नई दिल्ली: दिल्ली में 45 साल के अंतराल के बाद आई भीषण बाढ़ से जनजीवन प्रभावित हो गया है. बेघर हुए लोग के सामने अपनी अलग समस्या है. इधर, चुनी हुई दिल्ली सरकार और अफसरशाही के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी चरम पर पहुंच गया है. दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने शनिवार को मुख्य सचिव नरेश कुमार से डिविजनल कमिश्नर व राजस्व सचिव अश्विनी कुमार की शिकायत की. उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत कैंप में पानी और टॉयलेट की किल्लत है. बिजली नहीं है और खाना खराब क्वालिटी का दिया जा रहा है. मंत्री ने यह तक कहा कि राजस्व सचिव ना तो फोन उठाते हैं और ना ही उनके मैसेज का जवाब देते हैं.
मंत्री के आरोप को बताया दुर्भाग्यपूर्ण: आतिशी द्वारा लगाए आरोप के बाद अश्विनी कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि अगर जिम्मेदारी की बात है तो वह लेने के लिए तैयार हैं. हम दूसरों की तरह अपनी जिम्मेदारी और लोगों के ऊपर नहीं थोंप सकते हैं. अश्विनी कुमार ने कहा कि इस वक्त एक दूसरे पर आरोप लगाने की आवश्यकता नहीं है. उनसे आज भी बात हुई है. आतिशी राजनीति कर रही है. ऐसे हालात में आरोप लगाना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसे विषम परिस्थिति में सभी लोगों को मिलकर काम करना चाहिए.
एनडीआरएफ टीम को लेकर कही ये बात: राजस्व सचिव ने कहा कि एनडीआरएफ की टीम गत 13 तारीख से अलग-अलग जगहों पर काम कर रही है. आईटीओ पर बैराज के गेट खोलने के लिए एनडीआरएफ की टीम मांगी जा रही थी, एनडीआरएफ की वह एक्सपर्टीज नहीं है. एनडीआरएफ का काम बचाव और राहत कार्य प्रदान करने का है. बैराज के गेट खोलने व तोड़ने जैसा इंजीनियरिंग का काम यह टीम नहीं कर सकती है. उनको (आतिशी) यह संदेश दिया गया. इसकी बजाय फ्लड कंट्रोल से कहें कि वह अपनी पूरी इंजीनियरिंग की टीम को इस काम में उतारें.
अधिकारियों का पक्ष रखने के लिए आए मुख्य सचिव: मुख्य सचिव नरेश कुमार ने भी मंत्रियों द्वारा लगाए गए आरोप को लेकर दो टूक कहा कि हम सब बुद्धिमान हैं और सबको अपने स्तर पर सोचना चाहिए. बाढ़ पीड़ितों के राहत और बचाव कार्य को लेकर मुख्य सचिव ने कहा कि यह समय सबको मिलकर काम करने का है. ऐसी परिस्थिति में इस तरह के बयान बाजी नहीं करनी चाहिए. हमारे पास 1978 में जब हालात पैदा हुए थे तब एक डीएम होते थे. आज 11 डीएम है, 33 एसडीएम, 33 तहसीलदार है. हम बेहतर कर सकते हैं. सबको मिलकर काम करने की जरूरत है.
यमुना खादर में अतिक्रमण अब नहीं: मुख्य सचिव ने यमुना खादर में अतिक्रमण को लेकर कहा कि यह एक बड़ी समस्या है. अब जो हालात बने हैं इसे देखते हुए किसी भी सूरत में अतिक्रमण नहीं होने दिया जाएगा. साथ ही दिल्ली की सीवर सिस्टम को लेकर नए सिरे से सरकार को विचार करना चाहिए और यह सुझाव वह सरकार को देंगे. यमुना के निचले इलाके में जिस तरह जलभराव होने से वहां से लोगों को हटाया गया, क्या उन्हें दोबारा वहां विस्थापित किया जाएगा, इस संबंध में राजस्व सचिव ने साफ कहा कि इस बारे में विचार किया जाएगा.
बता दें कि शुक्रवार सुबह जब दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मंत्री आतिशी, सौरभ भारद्वाज समेत आला अधिकारी जब आईटीओ पर बाढ़ के हालात का जायजा लेने पहुंचे थे. तब सौरभ भारद्वाज और उपराज्यपाल के बीच एनडीआरएफ की टीम को लेकर बहस भी हुई थी. सौरभ भारद्वाज ने राजस्व सचिव अश्वनी कुमार का नाम लेते हुए कहा कि उन्होंने बात को गंभीरता से नहीं लिया. जिसके बाद मुख्य सचिव भी अपने अधिकारियों के बचाव में सामने आए थे.
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