नई दिल्ली: पूरे देश भर में कोरोनावायरस का कहर बढ़ता जा रहा है. आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह से प्रभावित होने की वजह से अर्थव्यवस्था रुक सी गई है. तमाम इंडस्ट्रियल एक्टिविटी बंद होने से रोजी रोजगार पर इसका बहुत बुरा असर पड़ा है. कोरोना काल में इतनी सारी अनिश्चितता और आर्थिक दुर्गति के बावजूद कुछ सेक्टर ऐसे हैं जो इस निराशाजनक माहौल में भी अच्छी तरक्की कर रहे हैं. फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री ऐसी ही ऐसी ही इंडस्ट्री है जो इस कोरोना काल में भी लगातार फल-फूल रही है.
कोरोना एक नया वायरस है और इसके इंफेक्शन से निपटने की कोई दवा या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. ऐसे में लोगों के सामने एक विकल्प ही बचता है कि वो अपने इम्यून सिस्टम को इतना मजबूत बना ले कि कोरोना इनफेक्शन उन्हें परेशान ना कर सके.
फार्मा इंडस्ट्री ने इस मौके को ब्लेसिंग इन डिसगाइज की तरह भुनाया है और बाजार में ऐसे उत्पादों की भरमार लगा दी. जो लोगों के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने का दावा करता हो.
बिना डॉक्टर की सलाह के ले रहे हैं विटामिन!
डॉक्टर और सरकारी तंत्र भी कोई दूसरा विकल्प ना होने की स्थिति में फार्मा इंडस्ट्री के हिसाब से चलने में ही भलाई समझ रहे हैं. इस कोरोना काल में विटामिन सी, डी और जिंक को घर-घर में पहुंचा दिया. इसके पहले लोगों ने विटामिन सी का सही इस्तेमाल नहीं किया होगा.
कोरोना का डर इस कदर हावी हुआ कि बीमार होने से बचने के लिए हॉस्पिटल, मोहल्ला क्लीनिक और डॉक्टर तो प्रिसक्राइब कर ही रहें है. लेकिन आम लोग भी खुद से ही विटामिन्स की दवाइयां अपनी इम्यून सिस्टम को स्ट्रांग करने के लिए लेने लगे. केमिस्ट का दावा है कि इस कोरोना काल में विटामिन सी विटामिन डी और जिंक की बिक्री में बेतहाशा वृद्धि हुई है.
बजट में विटामिन उत्पादों की भरमार
जाने-माने फिजीशियन और हार्ट केयर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. के. के अग्रवाल भी मानते हैं कि जबसे कोविड-19 का प्रकोप बढ़ा है मार्केट में विटामिन्स की भरमार हो गई है. हर कोई विटामिन और अपनी इम्यूनिटी के बारे में बातें कर रहा है.
50 प्रतिशत कोरोना के मरीजों को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉब्लम होती है. इसमें स्मॉल इंटेस्टाइन भी इंवॉल्व होता है. कैल्शियम, मैग्नीशियम विटामिन बी12, फोलिक एसिड, जिंक, प्रोटीन और आयरन ये सभी आवश्यक तत्व छोटी आंत यानी स्मॉल इंटेस्टाइन से होकर के ब्लड में मिलते हैं.
उन्होंने बताया कि ऐसी विटामिन या केमिकल जो पेट या छोटी आंत में एबजॉब्ड होती हैं. सभी लोगों को विटामिन लेनी चाहिए. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप अपने मन से ही विटामिन लेने लगे.
इनकी कुछ खास खुराक होती है जो आपके डॉक्टर आपको बताएंगे. डॉक्टर ही आपको बता सकते हैं कि आप को इलाज के दौरान कितना बिटामिन की मात्रा देना है और संक्रमण से बचने के लिए प्रिकॉशन के तौर पर कितनी खुराक लेनी चाहिए.
विटामिन डी की भारतीय लोगों में कमी
डॉक्टर अग्रवाल बताते हैं कि भारत में लोगों को वैसे ही विटामिन डी की कमी होती है. विटामिन बी की कमी से सांस संबंधी समस्याएं बढ़ती है. विटामिन सी के सेवन से सांस की बीमारी में आराम मिलती है. गंध और स्वाद खोने की स्थिति में और न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम के लिए भी विटामिन बी12 के ऊपर स्टडी चल रही है.
