kunj

यमुना की बदहाली को लेकर स्वयंसेवी संगठनों ने रविवार को दिल्ली के कालिंदी कुंज में यमुना घाट पर लोक संसद लगाया. यमुना की दयनीय स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए 4 जून को एक लाख लोगों को यमुना के तट पर मानव श्रृंखला बनाने के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा.

कालिंदी कुंज में लगाया गया लोक संसद.

नई दिल्ली: रविवार को कालिंदी कुंज यमुना घाट पर स्वयंसेवी संगठनों के द्वारा लोक संसद का आयोजन किया गया, जहां दिल्ली के यमुना पर चर्चा की गई. इस कार्यक्रम में आम लोग शामिल हुए, जिन्होंने यमुना की बदहाली को लेकर अपनी-अपनी बातें रखीं. इस दौरान लोगों ने वजीराबाद से लेकर कालिंदी कुंज घाट तक 25 किमी. की यात्रा की. लोगों ने यमुना के वास्तविक स्वरूप पर अनुभव साझा किया और यमुना की दयनीय स्थिति के प्रति चिंता व्यक्त की गई.

इस दौरान कालिंदी कुंज यमुना घाट पर कई सामाजिक लोग पहुंचे और यमुना की बदहाली पर चिंता जाहिर की. पर्यावरणविद डॉ. फैयाज खुदसर ने कहा कि यमुना का वास्तविक स्वरूप बिगड़ गया है. आज गंदे नालों व फैक्ट्रियों के विषैले रसायन सीधे यमुना में मिल रहे हैं. इस कारण यमुना व नाले में फर्क करना मुश्किल है. आज यमुना ही नहीं बल्कि उस पर आधारित समूचा दिल्ली प्रांत का जीवन खतरे में है. सरकारों द्वारा यमुना के लिए संजीदगी से प्रयास नहीं हो रहा है और सफाई के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. इसके साथ ही लोगों को संगठित होकर यमुना के संरक्षण व संवर्धन में अपना दायित्व निभाने के लिए प्रेरित भी करने की जरूरत हैं.

लोक संसद के संयोजक रविशंकर तिवारी ने कहा कि हम सब को वापस प्रकृति केंद्रित व्यवस्था पर लौटना पड़ेगा और सरकार से स्वच्छ गांव, स्वच्छ पानी की मांग करनी होगी. उन्होंने कहा कि 4 जून को 1 लाख लोगों द्वारा यमुना के तट पर मानव श्रृंखला बनाया जायेगा. कार्यक्रम के संयोजक जीवकांत झा ने कहा कि 15 हजार नदियों में से 4500 विलुप्त हो गई हैं और 30 लाख कुंओं में से 20 लाख कुंओं का कुछ पता ही नहीं है.

भाजपा पूर्वांचल मोर्चा के प्रदेश मंत्री एस राहुल ने कहा कि मां यमुना को दिल्ली की जीवन रेखा के रूप में सभी जानते हैं और उसे मानते भी हैं, लेकिन वास्तविक स्थिति को समाज नहीं देख पा रहा है. सर्वोच्च से समाज के आखिरी छोर तक यह बात समझाने की आवश्यकता है. अब समय आ गया है मां की ओर देखने का और मां की सच्ची सेवा करने का. उन्होंने कहा कि यमुना के संरक्षण व संवर्धन की अलख जन जन तक जगाने की जरूरत है. यमुना के संरक्षण के लिए आम जन को आगे आना होगा, साथ ही उन्होंने बताया कि इसके पूर्व यमुना की वास्तविक स्थिति के आकलन के लिए आईटीओ यमुना पुल से पदयात्रा शुरू की गई, जो यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन, अक्षरधाम, निजामुद्दीन पुल, चिल्ला खादर, डीएनडी होते हुए कालिंदी कुंज पर यमुना पाठशाला में तब्दील हो गई. देश के लिए आस्था का केंद्र मां यमुना और उस पर आधारित दिल्ली के जीवन को बचाने के लिए यह जनजागृति अभियान किया जा रहा है.

इस मौके पर स्वाभिमान देश का संस्था के संस्थापक अध्यक्ष सुरेंद्र बिधूड़ी, इंग्लैंड से सुबा तरसेन सिंह, वाईएसएस के संस्थापक सचिन गुप्ता, सरिता विहार मण्डल अध्यक्ष पवन पांडे, अरुण सिंह, जन्मेजय शर्मा, अरुण सिंह, आलोक सिंह, सुदामा यादव, बिट्टू गुप्ता, अनिल, सुदेश शर्मा आदि लोग मौजूद रहे.

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