दिल्ली में गिने जाएंगे बंदर, फेस रिकॉग्निशन ऐप का होगा इस्तेमाल

author img

By

Published : May 14, 2022, 8:56 PM IST

दिल्ली में बंदरो की संख्या की जाएगी गिनती

दिल्ली में बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है, जिसके चलते जुलाई महीने में बंदरों की संख्या की गिनती की जाएगी. वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक यह प्रपोजल WII ने तैयार किया है.

नई दिल्ली : राजधानी में बंदरों के आतंक और बढ़ती संख्या को देखते हुए जल्द ही इनकी गिनती की जाएगी. बताया जा रहा है कि जुलाई महीने में बंदरों की संख्या की गिनती की जाएगी. वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, यह प्रपोजल WII ने तैयार किया है. हालांकि इसे कैबिनेट से मंजूरी भी मिल गई है. अब जैसे ही केंद्र इसके लिए फंड देगा, प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा. वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, प्रपोजल के अनुसार, सर्वे के लिए एक ऐसे ऐप का इस्तेमाल किया जाएगा, जो यह देखेगा कि एक ही बंदर की दोबारा तो गिनती नहीं हो रही.

हालांकि इस ऐप को लेकर अभी कई सारे प्रयोग किए जा रहे हैं. बताया जा रहा है जैसे ही इस ऐप को तैयार कर लिया जाता है. उसी पर इनकी एंट्री होगी. इस ऐप में फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नालॉजी भी होगी, जिससे एक बंदर दो बार सेंसस में नहीं काउंट होगा. हालांकि इस गणना में आम लोग भी इस ऐप का इस्तेमाल कर शामिल हो सकते हैं, जिससे विभाग को बंदरों की गिनती करने में आसानी होगी.

दिल्ली में बंदरों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही. कभी तो सावर्जनिक स्थल में बंदरों का आतंक देखते नहीं बनता है. इस कारण कई बार बच्चे और महिलाएं इनके आसानी से शिकार बन जाते हैं. आपको बता दें कि दिल्ली वन विभाग ने पिछले साल दिसंबर में WII को लिखा था. इसमें वन विभाग ने राजधानी में बंदरों की गणना के लिए एक नया प्लान बनाने को कहा था. वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इसके बाद WII ने ताजा प्लान तैयार किया. इसे अब कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है.

नए प्लान को तैयार करने से पहले पुराने प्लान के कारण आई देरी और परेशानी से बचने के लिए वन विभाग ने इसको नए तरह से योजनागत तरीके से उपयोग में लाने का तरीका निकाला है. आपको बता दें कि इससे पू्र्व जो प्लान तैयार किया था उसमें यह सेंसस पांच सालों तक और अधिक लागत में पूरी हो रही थी. अब इस नए प्लान के तहत बंदरों की गणना एक साल तक होगी और इसे जरूरत पड़ने पर आगे बढ़ाया जा सकता है. वन विभाग के अनुसार, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय का अप्रूवल मिलने के बाद इस पर काम शुरू हो जाएगा. एक आंकलन लगाया जा रहा है कि यह जुलाई तक सेंसस का काम शुरू हो जाएगा.

वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, 2019 में पांच साल तक बंदरों का सेंसस करने का प्लान शुरू हुआ था. यह अप्रैल-2021 में शुरू होना था. प्रोजेक्ट की लागत करीब 12 करोड़ थी, लेकिन, यह कोविड की वजह से लेट होता चला गया. अब नया सर्वे पब्लिक के सहयोग से होगा. लोग WII के ऐप को डाउनलोड करेंगे. आम लोग इसमें अपनी फोटो और विडियो भेज सकेंगे, जिसे डेटाबेस में जोड़ा जाएगा. ऐप यूजर अगर किसी ऐसी जगह पहुंच जाएंगे, जहां जानवर अधिक हैं और उन पर हमला कर सकते हैं तो यह ऐप लोगों को अलर्ट भी भेजेगा. राजधानी में बंदरों की बढ़ती आबादी समस्या बनती जा रही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.