गाजियाबाद में मिला 12 बदमाशों का गैंग, साल में करता था 12 वारदात

author img

By

Published : Sep 10, 2022, 7:45 PM IST

Updated : Sep 10, 2022, 8:21 PM IST

गाजियाबाद में मिला 12 बदमाशों का गैंग, साल में करता था 12 वारदात
गाजियाबाद में मिला 12 बदमाशों का गैंग, साल में करता था 12 वारदात ()

गाजियाबाद में 12 बदमाशों के एक गैंग का खुलासा हुआ है जो साल के 12 महीने में 12 वारदात करता था और इसी से करोड़ों रुपये के वारे- न्यारे कर लेता था. इस गैंग के 7 सदस्य गिरफ्तार कर लिए गए हैं जबकि 5 अभी फरार हैं. जानें कैसे देते थे वारदात को अंजाम

गाजियाबाद: 12 लोगों के एक गैंग का खुलासा पुलिस ने किया (Gang of 12 miscreants busted in Ghaziabad) है. यह गैंग 12 महीने में 12 वारदातों को अंजाम देता था (Gang used to commit 12 crimes in a year)और उसमें करोड़ों रुपये कमा लेते था. गिरोह के 12 सदस्यों में से 7 की गिरफ्तारी हो गई है, जबकि पांच अभी फरार हैं. 12 लोगों का गैंग बनाने का मकसद भी यही था कि 1 साल में जो 12 महीने होते हैं, उसमें हर महीने सिर्फ एक वारदात अंजाम देना है. इस गैंग ने अब तक कई बैंकों को भी चूना लगाया है. इस गैंग के पकड़े जाने के बाद देश की राजधानी दिल्ली और इससे सटे इलाकों के बड़े ट्रांसपोर्टर भी राहत की सांस लेंगे.

चोरी के ट्रकों के फर्जी कागजात वाला गैंग : मामला गाजियाबाद के साहिबाबाद इलाके का है. पुलिस ने दिल्ली-एनसीआर और आसपास के इलाकों में ट्रक चोरी करने वाले एक गैंग को पकड़ा है. लेकिन यह आम वाहन चोरों का गैंग नहीं है. यह गैंग फर्जी लोन कराने से लेकर चोरी के ट्रकों के फर्जी कागजात भी बनाता है. इसमें इनके साथ कुछ आरटीओ विभाग के कर्मचारियों के साथ मिली भगत की भी आशंका जताई गई है.

गाजियाबाद में मिला 12 बदमाशों का गैंग, साल में करता था 12 वारदात

गैंग ऐसे करता है काम : एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार के मुताबिक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और पांच आरोपी अभी फरार हैं. गैंग ने पूछताछ में बताया है कि 12 लोगों का यह गैंग महीने में सिर्फ एक चोरी करता है. यानी साल में 12 चोरी करता है. मुख्य रूप से यह बड़े वाहन यानी ट्रक चोरी करते हैं. इसके बाद दिल्ली में उस ट्रक के पार्ट्स अलग कर दिए जाते हैं. यह सब नजफगढ़ में होता है. वहां पर एक गोदाम बनाया गया है. ट्रक को काटने के बाद उसके पार्ट किसी और ट्रक के पार्ट से जोड़कर एक नया ट्रक तैयार कर लिया जाता है. जिससे ट्रक का रंग रूप पूरी तरह से बदल जाता है. इंजन नंबर और चेसिस नंबर भी बदल दिया जाता है और फर्जी आरसी और अन्य कागजात तैयार करा लिए जाते हैं. हालांकि इस गैंग की लालच अब बढ़ने लगी थी और यह महीने में एक से ज्यादा वारदातों को अंजाम दे रहा था.

फर्जी कागजात पर बैंकों से लोन : आशंका है कि कुछ राज्यों के आरटीओ विभाग के कर्मचारी आरोपियों से मिले हुए थे. इसलिए जो कागजात बनवाए जाते हैं वह बिल्कुल असली कागजातों का काम करते हैं. उन्हीं फर्जी कागजात के आधार पर ट्रक पर लोन ले लिया जाता है. इसके बाद भी खेल खत्म नहीं होता. लोन की किस्त न चुकानी पड़े, इसलिए ट्रक के पार्ट अलग कर दिए जाते हैं और बैंक को बता दिया जाता है कि ट्रक चोरी हो गया है. यह मामला अपने आप में बेहद चौंकाने वाला है.

ये भी पढ़ें :-गाजियाबाद : पुलिस ने पांच बदमाशों को किया गिरफ्तार, 13 ट्रक और एक टैंकर बरामद

हिमाचल प्रदेश और राजस्थान से जुड़े तार : पता चला है कि इस मामले के मुख्य तार हिमाचल प्रदेश और राजस्थान से जुड़े हुए हैं. जहां पर कागज तैयार कराए जाते थे. चोरी के ट्रकों को आरोपी चलाया भी करते थे. बड़े ट्रांसपोर्टर के ट्रकों को निशाना बनाया करते थे. नए ट्रकों की चोरी किया करते थे. आरोपियों में बिहार, नोएडा, बुलंदशहर, गाजियाबाद, बागपत और दिल्ली के रहने वाले मुख्य लोग शामिल हैं. बाकी के 5 आरोपियों की तलाश की जा रही है. साल में 12 चोरी करके यह गैंग फर्जी लोन लेकर अब तक करोड़ों के वारे- न्यारे कर चुका था. हालांकि पुलिस का कहना है कि इससे पहले भी एक गैंग पकड़ा गया था जिसकी निशानदेही पर इस नए गैंग का पर्दाफाश हुआ है.

ये भी पढ़ें :-गाजियाबाद: बिजली विभाग को लाखों का चूना लगाने वाला गैंग गिरफ्तार

Last Updated :Sep 10, 2022, 8:21 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.