विटामिन सी और जिंक इम्युनिटी बढ़ाने में सहायक
एम्स के कार्डियो वैस्कुलर डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर अमरिंदर सिंह भी मानते हैं कि जब तक कोरोना का कोई वैक्सीन नहीं आ जाती कोई, दवाई नहीं आ जाती तब तक इनसे बचने का एक उपाय अपनी इम्युनिटी को स्ट्रांग करना है.
इम्यूनिटी को स्ट्रांग करने के लिए जिंक और विटामिन सी की बड़ी भूमिका होती है. वैसे लोग विटामिन डी और बी12 भी लेते हैं. जब कोरोना का संक्रमण नहीं था. तब भी लोग जिंक और विटामिन सी का इस्तेमाल करते थे, लेकिन इतनी बड़ी मात्रा में नहीं. क्योंकि अभी तक कोई वैक्सीन नहीं आया है तो इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए विटामिन सी और जिंक यही दो उपाय बचे हैं.
विटामिन को बेचकर फार्मा कंपनियों की बल्ले-बल्ले
डॉक्टर अमरिंदर सिंह बताते हैं कि इस कोरोना का में भी फार्मा इंडस्ट्री को काफी लाभ हो रहा है. खास करके विटामिन उत्पादों को बाजार में उतारकर फार्मा इंडस्ट्री ने मार्केट की नब्ज को टटोल लिया है. उसे कोरोना काल में भी अपने लिए जबरदस्त बिजनेस के अवसर दिखाई दे रहे हैं, जिसका वो फायदा उठा रहे हैं.
विटामिन की बिक्री में आई बढ़ोतरी
फार्मासिस्ट कालरा बताते हैं कि लोग कोरोनावायरस से बचने के लिए सावधानी के तौर पर पहले विटामिन सी और जिंक का इस्तेमाल रूटिन के रूप में करने लगे हैं. इसे देखते हुए फार्मा इंडस्ट्री ने इसके उत्पादन को बढ़ा दिया है. अभी सबसे ज्यादा विटामिन बाजार में बिक रहा है. कोरोना काल के दौरान भी लोग बड़ी मात्रा में विटामिन सी जिंक और विटामिन डी का इस्तेमाल कर रहे हैं.
विटामिन सी और जिंक का इस्तेमाल विवादास्प
दिल्ली के पार्क हॉस्पिटल के कोविड- विशेषज्ञ डॉ संदीप अग्रवाल बताते हैं कि कोविड-19 से बचने के लिए भी विटामिन सी, जिंक, विटामिन बी12 का प्रयोग किया जा रहा है. डॉक्टर संदीप का स्पष्ट मानना है कि अभी तक उनके पास कोविड से संबंधित जो आंकड़े उपलब्ध हैं. उसके मुताबिक विटामिन की कोविड के इन्फेक्शन से बचने में कोई बड़ी भूमिका नहीं है.
उन्होंने बताया कि कोरोना के इलाज में अभी कई तरह की दवाइयों का ट्रायल बेसिस पर प्रयोग किया जा रहा है. किस दवाई से कितना फायदा हो रहा है, पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता है. बुजुर्ग मरीज या वैसे मरीज जिनको पहले से ही कोई क्रॉनिक बीमारी है.
ऐसे मरीजों के लिए विटामिन सी, जिंक और विटामिन बी12 का प्रयोग फायदेमंद हो सकता है. साथ ही डॉक्टर संदीप लोगों को सावधान करते हैं कि बिना डॉक्टर की सलाह के अपने मन से विटामिन या किसी और दवा का इस्तेमाल ना करें.
हॉस्पिटल के लिवर एक्सपर्ट और सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर विश्वस्त धीर बताते हैं कि कोरोना के प्रति लोगों के मन में इतना डर बैठा है कि हर इंसान अपनी इम्युनिटी को मजबूत करने में लगा हुआ है. विटामिन के अत्यधिक प्रयोग से कोई फायदा नहीं होता है, बल्कि इससे कई तरह की बीमारियां भी हो सकती है.