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71 सालों से है Minto Bridge में जलभराव की समस्या, अब तक नहीं निकला समाधान

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Published : Aug 21, 2021, 10:47 AM IST

Updated : Sep 1, 2021, 12:27 PM IST

दिल्ली में आज सुबह से हो रही झमाझम बारिश ने सत्येंद्र जैन के उस वादे की पोल खोल दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि मिंटो ब्रिज इस बारिश में नहीं डूबेगा. बारिश के बाद मिंटो ब्रिज में पानी भी भरा और यातायात भी प्रभावित हुआ. यह स्थिति आज की नहीं है साल 1950 से अब तक इस मिंटो ब्रिज में जलभराव रोकने के लिए तमाम वादे किये गये लेकिन आज तक इसका समाधान नहीं हो पाया है.

waterlogging problem in minto bridge delhi from  71 years
जलभराव से यातायात प्रभावित

नई दिल्ली: आज सुबह से दिल्ली में हो रही झमाझम बारिश ने एक बार फिर सरकारी दावों की पोल खोल दी है. बारिश से बने खुशनुमा मौसम के साथ दिल्ली वालों की नींद खुली तो उनका उत्साह देखते ही बन रहा था, लेकिन कुछ पल बाद ही दिल्ली के प्रमुख इलाकों में जलभराव और ट्रैफिक पुलिस द्वारा आवाजाही बंद होने के अलर्ट ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी. दो घंटों की बारिश ने दिल्ली के मिंटो ब्रिज को जलमग्न कर दिया. जिसके बारे कुछ दिन पहले ही दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन दावा कर रहे थे कि कनॉट प्लेस के समीप स्थित मिंटो ब्रिज इस बारिश में नहीं डूबेगा.

ये कोई पहली बार नहीं हुआ, हर मानसून में ज्यादा बारिश होने के बाद मिंटो ब्रिज का यही हाल होता है. साल 1950 में भी उस समय भी दिल्ली के तत्कालीन नगर आयुक्त PR नायक ने कहा था कि उन्होंने मिंटो ब्रिज के नीचे जलभराव को रोकने के लिए पंप सेट लगाए हैं. यह उपाय रेड्डी समिति द्वारा सुझाए गए बाढ़ विरोधी उपायों के हिस्से के रूप में किया गया था. 71 साल बाद नागरिक एजेंसियों को अभी तक रेलवे अंडरब्रिज की वार्षिक मानसून बाढ़ का हल नहीं मिल रहा है, जो दिल्ली के दिवंगत इतिहासकार के अनुसार आरवी स्मिथ ने 1933 में बनाया था.

71 सालों से है Minto Bridge में जलभराव की समस्या

यह अंडरब्रिज दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) मार्ग और स्वामी विवेकानंद मार्ग (पूर्व में मिंटो रोड) के मुख्य ट्रैफिक जंक्शन पर स्थित है और एक तरफ कनॉट प्लेस और दूसरी तरफ नई दिल्ली स्टेशन, पुरानी दिल्ली और दरियागंज की ओर जाता है.

waterlogging problem in minto bridge delhi from  71 years
जलभराव से यातायात प्रभावित
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के आला अधिकारी जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं वो भी कहते हैं

बचपन से लगभग हर साल देखा, मानसून के दौरान मिंटो ब्रिज के नीचे पानी में डूबी डीटीसी बस की तस्वीरें. इंजीनियर, नगर नियोजक और नागरिक एजेंसी के अधिकारी इसे ठीक क्यों नहीं कर सकते हैं? केवल एक ही एजेंसी को, जिनके नाम को प्रमुखता से वहां प्रदर्शित किया जाना चाहिए, खुद ही इसे ठीक कर लें.

waterlogging problem in minto bridge
मिंटो ब्रिज में भरा पानी

जुलाई 2018 में जब डीटीसी की दो बसें बाढ़ के पानी में डूब गई थीं और 10 लोगों को बचाया जाना था, दिल्ली दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी एजेंसियों को निर्देश दिए थे कि वे इस तरह के मामलों को रोकने के लिए समन्वय स्थापित करें और एक योजना तैयार करें. समस्या का एक ठोस समाधान निकालें. हालांकि, अभी तक इस समस्या का कोई भी समाधान नहीं मिला है.

Delhi traffic police alert
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस का अलर्ट
दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग के मंत्री सत्येंद्र जैन से जब कुछ दिनों पहले पूछा गया कि बरसात को लेकर विभाग की क्या तैयारियां हैं? क्या नालों की सफाई हो गई है? सत्येंद्र जैन ने जवाब देते हुए कहा कि 'दिल्ली में फ्लड कंट्रोल ऑर्डर जारी किया और जितने भी नाले हैं लगभग साफ हो गए हैं.' आगे जैन ने बताया कि कुछ जगह पर काम बाकी रहता है वो भी 30 जुलाई तारीख से पहले पहले पूरा कर लिया जाएगा. पूरी तैयारी की गई है ताकि पानी का भराव दिल्ली में न हो.
waterlogging problem in minto bridge
मिंटो ब्रिज में भरा पानी
मिंटो ब्रिज को लेकर विशेषज्ञों ने कहा कि एजेंसियों को अग्रिम तैयारी करनी चाहिए क्योंकि समस्या केवल मानसून के दौरान होती है. अक्सर ड्राइवर पानी की गहराई को नापने में असफल हो जाते हैं और फंस जाते हैं. जब तक एक ठोस इंजीनियरिंग समाधान नहीं मिल जाता है, तब तक ट्रैफिक पुलिस सहित सभी एजेंसियों को संयुक्त रूप से प्रयास करना चहािए. जैसे ही सड़क पर पानी भरना शुरू होता है, ट्रैफिक को डायवर्ट करना चाहिए और पानी की निकासी के तुरंत इंतजाम करने चाहिए.
Last Updated : Sep 1, 2021, 12:27 PM IST
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