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भारत की पहली रीजनल रेल सेवा का नाम रखा गया 'RAPIDX'

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Published : Apr 11, 2023, 10:58 PM IST

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राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर पर चलने पर चलने वाली भारत की पहली सेमी हाई-स्पीड रीजनल रेल सेवाओं का नाम 'RAPIDX' रखा गया है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: NCRTC द्वारा भारत की पहली सेमी हाई-स्पीड रीजनल रेल सेवाओं को 'RAPIDX' नाम दिया गया है. ये सेवाएं रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर पर चलेंगी, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रमुख शहरी नोड्स को आपस में जोड़ने के लिए कार्यान्वित की जा रही हैं.

ब्रांड नाम RAPIDX पढ़ने और विभिन्न भाषाओं में उच्चारण करने में आसान है. 'रैपिड' नाम को पहले से ही हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पूरे क्षेत्र के नागरिकों द्वारा अपनी यातायात प्रणाली के रूप में अपनाया और पसंद किया जा रहा है. गति और प्रगति को दर्शाने के अलावा, नाम में X अगली पीढ़ी को दर्शाता है. प्रौद्योगिकी और नए युग को दर्शाता है. यह युवाओं, आशावाद और ऊर्जा का भी प्रतिनिधित्व करता है.

पहले आरआरटीएस कॉरिडोर, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ पर रैपिडएक्स सेवाएं, 82 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर प्रदान की जाएंगी. दिल्ली से मेरठ के बीच यात्रा के समय को ये काफी कम कर देंगी. एनसीआरटीसी 2025 तक पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर को जनता के लिए चालू करने का लक्ष्य बना रही है. इससे पहले, निर्धारित समय से पहले 2023 में साहिबाबाद और दुहाई के बीच 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता खंड का परिचालन आरंभ हो जाएगा.

मिली जानकारी के मुताबिक 82 किलोमीटर के दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर में कुल 25 स्टेशन होंगे. आरआरटीएस मेरठ से दिल्ली तक यात्रा के समय को 60 मिनट से कम कर देगा. दिल्ली- गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर से प्रति वर्ष लगभग दो लाख पचास हज़ार टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आने का अनुमान है.

रैपिड रेल की विशेषताएं

• तेज़ रफ़्तार पर हवा के खिंचाव को कम करने के लिए ट्रैन को एयरोडायनामिक प्रोफाइल दी गई है.

• एर्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन की गई 2X2 ट्रांसवर्स सीटिंग.

• ओवरहेड लगेज रैंक वाली कुशन वाली सीटें.

• हर ट्रेन में एक प्रीमियम क्लास कार' जो आराम, सुविधा और यूजर फ्रेंडली होगी. जिसमें अधिक लेगरुम, कोट हैंगर के साथ चौड़ी सीटें होंगी.

• प्रत्येक ट्रेन में महिलाओं के लिए एक कोच आरक्षित होगा.

• यात्रियों के लिए वाई-फाई.

• हर सीट पर मोबाइल चार्जिंग के लिए यूएसबी पोर्ट.

• दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर की जगह और आपातकालीन चिकित्सा परिवहन के लिए स्ट्रेचर की जगह मौजूद होगी.

• इंडोर और आउटडोर सर्विलांस सिस्टम.

• आग के लिए फायर डिटेक्शन सिस्टम.

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