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कंझावला पीड़िता के परिजनों से मिले मनीष सिसोदिया, एक सदस्य को नौकरी देने का किया वादा

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Published : Jan 4, 2023, 2:42 PM IST

Updated : Jan 4, 2023, 4:03 PM IST

Manish Sisodia met relatives of Kanjhawala victim
Manish Sisodia met relatives of Kanjhawala victim

दिल्ली उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया बुधवार को कंझावला पीड़िता के परिजनों (Manish Sisodia met relatives of Kanjhawala victim) से मिले. इस दौरान उन्होंने कहा कि युवती की बीमार मां का पूरा इलाज दिल्ली सरकार करवाएगी. साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी.

नई दिल्ली: दिल्ली के कंझावला हिट एंड रन मामले में हादसे की शिकार अंजली के परिवारवालों से उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मुलाकात (Manish Sisodia met relatives of Kanjhawala victim) की. उनके साथ आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी और दुर्गेश पाठक भी मौजूद रहे. इस मौके पर उन्होंने परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का वादा किया. युवती के परिवारवालों से मुलाकात के बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि, ये दरिंदगी के सिवा कुछ नहीं है. बेटी अकेली कमाने वाली थी. मां बीमार हैं, कल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इनसे बात की थी. उन्होंने कहा कि बीमार मां का पूरा इलाज सरकार करवाएगी.

इससे पहले परिवार की मांग थी कि किसी सदस्य को नौकरी दी जाए. परिवार के लोगों से कागज मांगे हैं. परिवार गरीब है तो पार्षद, विधायक और सामाजिक लोगों से गुहार लगाई गई है कि इनकी सहायता करें. इससे पहले मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीड़िता के परिजनों को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 10 लाख रुपए देने का ऐलान किया था. साथ ही उन्होंने आरोपियों को सजा दिलाने के लिए अच्छे से अच्छे वकील की नियुक्ति करने की बात कही थी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीड़िता की मां से फोन पर बात की थी और उन्हें भरोसा दिलाया था कि वह उनके साथ हैं और उनकी सरकार हरसंभव मदद करेगी.

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वहीं, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने गृह मंत्रालय को 'निर्भया' के जघन्य गैंगरेप मामले की याद दिलाते हुए कहा है कि, तब से अब तक कुछ भी नहीं बदला है. दिल्ली में औसतन प्रतिदिन 6 से अधिक बलात्कार हो रहे हैं. यहां तक कि राजधानी में एक 8 महीने की बच्ची और 90 साल की एक महिला के साथ भी क्रूरतापूर्वक बलात्कार किया जा चुका है. दिल्ली में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ उच्च अपराध दर के लिए पुलिस के संसाधनों और जवाबदेही की कमी प्रमुख कारण हैं. अप्रैल 2018 में, उन्होंने देश में बच्चों के बलात्कार के बढ़ते मामलों के खिलाफ भूख हड़ताल की थी. उनकी भूख हड़ताल के 10 दिनों के बाद, केंद्र सरकार ने उनकी मांग को स्वीकार करते हुए एक अध्यादेश पारित किया था, जिसमें बच्चों के बलात्कारियों के लिए फास्ट ट्रैक मुकदमे और मृत्युदंड का प्रावधान था. हालांकि, इन परिवर्तनों को ठीक से लागू नहीं किया गया.

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Last Updated :Jan 4, 2023, 4:03 PM IST
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