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दिल्ली हिंसा की साजिश रचने की वाली आरोपी शिफा उर रहमान की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी

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Published : Jun 3, 2022, 12:44 PM IST

Notice issued to Delhi Police
Notice issued to Delhi Police

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली हिंसा मामले में साजिश रचने के आरोपी और जामिया एलुमनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष शिफा उर रहमान की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को एक जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली हिंसा मामले में साजिश रचने के आरोपी और जामिया एलुमनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष शिफा उर रहमान की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को एक जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

अप्रैल को कड़कड़डूमा कोर्ट ने शिफा उर रहमान की जमानत याचिका खारिज कर दिया था. कड़कड़डूमा कोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान शिफा उर रहमान की ओर से कहा गया था कि क्या प्रदर्शनकारियों को धन देना यूएपीए के तहत अपराध है. उन्होंने रहमान की ओर से बीजेपी नेता कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और परवेश वर्मा के हेट स्पीच के खिलाफ की गई शिकायत की प्रति दिखाई थी. उन्होंने कहा था कि पुलिस ने इस मामले में शिफा उर रहमान को बतौर गवाह या आरोपी कोई पूछताछ नहीं की. अभिषेक सिंह ने पूछा था कि शिकायत के बाद एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की गई.

शिफा उर रहमान की ओर से वकील अभिषेक सिंह ने कहा था कि शिफा उर रहमान के मौलिक अधिकारों का सुनियोजित तरीके से हनन किया गया है. उन्होंने कहा कि जामिया एलुमनाई एसोसिएशन का सदस्य होना कोई अपराध नहीं है. विरोध करना और अपनी राय व्यक्त करना अपराध कैसे हो सकता है. जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी के व्हाट्स ऐप ग्रुप का सदस्य होना भी अपराध नहीं है. सिंह ने कहा था कि विरोध करना मौलिक अधिकार है. आप विरोध करने वाले को दंगाई की श्रेणी में क्यों रख रहे हैं. आरोपी ने प्रदर्शनकारियों को कुछ वित्तीय मदद भी की थी. क्या प्रदर्शनकारियों को वित्तीय मदद करना यूएपीए के तहत अपराध है. उन्होंने कहा था कि सवाल ये नहीं है कि नागरिकता संशोधन कानून या एनआरसी देश के हित में है या नहीं बल्कि सवाल ये है कि किसी कानून का विरोध करना अपराध कैसे हो गया.

जमानत याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा था कि ये दंगे सुनियोजित साजिश का हिस्सा हैं. इस दंगे में काफी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया. जरुरी सेवाएं बाधित की गईं. इस हिंसा में पेट्रोल बम, लाठी, पत्थर इत्यादि का इस्तेमाल किया गया था. दिल्ली पुलिस ने कहा था कि यूएपीए की धारा 15(1)(ए)(i)(ii) और (iii) के तहत अपराध किए गए हैं. दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली हिंसा के दौरान 53 लोगों की मौत हुई थी. दंगे के पहले चरण में 142 लोग जख्मी हुए थे जबकि दूसरे चरण में 608 लोग.

रहमान को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 26 अप्रैल 2020 को गिरफ्तार किया था. उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 124ए, 302, 307, प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट की धारा 3 और 4, आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 के अलावा यूएपीए की धारा 13, 16, 17 और 18 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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