बिलकिस बानो के दाेषियाें को सम्मानित करना सभ्य समाज के लिए अच्छा नहीं: मोहम्मद सलीम

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Published : Sep 4, 2022, 10:10 PM IST

जमात ए इस्लामी हिंद

जमात ए इस्लामी हिंद द्वारा समय-समय पर देश के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की जाती है. इसी कड़ी में इस बार जमात ए इस्लामी हिंद के द्वारा चार मुख्य मुद्दों को सामने लाया गया. इनमें बिलकिस बानो प्रकरण में दोषियों की रिहाई, देश में बढ़ रही आत्महत्या की घटनाएं, कृषि संकट और न्याय व्यवस्था में देरी के मुद्दों को उठाया. इन्हीं मुद्दों पर ईटीवी भारत ने जमात ए इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष ( Vice President of Jamaat-e-Islami Hind) मोहम्मद सलीम इंजीनियर से खास बातचीत की है.

नई दिल्ली: जमात ए इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष मोहम्मद सलीम इंजीनियर ने कहा कि जिस तरीके से बिलकिस बानो के दाेषियाें को सम्मानित किया गया वह किसी भी सभ्य समाज के लिए अच्छा नहीं है. आराेप लगाया कि सरकार की अनुशंसा पर रिहा किया गया है (Release of convicts in Bilkis Bano case). इस पर जमाल चिंता जाहिर करते हुए कहते हैं कि इस मामले में गुजरात सरकार की भूमिका शर्मनाक है. जमाअत ए इस्लामी हिन्द के उपाध्यक्ष ने बताया कि देश में आत्महत्या के बढ़ते मामलाें (Suicide incidents increased ) ने संवेदनशील शहरियों में चिंता बढ़ा दी है.

1967 के बाद 2021 में आत्महत्या से होने वाली मौतों की उच्चतम दर देखी गई. डेटा से पता चलता है कि आत्महत्या करने वालों में दो-तिहाई हिस्सा समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (जिनकी वार्षिक आय 1 लाख रुपये से कम है) का है. पेशे के अनुसार, आत्महत्याओं को वर्गीकृत करने से पता चलता है कि स्वरोजगार (उद्यमियों), छात्रों, किसानों और खेतिहर मजदूरों में आत्महत्या की दर सबसे अधिक थी. आत्महत्या करने वालों में सबसे अधिक प्रतिशत दैनिक मजदूरों का है. प्रोफेसर सलीम ने कहा कि 2020 की तुलना में 2021 में एससी और एसटी के खिलाफ भी अपराध में वृद्धि हुई.

जमात ए इस्लामी हिंद के द्वारा चार मुख्य मुद्दों को सामने लाया गया.

आंकड़ों से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश में एससी के खिलाफ सबसे अधिक अत्याचार हुए. इसके बाद क्रमशः राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार और ओडिशा की स्थिति है. इन पांच राज्यों में अनुसूचित जाति के खिलाफ अत्याचार के 70% मामले दर्ज किए गए. उन्होंने बताया कि देश में न्याय देने में असाधारण देरी होती है. सरकार ने संसद में स्वयं स्वीकार किया कि देश के विभिन्न न्यायालयों में 4.70 करोड़ से अधिक मामले लंबित हैं. उन्होंने कहा कि जमानत को आसान बनाने की आवश्यकता है क्योंकि बड़ी संख्या में अंडर ट्रायल लोग जेलों में बंद है.


प्रोफेसर मोहम्मद सलीम इंजीनियर ने कहा कि कृषि क्षेत्र में हर दिन लगभग 30 लोग आत्महत्या करते हैं. किसान की आत्महत्या का प्रमुख कारण स्थानीय साहूकारों से उच्च ब्याज दरों के ऋणों का प्रचलन है. कई मामलों में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं मिलता है. छोटे और सीमांत किसान जरूरत भर भी रसायन, उर्वरक, बीज और उपकरण जैसे ट्रैक्टर और सबमर्सिबल पंप खरीदने का का सामर्थ्य नहीं रखते.

मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, कृषि क्षेत्र में हर दिन लगभग 30 लोग आत्महत्या करते हैं. सरकार को किसानों की आय दोगुनी करने के अपने वादे को पूरा करना चाहिए और कृषि संकट को हल करने की योजना पर एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए.

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