Meeting in Water Logging: मानसून के दौरान दिल्ली न हो तर-बतर, कवायद शुरू

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Published : May 9, 2023, 8:13 PM IST

High level meeting held regarding water logging
High level meeting held regarding water logging ()

मानसून में होने वाले जलजमाव को लेकर दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक की गई, जिसमें मंत्रियों सहित कई अधिकारी भी शामिल रहे. इस दौरान दिल्ली के विभिन्न इलाकों में मानसून के पहले जलजमाव की समस्या को दूर करने के लिए तैयारियां पूरी करने पर बात की गई.

नई दिल्ली: मानसून के दौरान दिल्ली में होने वाले जलजमाव को रोकने के लिए मंगलवार को दिल्ली सचिवालय में उच्चस्तरीय बैठक हुई. इस दिशा में सभी विभागों की तैयारियों की जांच के लिए पीडब्ल्यूडी मंत्री, शहरी विकास मंत्री व डिप्टी मेयर की अध्यक्षता में संयुक्त समीक्षा बैठक की गई. बैठक में पीडब्ल्यूडी, बाढ़ एवं सिंचाई नियंत्रण विभाग, दिल्ली जल बोर्ड, एमसीडी, एनडीएमसी, डीडीए व दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड के उच्चाधिकारी शामिल हुए.

इस दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि दिल्ली की सभी एजेंसीज जलजमाव की समस्या दूर करने के लिए साथ मिलकर काम करें क्योंकि जलजमाव की समस्या दूर करना सबकी संयुक्त जिम्मेदारी है. बैठक में पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बरसात से पहले शहर में जलजमाव वाले सभी पॉइंट्स का निरीक्षण किया जाए और सभी विभाग साथ मिलकर माइक्रो लेवल प्लानिंग के साथ इन इलाकों से जलजमाव की समस्या को दूर करने पर फोकस करें. शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सभी विभाग मॉनसून के दौरान आनन-फानन में तैयारी करने का बजाय पहले ही जलजमाव की सभी समस्या को दूर करने का काम करें, जिससे की भारी बारिश में भी जलजमाव न हो और लोगों को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े.

पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने अधिकारियों से कहा कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि दिल्ली के लोगों के लिए मॉनसून का मौसम परेशानी मुक्त हो. सभी ड्रेनेज सिस्टम की सफाई और मरम्मत के साथ-साथ अन्य समस्याओं से निपटने के लिए भी हम तैयार हों, इसके लिए 24 घंटे काम किया जा रहा है. लेकिन सभी विभागों को अब साथ मिलकर काम करने की जरूरत है, ताकि यह सभी संसाधनों का कुशलता से प्रयोग हो और दिल्ली में कहीं भी जलजमाव की समस्या उत्पन्न न हो.

पीडब्ल्यूडी मंत्री ने बताया कि सभी अधिकारी मॉनसून से पूर्व होने वाली बारिश के तुरंत बाद की स्थिति का आकलन करने और उसमें जलभराव वाले इलाकों को चिह्नित करें. साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि उस पॉइंट से जलजमाव की समस्या को दूर करने के लिए मॉनसून से पहले ही जरूरी तैयारियां पूरी कर ली जाएं.

समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सभी विभाग जलजमाव वाले स्थानों की कड़ी निगरानी करें. साथ ही यह भी ध्यान रखें कि जलजमाव से संबंधित समस्याओं के कारण किसी भी नागरिक को परेशानी का सामना न करना पड़े. विभागों के अधिकारी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में जाकर वास्तविक स्थिति का जायजा लें. यदि जलजमाव वाले क्षेत्र चिह्नित हों तो वहां तत्काल कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि मॉनसून के दौरान जलजमाव व यमुना नदी के जलस्तर बढ़ जाने के कारण खादर क्षेत्र में बाढ़ जैसी समस्या उत्पन्न न हो, इससे बचने के लिए सभी अधिकारी सतर्कता के साथ हर स्थिति पर पैनी नजर बनाए रखें.

आईओटी मॉनिटरिंग डिवाइस के जरिए की जाएगी निगरानी: उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को मॉनसून से पहले सभी सीवर लाइनों व नालों की डिसिल्टिंग का कार्य पूरा करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने बताया कि इसके अलावा दिल्ली के विभिन्न इलाकों में बनाए गए सीवेज पपिंग स्टेशनों (एसपीएस) में पानी ओवरफ्लो होने या किसी तरह की खराबी के बारे में चेतावनी देने के लिए अलार्म लगाए गए हैं. इससे दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को तुरंत चेतावनी मिल जाएगी कि सीवेज ओवरफ्लो का खतरा बढ़ गया है, ताकि समय रहते उचित कदम उठाया जा सके.

