ETV Bharat / state

जमात-ए-इस्लामी हिंद ने मुस्लिम महिलाओं को आरक्षण देने की मांग की

author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 4, 2023, 5:26 PM IST

Jamaat-e-Islami Hind demands reservation for Muslim women: जमात-ए-इस्लामी हिंद ने बुधवार को प्रेस वार्ता के दौरान मुस्लिम महिलाओं को भी महिला आरक्षण विधेयक के तहत आरक्षण देने की मांग की. उनका कहना है कि महिला आरक्षण विधेयक में ओबीसी-मुस्लिम महिलाओं को नजरअंदाज करना अन्यायपूर्ण होगा और ये "सबका साथ, सबका विकास" की नीति के भी अनुरूप नहीं है.

reservation for Muslim women
reservation for Muslim women

नई दिल्ली : जमात-ए-इस्लामी हिंद का मानना है कि एक मजबूत लोकतंत्र के लिए सभी समूहों और वर्गों को सत्ता-साझाकरण में प्रतिनिधित्व मिलना जरूरी है. आजादी मिलने के 75 साल बाद भी संसद और हमारी राज्य विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व नहीं मिलना काफी निराशाजनक है. लेकिन अब महिलाओं के लिए 33% आरक्षण के विधायक को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है. इस पहल का हम स्वागत करते हैं.

जमात-ए-इस्लामी हिंद ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि राष्ट्रपति ने महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी है. भारतीय संसद ने 18 सितंबर, 2023 को महिला आरक्षण विधेयक पारित किया था. नया नारी शक्ति वंदन अधिनियम-2023 अगली जनगणना के प्रकाशन और उसके बाद परिसीमन प्रक्रिया के बाद ही कार्यान्वित होगा. यानी बिल का फायदा 2029 के बाद ही मिल सकेगा. यह अधिनियम राज्यसभा और राज्य विधान परिषदों में महिलाओं को आरक्षण प्रदान नहीं करता है.

जमात-ए-इस्लामी हिंद का मानना है कि एक मजबूत लोकतंत्र के लिए सभी समूहों और वर्गों को सत्ता में प्रतिनिधित्व मिलना महत्वपूर्ण है. इसलिए यह नया कानून इस दिशा में एक अच्छा कदम है. लेकिन कानून ओबीसी-मुस्लिम महिलाओं को बाहर करके भारत जैसे विशाल देश में गंभीर सामाजिक असमानताओं को संतुष्ट नहीं करता है. इसमें एससी और एसटी की महिलाएं शामिल हैं, लेकिन ओबीसी और मुस्लिम समुदाय की महिलाओं को नजर अंदाज किया गया है.

विभिन्न रिपोर्टें और अध्ययन जैसे- जस्टिस सच्चर समिति की रिपोर्ट (2006), पोस्ट-सच्चर मूल्यांकन समिति की रिपोर्ट (2014), विविधता सूचकांक पर विशेषज्ञ समूह की रिपोर्ट (2008), भारत अपवर्जन रिपोर्ट (2013-14), 2011 की जनगणना और नवीनतम एनएसएसओ रिपोर्ट सुझाव देते हैं कि भारतीय मुसलमानों और विशेष रूप से महिलाओं का स्तर सामाजिक-आर्थिक सूचकांकों में काफी नीचे है.

ये भी पढ़ें :अगर महिला आरक्षण लागू कराना है तो इस सरकार को हटाइये', CPIM नेता की महिलाओं से अपील

ये भी पढ़ें :महिला आरक्षण बिल पास होने से जेएमएम सांसद महुआ माजी खुश लेकिन उठाई ये मांग

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.