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जीरो कार्बन उत्सर्जन की ओर बढ़ रहा भारतीय रेलवे, 2024 तक 100 प्रतिशत रेल लाइनों का हो जाएगा विद्युतीकरण

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 16, 2023, 6:43 PM IST

कार्बन उत्सर्जन पूरे विश्व के लिए एक बड़ी समस्या है. ऐसे में जलवायु परिवर्तन के बीच पर्यावरण सुरक्षा के मद्देनजर भारतीय रेलवे मजबूती के साथ जीरो कार्बन उत्सर्जन की ओर बढ़ रहा है. कहा जा रहा है कि 2024 तक 100 प्रतिशत भारतीय रेल लाइनों का विद्युतीकरण हो जाएगा.

जीरो कार्बन उत्सर्जन की ओर बढ़ रहा भारतीय रेलवे
जीरो कार्बन उत्सर्जन की ओर बढ़ रहा भारतीय रेलवे

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे शून्य कार्बन उत्सर्जन की दिशा में सराहनीय काम कर रहा है. मौजूदा रेल नेटवर्क नेटवर्क का 90 प्रतिशत से अधिक विद्युतीकृत कर दिया गया है. पिछले 9 वर्षों में 62 प्रतिशत यानी 37,014 किमी रेल लाइन का विद्युतीकरण किया गया है. दरअसल, बढ़ते कार्बन उत्सर्जन से जलवायु परिवर्तन की समस्या से भारत ही नहीं पूरा विश्व जूझ रहा है. भारत इस समस्या से निजात के लिए जीरो कार्बन उत्सर्जन की दिशा में काम कर रहा है.

राजधानी के प्रगति मैदान में इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर का आयोजन किया गया है, जिसमें इंडियन रेलवे की ओर से भी प्रदर्शनी लगाई गई है. प्रदर्शनी में इंडियन रेलवे की तरफ से क्या-क्या महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं और किन कार्यों पर काम चल रहा है इसको दर्शाया गया है. बढ़ते कार्बन उत्सर्जन से जलवायु परिवर्तन की समस्या से भारत ही नहीं पूरा विश्व जूझ रहा है. भारतीय रेलवे इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.

90 प्रतिशत रेल मार्गों का विद्युतीकरण पूरा: भारतीय रेलवे ने 90 प्रतिशत रेल मार्गों का विद्युतीकरण कर दिया है. 2024 तक इस 100 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है. प्रदर्शनी में मौजूद अधिकारियों ने बताया कि विद्युतीकरण का काम रेलवे की ओर से तेजी से किया जा रहा है, क्योंकि यह प्रधानमंत्री मोदी का एक महत्वपूर्ण मिशन है. अधिकारियों ने कहा कि 2030 तक वह विश्व का पहला जीरो कार्बन उत्सर्जक बना सकते हैं.

जीरो कार्बन उत्सर्जन की ओर बढ़ रहा भारतीय रेलवे, 2024 तक 100 प्रतिशत रेल लाइनों का हो जाएगा विद्युतीकरण
जीरो कार्बन उत्सर्जन की ओर बढ़ रहा भारतीय रेलवे, 2024 तक 100 प्रतिशत रेल लाइनों का हो जाएगा विद्युतीकरण

चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, मध्य प्रदेश, मेघालय, ओडिशा, पंडुचेरी, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सहित 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 100 प्रतिशत विद्युतीकृत रेल ट्रैक है. अन्य राज्यों में 2024 तक रेल लाइनों को विद्युतीकृत करने का लक्ष्य रखा गया है. इतना ही नहीं, भारतीय रेलवे की सौर ऊर्जा क्षमता पिछले 9 वर्षों में उल्लेखनीय रूप से बढ़ी और मार्च 2023 तक 200.31 मेगावाट तक पहुंच गई.

विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क:

  1. भारतीय रेलवे विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है और भारत में सबसे बड़ा बिजली उपभोक्ता है. करीब 67,956 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली 13000 ट्रेनों में रोजाना करीब 24 मिलियन लोग यात्रा करते हैं. प्रतिदिन 3.3 मिलियन टन माल की ढुलाई भी की जाती है.
  2. वर्ष 2024 तक भारतीय रेलवे ने खुद को पूर्णतया विद्युतीकरण करने का लक्ष्य रखा है. इसके बाद भारतीय रेलवे विश्व की सबसे बड़ी 100 प्रतिशत विद्युतीकृत वाली परिवहन प्रणाली बन जाएगी.
  3. वर्ष 2030 तक भारत विश्व का पहला जीरो कार्बन उत्सर्जक बना सकते हैं. अभी चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद भारत तीसरा सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक देश है.

सोलर पैनल से पैदा कर रहे बिजली: रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, देश भर में 960 से अधिक रेलवे स्टेशनों पर सोलर पैनल लगाए गए हैं, जिनसे बिजली पैदा होती है. मध्य प्रदेश के बिना में 1.7 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र का निर्माण जुलाई 2020 में हुआ था. यह विश्व का पहले सौर ऊर्जा संयंत्र है, जो सीधे रेलवे ओवरहेड लाइनों को बिजली देता है. देश के अन्य शहरों में भी सौर ऊर्जा संयंत्र के निर्माण का कार्य भी चल रहा है.

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