नई दिल्ली: साकेत कोर्ट ने ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स की जमाखोरी के मामले में व्यवसायी नवनीत कालरा की जमानत याचिका (Bail plea of Navneet Kalra) पर सुनवाई की. इस दौरान दौरान अभियोजक श्रीवास्तव ने दिल्ली कोर्ट से कहा कि ऑक्सीजन कंसंटेटर न तो प्रीमियम था और न ही जर्मनी का. यह ऑक्सीजन का फ्लो नहीं है और यह एक व्यक्ति के उपयोग के लिए भी उपयुक्त नहीं है.
यह एक सफेदपोश अपराध
श्रीवास्तव ने कहा कि नवनीत कालरा का इरादा धोखा देना और लाभ कमाना था और यह एक सफेदपोश अपराध है. कालरा ने सबूतों के साथ भी छेड़छाड़ की है और अन्य सह-आरोपियों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है. हालांकि पुलिस ने उन्हें नोटिस दिया है.
खारिज की जाए जमानत याचिका
अभियोजक श्रीवास्तव का कहना है कि नवनीत कालरा ने आत्मसमर्पण नहीं किया था और छुप रहा था. ऐसे में उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी जानी चाहिए.
16 मई को किया गया था गिरफ्तार
पिछले 20 मई को कोर्ट ने कालरा को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आकांक्षा गर्ग ने दिल्ली पुलिस की हिरासत की मांग को खारिज करते हुए न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था. पिछले 17 मई को कोर्ट ने कालरा को तीन दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा था. 16 मई को दिल्ली पुलिस ने नवनीत कालरा को गुड़गांव से गिरफ्तार किया था.