नई दिल्ली: नाइजीरियन तस्करों ने यमुनापार में भी अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. ताजा मामला सोनिया विहार इलाके में सामने आया है. यहां पुलिस ने एक ऐसे शातिर नाइजीरियन को गिरफ्तार किया है जो हाई प्रोफ़ाइल ड्रग्स कोकीन और एमडीएमए सप्लाई करने के लिए ट्रोनिका सिटी जा रहा था. पुलिस टीम ने एक सूचना के आधार पर इसकी गिरफ्तारी करते हुए इसके पास से हाई ग्रेड वाली पांच ग्राम कोकीन और एमडीएमए एकेस्टेसी ड्रग्स बरामद की है. आरोपी से मिली दोनों ड्रग्स कमर्शियल क्वांटिटी में थी.
सोनिया विहार में एक नाइजीरियन गिरफ्तार
उत्तर पूर्वी जिले के डीसीपी संजय कुमार सेन ने बताया कि सोनिया विहार पुलिस को साउथ अफ्रीकी मूल के तस्कर के सोनिया विहार पुश्ता के पास से होकर गुजरने की जानकारी मिली थी. सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए एसीपी खजूरी खास हरीश कुकरेती के नेतृत्व में SHO सोनिया विहार स्त्यवान, एसआई केशव, कांस्टेबल रवींद्र और विपिन की टीम आरोपी की तलाश में जुट गई.
पुश्ता रोड पर वन विभाग के क्षेत्र में ट्रैप लगा दिया तभी पुलिस टीम ने सफेद रंग के स्कूटी सवार शख्स को ट्रोनिका सिटी की तरफ जाते हुए देखकर रुकने का इशारा किया तो आरोपी ने स्कूटी की स्पीड बढ़ा दी. लेकिन अलर्ट पुलिस टीम ने घेराबंदी करते हुए आरोपी को पकड़ लिया. आरोपी की पहचान लागोस नाईजीरिया निवासी माइक (44) के रूप में हुई.
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यह आजकल बुराड़ी के संत नगर इलाके में रह रहा था. जब इसे पकड़ा यह ड्रग्स की खेप पहुंचाने के लिए जा रहा था. इसके पास से उत्तम क्वालिटी की पांच ग्राम कोकीन और तेरह ग्राम एमडीएमए जिसे एकेस्टसी मॉली के नाम से भी जाना जाता है, बरामद की गई. इसके पास मिली ड्रग्स की इंटरनेशनल मार्केट में कीमत सात लाख रुपए है. इस बाबत सोनिया विहार थाने में केस दर्ज किया गया है.
पुलिस के मुताबिक पकड़े गए नाइजीरियन ने खुलासा किया कि यह ड्रग्स उसे किशनगढ़, वसंत कुंज इलाके में रहने वाले जॉन ने दिया था, जिसे उसके बॉस के कहने पर ट्रोनिका सिटी में सप्लाई किए जाना था.
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कौन है पकड़ा गया नाइजीरियन ?
पुलिस ने पकड़े गए माइक से हुई पूछताछ के बाद खुलासा किया कि माइक दो साल पहले कपड़ों के कारोबार को बढ़ावा देने के लिए बिजनेस ट्रिप पर मुंबई आया था. काफी कोशिशों के बाद भी यह सफल नहीं हुआ और ड्रग्स तस्करों के जाल में फंसकर रह गया. यह अपने पास कोई भी वैध वीजा नहीं दिखा पाया. इसके पास मिली स्कूटी की जांच करने पर वह संत नगर बुराड़ी की बंगाली कालोनी में रहने वाले एजाईक सायरिल के रूप हुई. पुलिस के मुताबिक शीघ्र पैसा कमाने के चक्कर में ड्रग्स तस्करी के धंधे में शामिल हो गया. अपने बॉस के इशारे पर यह कई बार ड्रग्स को खरीद कर लाया और फिर उसे इलाके से महंगे दामों में बेच देता था.