इन सीवर पंपिंग स्टेशनों की निगरानी आईओटी मॉनिटरिंग डिवाइस के जरिए की जाएगी. इस इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में लगा सेंसर यह सुनिश्चित करेगा कि पपिंग स्टेशन में सीवर का गंदा पानी एक तय लेवल तक भरते ही वरिष्ठ अधिकारियों को अलर्ट चला जाए, जिससे सीवेज पंपिंग स्टेशन पर मौजूद ऑपरेटर की जिम्मेदारी और जवाबदेही दोनों तय की जा सके.

जलजमाव को दूर करने के लिए विभागों द्वारा की गईं तैयारियां

पीडब्ल्यूडी-

  • दिल्ली में पीडब्ल्यूडी ने 128 पंप हाउस स्थापित किए हैं, जिनमें 700 से अधिक पंप है.
  • 11 पंप हाउस पूरी तरह से ऑटोमेटिक हैं जो सेंसर के माध्यम से पानी के स्तर के बढ़ते ही स्वत: शुरू हो जाते हैं.
  • मॉनसून में जरुरत पड़ने पर पीडब्ल्यूडी अपने मोबाइल पंप यूनिट भी तैनात करेगी.
  • पीडब्ल्यूडी के नालों की डी-सिल्टिंग का काम जारी है और 31 मई तक पहले फेज की डी-सिल्टिंग का काम पूरा हो जाएगा और मॉनसून के बाद दोबारा डी-सिल्टिंग का काम किया जाएगा.
  • मॉनसून के दौरान पीडब्ल्यूडी का सेंट्रल कंट्रोल रूम गंभीर जलजमाव वाले स्थानों की 24 घंटे सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी करेगा.
  • इसके अतिरिक्त पीडब्ल्यूडी 10 अन्य स्थानों में कंट्रोल रूप स्थापित करेगी.
  • लोग जलजमाव संबंधित शिकायतें दर्ज कर सकें, इसके लिए पीडब्ल्यूडी मॉनसून के दौरान हेल्पलाइन नंबर जारी करेगी.
  • पीडब्ल्यूडी ने 165 जलजमाव वाले क्षेत्र चिह्नित किए है. यहां की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए जलजमाव से निपटने की तैयारी की जा रही है.

बाढ़ और सिंचाई नियंत्रण विभाग: दिल्ली में सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के तहत कुल 57 ड्रेन है, जिनकी कुल लंबाई करीब 382 किलोमीटर है. इन नालों की सफाई के लिए 53 विभागीय मशीनें तैनात है. बाढ़ और सिंचाई नियंत्रण विभाग की ओर से 30 अप्रैल 2023 तक 5,65,371 मीट्रिक टन की डी-सिल्टिंग की जा चुकी है. वहीं जल्द ही बचे हुए शेष नालों की डी-सिल्टिंग का कार्य भी पूरा हो जाएगा.

दिल्ली में एस्केप ड्रेन नंबर 1, बिहारीपुर नाला, बंद नाला, रिलिफ ड्रेन, किराड़ी सुलेमान नगर नाला, पंखा रोड नाला और नसीरपुर आदि मॉनसून में परेशानी पैदा करने वाले प्रमुख नाले हैं. ऐसे में लोगों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े, इसी को ध्यान में रखते हुए सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा नालियों से गाद निकालने, विशेष रूप से पुलियों के नीचे से गाद हटाने का कार्य किया जा चुका है. साथ ही फ्लोटिंग सामग्री को नियमित रूप से नालों से निकाला जा रहा है. चिह्नित स्थानों पर बार स्क्रीन और पंप लगाए गए है. यहां जलभराव की समस्या न पनपने पाए, इसे लेकर सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों द्वारा निगरानी की जा रही है.

  • 15 जून तक एमसीडी के हर छोटे-बड़े नाले की डी-सिल्टिंग पूरी होगी.
  • जलजमाव वाले स्थानों पर स्थायी व मोबाइल पंप तैनात किए गए हैं.
  • 12 जोनल कंट्रोल रूम पूरे मॉनसून जलजमाव की स्थिति पर निगरानी रखेंगे.

एनडीएमसी

  • सभी मुख्य नालों की सफाई की जा चुकी है.
  • जलजमाव वाले स्थानों पर ऑटोमैटिक पंप तैनात किए गए है. साथ ही जरुरत पड़ने पर मोबाइल पंप यूनिट का इस्तेमाल किया जाएगा.

डीडीए

  • पहले फेज के डी-सिल्टिंग का काम पूरा हो चुका है.
  • 31 मई तक दूसरे फेज के डी-सिल्टिंग का काम पूरा हो जाएगा.
  • जलजमाव वाले स्थानों के लिए एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है, जिसके तहत पंप तैनात किए जाएंगे.

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