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Delhi High Court में गिद्धों के संरक्षण की मांग पर सुनवाई आज

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Published : Aug 24, 2022, 7:45 AM IST

भारत में गिद्धों की संख्या कम हो रही है, जो एक गंभीर चिंता का विषय विषय बन गई है. गिद्धों के संरक्षण की मांग को लेकर वकील गौरव बंसल ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसपर आज कोर्ट सुनवाई करेगी. इससे पहले 13 मई को कोर्ट में याचिका पर सुनवाई हुई थी.

protection of vultures
protection of vultures

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) आज गिद्धों के संरक्षण की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई (Hearing on demand for protection of vultures) करेगी. चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी.

याचिका वकील गौरव बंसल ने दायर किया है. याचिका में मांग की गई है कि पशुओं पर नॉन स्टेरॉयडल एंटी इंफ्लामेटरी दवाईयों की टेस्टिंग से पहले एक प्रभावी मेकानिज्म तैयार किया जाए. याचिका में कहा गया है कि मेलोक्सिकैम का जानवरों पर इस्तेमाल करने के लिए बढ़ावा दिया जाए क्योंकि ये दवाई गिद्धों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है. याचिका में मांग की गई है कि पशुओं को दी जाने वाली टॉक्सिक दवाईयों के खुले बाजार में बेचने और उनके रेगुलेशन के लिए एक मॉनिटरिंग कमेटी बनाई जाए.

याचिका में कहा गया है कि जब जानवरों की मौत होती है तो गिद्ध उनके मांस को खाते हैं. जानवरों को दिए गए टॉक्सिक दवाईयों की वजह से गिद्धों की मौत हो जाती है. इसलिए मृत गिद्धों का डाटा एकत्र कर यह पता लगाया जाए कि उनकी मौत की वजह क्या है. याचिका में में कहा गया है गिद्धों की सुरक्षा के लिए कोर्ट हस्तक्षेप करे क्योंकि देश में गिद्धों को विलुप्तप्राय प्रजाति के रूप में चिह्नित किया गया है.

बता दें कि इस मामले में 13 मई को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन, राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के साथ-साथ बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी को नोटिस जारी किया था. साथ ही उनसे चार सप्ताह में जवाब देने की मांग की थी. पीठ ने सरकार से कहा कि कुछ दवाएं विशेष रूप से गिद्धों के लिए जहरीली हैं और राष्ट्रीय गिद्ध वसूली समिति द्वारा पशु चिकित्सा के उपयोग के लिए इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए किए गए अनुरोध की जांच करने की भी बात कही थी.

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