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दिल्ली विश्वविद्यालय में एड-हॉक शिक्षकों को स्थाई करने की मांग, डिप्टी सीएम ने वीसी को लिखा पत्र

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Published : Jan 27, 2023, 7:51 PM IST

दिल्ली विश्वविद्यालय में एड-हॉक शिक्षकों को स्थाई करने की मांग
दिल्ली विश्वविद्यालय में एड-हॉक शिक्षकों को स्थाई करने की मांग

आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि अभी हाल फिलहाल में जो कॉलेज में इंटरव्यू चल रहे हैं, इसमें 10 पद पर काम करने वाले 10 लोगों को एक साथ हटा दिया जा रहा है. यह डूटा की जनरल बॉडी का फैसला था कि जो लोग जहां काम कर रहे हैं उन्हें हटाया नहीं जाएगा. वे सभी योग्य लोग हैं, अपने–अपने क्षेत्र में टॉपर्स हैं, इनके पास सभी डिग्री हैं और काफी समय से वे दिल्ली विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं. हाल ही में डीयू में इंटरव्यू प्रक्रिया में जो हटाने की प्रक्रिया देखने को मिली है, उसे कत्लेआम कहा जाएगा.

नई दिल्ली: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह को पत्र लिखकर दिल्ली के विभिन्न कॉलेजों में सहायक प्रोफेसरों के लिए चल रहे साक्षात्कार के दौरान लगभग 70 प्रतिशत एडहॉक और अस्थायी शिक्षकों के विस्थापन पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने स्थायी भर्ती में एडहॉक शिक्षकों को शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया है, क्योंकि उनमें से कई दशकों से दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में पढ़ा रहे हैं और उनके पास विभिन्न बैकग्राउंड के छात्रों के साथ और उनकी शैक्षिक जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा करने का लम्बा अनुभव है.

मनीष सिसोदिया ने अपने पत्र में लिखा कि, “डीयू के विभिन्न कॉलेजों में सहायक प्रोफेसरों के लिए चल रहे साक्षात्कार सिस्टम के लिए भयवाह है. रिपोर्ट कहती है कि इससे दिल्ली विश्वविद्यालय के 70% एड-हॉक शिक्षकों को विस्थापित किया जा रहा है. हमारा मानना है कि स्थायी भर्ती में एडहॉक शिक्षकों को पक्का किया जाना चाहिए. वे डीयू की चुनौतियों को समझते हैं, दशकों से वहां काम कर रहे हैं. दिल्ली सरकार के 28 कॉलेजों के बोर्ड में नॉमिनी हैं. इन बोर्डों के पास एड-हॉक को स्थायी भूमिकाओं में समाहित करने की शक्ति है और हम इसके साथ आगे बढ़ना चाहते हैं. डीयू वीसी, दिल्ली सरकार के कॉलेजों में एडहॉक और अस्थायी शिक्षकों को पक्का करने की सुविधा प्रदान करें, इस पूरी प्रक्रिया में हमारी गवर्निंग बॉडी अपना पूरा सहयोग देंगी.

सिसोदिया ने कहा, “दिल्ली सरकार के 28 कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी में सरकार नॉमिनी है और हम उनमें कार्यरत एडहॉक और अस्थायी शिक्षकों के लिए जिम्मेदार हैं. अध्यादेश(ऑर्डिनेंस) XVIII-4(a) शिक्षण स्टाफ की नियुक्ति गवर्निंग बॉडी द्वारा किए जाने का प्रावधान करता है. इसके साथ हम अपने 28 कॉलेजों में एडहॉक और अस्थायी शिक्षकों की नियुक्ति के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं. इन कॉलेजों के गवर्निंग बॉडी द्वारा एडहॉक और अस्थायी शिक्षकों के पक्का करने की प्रक्रिया को लागू करने के लिए टेम्प ऑर्ड XIII ए (1977-78) को पुनर्जीवित किया जाएगा. हाल ही में पंजाब सरकार ने ऐसे ही शिक्षकों और कर्मचारियों को पक्का किया है. उन्होंने डीयू के उपकुलपति से अनुरोध करते हुए कहा कि, वीसी इन कॉलेजों में एडहॉक और अस्थायी शिक्षकों को पक्का करने की सुविधा प्रदान करें.इस पूरी प्रक्रिया में हमारे गवर्निंग बॉडी अपना पूरा सहयोग देंगे.

डीयू में एडहॉक शिक्षकों के स्थायीकरण के लिए केंद्र सरकार से अध्यादेश लाने की मांग

आप के राष्ट्रीय शिक्षक संगठन आम आदमी दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (एएडीटीए) ने केंद्र सरकार से डीयू में एडहॉक शिक्षकों के स्थायीकरण के लिए अध्यादेश लाने की मांग की है. आम आदमी पार्टी के टीचर्स विंग के राष्ट्रीय प्रभारी आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय हिंदुस्तान की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी के रूप में जानी जाती है. डीयू में 12 हजार शिक्षक कार्यरत हैं, जिनमें 6 हजार टेंपरेरी हैं. उन्होंने कहा कि अभी हाल फिलहाल में जो कॉलेज में इंटरव्यू चल रहे हैं, इसमें 10 पद पर काम करने वाले 10 लोगों को एक साथ हटा दिया जा रहा है. यह डूटा की जनरल बॉडी का फैसला था कि जो लोग जहां काम कर रहे हैं उन्हें हटाया नहीं जाएगा. वे सभी योग्य लोग हैं, अपने–अपने क्षेत्र में टॉपर्स हैं, इनके पास सभी डिग्री हैं और काफी समय से वे दिल्ली विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं.

हाल ही में डीयू में इंटरव्यू प्रक्रिया में जो हटाने की प्रक्रिया देखने को मिली है, उसे कत्लेआम कहा जाएगा. करीब 72 -75 फीसद योग्य शिक्षकों के पास यूजीसी के नियमों के तहत योग्यता है, लेकिन एडहॉक व अस्थायी टीचर्स के रूप में कार्य करने वाले शिक्षकों को उनके पद से हटा दिया गया. कई वर्षों से दिल्ली (महानगर) में रह रहे इन शिक्षकों के पास मकान के किराए के लिए भी पैसे नहीं हैं और न ही वे अपने बच्चों की स्कूल फीस औऱ ईएमआई दे सकते हैं. बैंक से लोन लेकर मकान खरीदने वाले इन शिक्षकों के पास बैंक से नोटिस आ रहे हैं कि बैंक को पैसे दो या फिर घर खाली करें. आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति को इस विषय में पत्र लिखा है. इस मामले में संज्ञान लेने के लिए हम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का दिल से धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने शिक्षकों के दर्द को महसूस किया.

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